Report
महाराष्ट्र में विपक्ष हमलावर: ‘‘अजित पवार ने तो बीजेपी की बदनामी कर दी’’
साल 2023 में अजीत पवार अपने चाचा और राजनीतिक गुरु शरद पवार से अलग होकर भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार का हिस्सा बन गए थे. उस वक्त उन्होंने कहा था कि उनकी और उनके चाचा शरद पवार की भाजपा नेताओं के साथ एक बैठक 2019 में हुई थी. यह बैठक एक उद्योगपति के घर हुई थी.
अब अजीत पवार ने न्यूज़लॉन्ड्री को दिए एक साक्षात्कार में उस उद्योगपति के नाम का खुलास कर राजनीतिक गलियारो में हलचल पैदा कर दी है. पवार ने स्वीकार किया है कि 2019 की बैठक में गौतम अडाणी मौजूद थे. न्यूज़लॉन्ड्री को दिए गए इंटरव्यू में अजित पवार ने माना कि 2019 विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद यह मीटिंग हुई थी. अमित शाह, देवेंद्र फणनवीस और शरद पवार और गौतम अडाणी मौजूद थे.
अजित पवार ने कहा, ‘‘आपको मालूम नहीं है. उस बात को पांच साल हो गए. सबको मालूम है कि कहां मीटिंग हुई. दिल्ली में किस उद्योगपति के घर में मीटिंग हुई थी. उस मीटिंग में अमित शाह थे, गौतम अडाणी थे, प्रफुल्ल पटेल थे, देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार थे, पवार साहब (शारद पवार) थे. सब थे.’’
अजीत पवार 2019 के उस घटनाक्रम के बारे में बता रहे हैं, जब शिवसेना और बीजेपी के गठबंधन ने 161 सीटें जीतकर बहुमत का आंकड़ा (145) पार कर लिया था. दूसरी तरफ कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन 106 सीटों के साथ बहुमत के आंकड़े से काफी पीछे थी.
मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर शिवसेना और बीजेपी में सहमति नहीं बन पा रही थी. महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया. इसी बीच 23 नवंबर की सुबह नाटकीय घटनाक्रम के तहत राष्ट्रपति शासन हटाकर देवेंद्र फणनवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई. अजित पवार ने एनसीपी का समर्थन भाजपा को दे दिया और खुद उपमुख्यमंत्री बने. हालांकि, यह सरकार पांच ही दिन में गिर गई. इसके बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी सरकार बनी. उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने और अजित पवार उपमुख्यमंत्री बने.
न्यूज़लॉन्ड्री को दिए गए इंटरव्यू में अजित पवार कहते हैं, ‘‘सब तय हुआ था. अब जाने दो न. उसका ब्लेम मेरे ऊपर आया है. मैंने अपने ऊपर ब्लेम लेकर बाकी लोगों को सेफ किया.’’
आखिर शरद पवार बीजेपी के साथ क्यों नहीं गए? इस सवाल के जवाब में अजित पवार ने कहा , ‘‘मुझे मालूम नहीं. पवार साहब ऐसे लीडर हैं कि उनके मन में क्या है ये दुनिया का एक भी आदमी नहीं बता सकता है. हमारी आंटी (पवार की पत्नी) भी नहीं. हमारी सुप्रिया (पवार की बेटी) भी नहीं.’’
अजित पवार के खुलासे के बाद कांग्रेस लगातार हमलावर है. कांग्रेस के मीडिया और पब्लिसिटी डिपार्टमेंट के चेयरमैन पवन खेड़ा ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, ‘‘यह अपवित्र गठबंधन इससे अधिक निर्लज्ज नहीं हो सकता. एक उद्योगपति को खुलेआम सरकारें गिराने में सक्रिय भागीदार बनाया गया है?’’
खेड़ा ने न्यूज़लॉन्ड्री के इंटरव्यू का वीडियो एक्स पर साझा करते हुए लिखा, ‘‘जब आप सोचते हैं कि मोदी और अडाणी के बीच इस गठजोड़ के बारे में इससे ज़्यादा चौंकाने वाली कोई बात नहीं हो सकती तो बेशर्मी का एक नया उदाहरण सामने आता है. एक व्यापारी को आधिकारिक तौर पर सरकारों को गिराने के लिए बातचीत का हिस्सा बनने की अनुमति कैसे दी जा सकती है?’’
एनसीपी (शरद चंद्र पवार) की सांसद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले न्यूज़लॉन्ड्री से कहती हैं, ‘‘मुझे इस तरह की किसी मीटिंग के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उस मीटिंग के बारे में आपको शरद पवार और अजित पवार से ही पूछना पड़ेगा.’’
