Video
पड़पड़गंज: अवध ओझा की राह में मुश्किलें जरूर लेकिन पूर्वांचली वोटर ‘आप’ के लिए एकजुट
पूर्वी दिल्ली की पड़पड़गंज विधानसभा पहले से ही चर्चित सीट है, लेकिन इस चुनाव में अवध ओझा ने इसे और भी सुर्खियों में ला दिया है.
ओझा, एक अध्यापक हैं. सोशल मीडिया से कोरोना काल में उन्हें काफी लोकप्रियता मिली. बीते कुछ समय में उनकी चुनावी महत्वाकांक्षा का सफर कांग्रेस एवं भाजपा से होते हुए आम आदमी पार्टी (आप) पर ख़त्म हुआ. फिलहाल, वे पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सीट से ‘आप’ के उम्मीदवार हैं. सिसोदिया जंगपुरा से चुनाव लड़ रहे हैं. दरअसल, साल 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के रवि नेगी से सिसोदिया महज चार हजार वोट से ही जीत पाए थे.
भाजपा ने इस बार भी रवि नेगी को ही टिकट दिया है. वहीं, कांग्रेस से अनिल चौधरी उम्मीदवार हैं. दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष रहे चौधरी साल 2008-13 के बीच यहां से विधायक रह चुके हैं.
इस सीट पर पूर्वांचली और पहाड़ी वोटरों की बहुलता है. रवि नेगी उत्तराखंड से ताल्लुक रखते हैं. वहीं, अवध ओझा गोंडा से हैं, जो पूर्वांचल का हिस्सा है. अनिल चौधरी स्थानीय निवासी हैं.
आम आदमी पार्टी का ओझा को उतारने के पीछे मकसद पूर्वांचली वोटरों को एकजुट करना है. लेकिन क्या वो ऐसा कर पा रही है. क्या जो पूर्वांचली कभी भाजपा को वोट करते थे, वो अब ‘आप’ को वोट देंगे?
इन्हीं सब सवालों के जवाब जानने के लिए हमने एक दिन अवध ओझा के चुनाव प्रचार पर नजर डाली. साथ ही लोगों से उनके मुद्दों को लेकर भी बात की. कुछ लोगो ने अवध ओझा का खूब स्वागत किया तो कुछ ने जमकर सवाल भी पूछे. अवध ओझा के लिए विधानसभा की राह आसान नहीं दिख रही है. हालांकि, वे आत्मविश्वास से लबरेज़ हैं और खुद के साथ-साथ पार्टी की भी 60 सीटों पर जीत का दावा कर रहे हैं.
देखिए पटपड़गंज से न्यूज़लॉन्ड्री की रिपोर्ट-
Also Read
-
Rajiv Pratap Rudy on PM’s claims on ‘infiltrators’, ‘vote-chori’, Nishikant Dubey’s ‘arrogance’
-
Can you really afford a house in India?
-
TV Newsance 313: What happened to India’s No. 1 China hater?
-
वरिष्ठ पत्रकार संकर्षण ठाकुर का निधन, पत्रकारिता जगत में शोक की लहर
-
Chronicler of Bihar, veteran editor ‘with a spine’: Journalists mourn the death of Sankarshan Thakur