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संभल हिंसा का पूरा सच: परत दर परत
सूनी सड़कें, पसरा सन्नाटा और पुलिस की गाड़ियों के सायरनों की आवाज. अभी उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिले संभल की स्थिति कुछ ऐसी ही है. शहर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है. यहां दो कंपनी आरएएफ और करीब 8 से 9 कंपनी पीएसी समेत आसपास के कई जिलों से भी पुलिस तैनात है.
दरअसल, देश में एक बार फिर एक मस्जिद विवादों के घेरे में है. संभल शहर के ऊंचे टीले पर बनी इस शाही जामा मस्जिद के सर्वे के बाद 24 नवंबर को हिंसा भड़क उठी. इस हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई. जबकि कई अन्य घायल हो गए. स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस की गोलियों से युवकों की मौत हुई है. जबकि पुलिस प्रशासन ने इस दावे को खारिज किया है.
हिंसा में मरने वालों में एक 17 वर्षीय मोहम्मद अयान भी हैं. अयान, उनकी बूढ़ी विधवा मां के लिए अकेले सहारा थे. वे एक होटल में वेटर के काम से रोजाना 200 रुपए कमाते थे. इन्हीं रुपयों से घर और उनकी मां नफीसा की दवाई खर्चा चलता था.
नफीसा कहती हैं, "बेटा होटल पर काम करने के लिए गया था लेकिन पता नहीं वह कैसे वहां पहुंच गया. मुझे किसी ने घर आकर बताया कि अयान को पुलिस ने गोली मार दी. जब मैं देखने गई तो अयान किसी की गोद में था. मैंने पूछा क्या हुआ तो उसने बताया कि गोली लग गई."
इसके बाद वह रोने लगती हैं और अपना आपा खो देती हैं. वह कहती हैं, "मुझसे कुछ मत पूछो."
हमने संभल के सरकारी अस्पताल में भर्ती दो घायलों से भी बात की. घायलों के मुताबिक उन्हें पुलिस ने गोली मारी है. वहीं, मृतक के परिवारों के अलावा, घायलों और जिनके घर में तोड़फोड़ हुई है उनसे भी बात की. याचिकाकर्ता मंदिर के महंत और मस्जिद के सदर ने भी हमसे इस पूरे मुद्दे पर खुलकर बातचीत की. साथ ही पुलिस प्रशासन से बात की और इस हिंसा के बाद उठे सवालों का जवाब मांगा. जिला पुलिस अधीक्षक और डीएम ने न्यूज़लॉन्ड्री के सभी सवालों का जवाब दिया.
लेकिन बड़ा सवाल यही है कि हिंसा की पूरी हकीकत क्या है और यह क्यों भड़क उठी? हिंसा के बाद कैसे हालात हैं? हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों पर क्या बीत रही है? पुलिस पर किन लोगों को निशाने पर लेने का आरोप है और पुलिस क्या किसी को बचा रही है? आखिर मस्जिद का इतिहास क्या है? साथ ही किसकी मांग पर मस्जिद में सर्वे हुआ, जिसकी एक कड़ी इस हिंसा से जुड़ी है? इन सब सवालों के जवाब जानने के लिए हमने संभल का दौरा किया. देखिए संभल का पूरा सच उजागर करती हमारी यह ग्राउंड रिपोर्ट.
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