NL Tippani
गुजरात से गिरिराज तक: मक्कारी और मनबढ़ई का राज
जब आप यह टिप्पणी देख रहे हैं तब भारत सरकार पूरे जोश-खरोश से समाज को भ्रष्टाचार से बचाने, जनता को जागरूक करने के लिए सतर्कता सप्ताह मना रहा है. भारत सरकार यह उपक्रम हर साल आयोजित करती है और नतीजे में हर साल भ्रष्टाचार की जड़ें थोड़ी और गहरी हो जाती हैं, आम आदमी की जिंदगी थोड़ा और दूभर हो जाती है. इस अभियान के तहत भरत सरकार एक हफ्ते तक हमको और आपको बताती है कि भ्रष्टाचार से बहुत नुकसान हो जाता है. अतः भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए जनता को संवेदनशील और प्रेरित होना ही पड़ेगा. नेता और अधिकारी इसके लिए प्रेरित हों यह जरूरी नहीं.
भारत सरकार के सतर्कता अभियान को कुछ ज्यादा ही गंभीरता से लेते हुए हमने यह एपिसोड तैयार किया है. आज हम राष्ट्र के भीतर मौजूद एक आत्मनिर्भर राज्य की बात सतर्कता और जागरुकता की रौशनी में करेंगे. वह राज्य जिसके विकास की कहानी से दस साल पहले सबकी आंखें चोन्हरा गई थी. सबके भीतर यह अपराधबोध घुस गया था कि आखिर कैसे हम सब विकास के स्वप्नलोक में विचरने से छूट गए और उस राज्य विशेष के लोग हमसे मीलों आगे निकल गए. मीलों मतलब लिटरली मीलों आगे निकल गए. आज अमेरिका में अवैध घुसपैठ करने वाले भारतीयों में आधी आबादी उन्हीं की है. वो मैक्सिको से लेकर कनाडा तक छाए हुए हैं.
सो दस साल पहले पूरा देश विकास के गुजरात मॉडल पर सवार हो गया. आज हम उसी गुजरात मॉडल की होलिस्टिक यानी संपूर्ण तस्वीर आपके सामने रखेंगे.
Also Read
-
CEC Gyanesh Kumar’s defence on Bihar’s ‘0’ house numbers not convincing
-
Hafta 550: Opposition’s protest against voter fraud, SC stray dogs order, and Uttarkashi floods
-
TV Newsance 310: Who let the dogs out on primetime news?
-
If your food is policed, housing denied, identity questioned, is it freedom?
-
The swagger’s gone: What the last two decades taught me about India’s fading growth dream