अतुल चौरसिया और अनुराग कश्यप की तस्वीर
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एनएल चर्चा 352: केनेडी की रिलीज पर रुकावट, बढ़ती मजहबी नफरत और भोपाल में जहरीले कचरे का निपटान

इस हफ्ते फिल्मकार अनुराग कश्यप द्वारा अपनी फिल्म केनेडी के भारत में रिलीज़ न होने को लेकर दिए बयान, भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड के पुराने संयत्र से लगभग 337 टन ज़हरीले कचरे के निपटारे संबंधी आदेशों और मॉब लिचिंग एवं नफरती राजनैतिक भाषणों पर चर्चा हुई. 

इसके अलावा इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत सरकार द्वारा सुशासन सूचकांक 2023 को नहीं जारी करने का फैसला, महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री नीतेश राणे ने भाषण के दौरान केरल को मिनी पाकिस्तान कहा, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद ज़िले में 29 साल के शाहिद्दीन कुरैशी की गोकशी के आरोप में भीड़ द्वारा हत्या, पटना में पुलिस द्वारा बीपीएससी परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर प्रदर्शन करने वाले छात्रों पर लाठीचार्ज, 30 दिसंबर को गृह विभाग द्वारा भारतीय जेलों के मैन्युअल में संशोधन करते हुए जेल के अंदर की प्रक्रिया में किसी भी तरह के जातिगत भेदभाव न करने के आदेश और अरविन्द केजरीवाल द्वारा सरकार आने पर पुजारियों और ग्रंथियों को 18 हज़ार रूपये मानदेय का ऐलान आदि ख़बरें भी हफ्तेभर तक चर्चा का विषय रहीं.  

इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार अजय ब्रह्मात्मज और हृदयेश जोशी ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और विकास जांगड़ा शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.

चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “सेंसर बोर्ड जिसका काम सर्टिफिकेट देना है, अब वह सेंसरशिप करने लगा है. अनुराग कश्यप के साथ जो हो रहा है, क्या यह इसी का विस्तार है या यह मुद्दा कुछ और है?”

इस मुद्दे पर अजय कहते हैं, “केनेडी, अनुराग की एक अच्छी फिल्म है. लेकिन इस फिल्म के कॉपीराइट्स जिसने खरीद लिए हैं, उसे लग रहा है कि यह फिल्म बाजार में जाने लायक नहीं है. चूंकि दर्शक मिलने का पैमाना आजकल पुष्पा-2 जैसी फिल्मों ने तय किया है. इससे स्वतंत्र सिनेमा को नुकसान हुआ है.”

सुनिए पूरी चर्चा-

टाइमकोड्स

00:00 - इंट्रो और 

5:30 - सुर्खियां

17:10 - अनुराग कश्यप की फिल्म केनेडी पर चर्चा

50:30 - सब्सक्राइबर्स के पत्र

01:10:33- भोपाल गैस त्रासदी के ज़हरीले कचरे का निपटान

01:39:40- सलाह और सुझाव

पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए

अजय ब्रह्मात्मज 

फिल्म - फूल का छंद   

यूनुस खान की किताब - उम्मीदों के गीतकार शैलेन्द्र 

हृदयेश जोशी 

मनीषा पांडे द्वारा न्यूज़लॉन्ड्री पर राजदीप सरदेसाई का इंटरव्यू 

संदीप भूषण की किताब - द इंडियन न्यूज़रूम 

शार्दूल कात्यायन 

फिल्म - नोस्फेरातू 

द अटलांटिक पर अपूर्वा मंडावेली का लेख 

ऑस्कर वाइल्ड की किताब - ओनली डल पीपल आर ब्रिलियंट एट ब्रेकफास्ट 

जामिया नगर की एक दुकान मगधी बड्स 

विकास जांगड़ा 

फिल्म - गर्ल्स विल बी गर्ल्स 

अतुल चौरसिया 

टीवी सीरीज़ - चर्नोबिल 

ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमा

प्रोड्यूसर: आशीष आनंद 

एडिटिंग: आशीष आनंद 

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