एन चुनावों के बीच आए इस बयान से क्या एनसीपी (शरद चंद्र पवार) को नुकसान होगा क्योंकि अब तक यह माना जा रहा था कि अजित पवार ही पार्टी छोड़कर बीजेपी के साथ गए थे लेकिन अब सामने आ रहा है शरद पवार भी भाजपा के साथ सरकार बनाने की संभावना तलाश रहे थे? इस पर सुले कहती हैं, ‘‘नुकसान क्या हो सकता है? पार्टी छोड़कर गया कौन? गए तो अजित पवार ना? हम तो वहीं खड़े हैं. उसके बाद वो चुनाव लड़े. उनकी पत्नी मेरे खिलाफ लड़ी. अजित पवार ने तो बीजेपी की हमसे ज़्यादा बदनामी कर दी है.’’
सुप्रिया आगे कहती हैं, ‘‘गौतम अडाणी से हमारे 30 साल से पारिवारिक संबंध हैं. हमने इसे छुपाया नहीं है. अजित पवार ने कुछ बोला है तो आप उनसे पूछो कि कब और कितने बजे मीटिंग हुई है. इसका जवाब वही दे सकते हैं.”
अडाणी के साथ मीटिंग के मसले पर शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) भी तल्ख हो गई है. राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस खुलासे पर कई सवाल उठाए हैं. उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘‘कैबिनेट के एक वरिष्ठ मंत्री द्वारा डिजिटल प्लेटफॉर्म (न्यूज़लॉन्ड्री) को दिए गए साक्षात्कार के अनुसार, गौतम अडाणी ने महाराष्ट्र में भाजपा को सत्ता में लाने के लिए बैठकों में भाग लिया है, जिसमें उन्होंने गठबंधन को तय करने की कोशिश की है. इससे कुछ गंभीर सवाल उठते हैं. क्या वह (अडाणी) भाजपा के अधिकृत वार्ताकार हैं? क्या उन्हें गठबंधन तय करने की जिम्मेदारी दी गई है? एक व्यवसायी महाराष्ट्र में किसी भी कीमत पर भाजपा को सत्ता में लाने के लिए इतनी बेचैनी और बारीकी से काम क्यों कर रहा है?’’
इसके बाद प्रियंका लिखती हैं, ‘‘बोल धारावी बोल.’’
मुंबई नार्थ सेंट्रल से कांग्रेस सांसद वर्षा एकनाथ गायकवाड़ ने भी गौतम अडाणी पर निशाना साधा है. उन्होंने एक्स पर लिखा- ‘‘गौतम अडाणी 2019 में भाजपा सरकार बनाने के लिए अन्य दलों के साथ भाजपा द्वारा की गई बैठकों की हिस्सा थे. गौतम अडाणी को क्या अधिकार था? वह सरकार बनाने के लिए बैठकों में क्यों मौजूद थे? मैं फिर से दोहराती हूं, एमवीए सरकार को केवल अडाणी के लिए अस्थिर किया गया था ताकि वह धारावी और अपनी इच्छानुसार कोई भी अन्य परियोजना प्राप्त कर सके. इसलिए हम कहते हैं कि यह महाराष्ट्र सरकार नहीं बल्कि अडाणी सरकार है. सच्चाई सबके सामने है.
बता दें कि मुंबई स्थित एशिया के सबसे बड़े स्लम धारावी के रीडेवलपमेंट के लिए अडाणी ग्रुप और महाराष्ट्र सरकार के बीच समझौता हो चुका है. इसका काफी विरोध भी हो रहा है. शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है वो सत्ता में आए तो अडाणी के धारावी प्रोजेक्ट को खत्म कर देंगे.
भाजपा नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज तक के एक कार्यक्रम में इसे लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि अगर अडाणी समूह राज्य सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करता है तो धारावी पुनर्विकास का ठेका उससे वापस ले लिया जाएगा.
बीजेपी के प्रवक्ता केशव उपाधे कहते हैं, “हमें बस इतना पता है कि बीजेपी-एनसीपी के बड़े नेताओं के बीच बैठक हुई थी. उसमें कौन-कौन शामिल था. इसकी जानकारी नहीं है.”
हमने इस खुलासे के बाद विवाद के केंद्र में आए गौतम अडाणी और अडाणी समूह से बी बात करने की कोशिश की. इस बाबत उन्हें सवालों की एक फेहरिस्त भी मेल की है. लेकिन अडाणी समूह की तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है.
बता दें कि महाराष्ट्र में 288 सीटों के लिए 20 नवंबर को मतदान होना है.
Also Read
-
Reality check of the Yamuna ‘clean-up’: Animal carcasses, a ‘pond’, and open drains
-
Haryana’s bulldozer bias: Years after SC Aravalli order, not a single govt building razed
-
Ground still wet, air stays toxic: A reality check at Anand Vihar air monitor after water sprinkler video
-
Oct 30, 2025: As haze envelops Delhi, Jahangirpuri shows action plan is only on paper
-
Was Odisha prepared for Cyclone Montha?