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कुलदीप नैयर पत्रकारिता सम्मान: "मीडिया की आजादी में समाज और राजनीति की अहम भूमिका"
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सरोकार संपन्न निर्भीक पत्रकारिता के लिए गांधी शांति प्रतिष्ठान की कुलदीप नैयर पत्रकारिता सम्मान दिया जाता है. बीते साल यानि 2023 के लिए यह सम्मान वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश को दिया गया. गांधी शांति प्रतिष्ठान के सभागार में इस बार सम्मान समारोह का आयोजन हुआ.
वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश की पत्रकारिता यात्रा काफी लंबी है. उन्होंने नवभारत टाइम्स, दैनिक हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अपनी सेवाएं दी हैं. प्रिंट के अलावा उर्मिलेश ने टीवी पत्रकारिता में भी काफी अहम योगदान दिया है. उन्होंने राज्यसभा चैनल के संस्थापक कार्यकारी संपादक के रूप में अपनी गहरी छाप छोड़ी है.
पत्रकारिता के अलावा उर्मिलेश ने कई किताबें भी लिखी हैं. जिनमें बिहार का सच, जादुई जमीन का अंधेरा, विरासत और सियासत आदि प्रमुख हैं.
सम्मान पाने के बाद उर्मिलेश खुशी जाहिर की और गांधी शांति प्रतिष्ठान का धन्यवाद किया. इस दौरान उन्होंने मीडिया की आजादी पर बात करते हुए कहा कि मीडिया की आजादी का सीधा संबंध किसी भी मुल्क के समाज और राजनीति से है. इसीलिए एशियाई देशों में मीडिया को बहुत सीमित आजादी है.
इससे पहले वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार, अजीत अंजुम और आरफा खानम शेरवानी को इस सम्मान से नवाजा जा चुका है.
अब हर साल 14 अप्रैल को होगा सम्मान समारोह
गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत ने बताया कि अब से हर साल 14 अप्रैल को इस अवॉर्ड का सम्मान समारोह आयोजित होगा. इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि यह तारीख इसीलिए चुनी गई है क्योंकि इस दिन रॉलेट एक्ट के विरोध में हुआ आंदोलन अपने चरम पर पहुंचा था. मालूम हो कि आजादी से पहले अंग्रेज भारत में ये कानून लेकर आए थे. जिसके विरोध में महात्मा गांधी ने 6 अप्रैल से ये आंदोलन शुरू किया था.
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