Khabar Baazi
महेश लांगा के खिलाफ एफआईआर की निंदा, एन. राम ने कहा- ऐसे तो खोजी रिपोर्टिंग ‘मर’ जाएगी
अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ के पत्रकार महेश लांगा के खिलाफ लगातार दूसरी एफआईआर दर्ज होने के बाद पत्रकारों में रोष है. आज कई वरिष्ठ पत्रकारों और लांगा के सहयोगियों ने इस कार्रवाई की निंदा की. साथ ही कहा कि पत्रकारों का काम ‘गोपनीय और संवेदनशील जानकारी एवं दस्तावेजों’ से दिनभर पड़ता है. ऐसे में उन्हें इसके लिए निशाना बनाना सही नहीं है.
गौरतलब है कि सबसे पहले लांगा के खिलाफ कथित जीएसटी धोखाधड़ी के लिए मामला दर्ज किया गया. इस मामले में वह 8 अक्टूबर से न्यायिक हिरासत में हैं. इस बीच 22 अक्टूबर को एक और एफआईआर दर्ज की गई. यह एफआईआर गांधीनगर के सेक्टर-7 पुलिस स्टेशन में गुजरात मैरीटाइम बोर्ड से जुड़े गोपनीय दस्तावेजों को रखने के लिए दर्ज की गई.
‘द हिंदू’ अखबार के प्रधान संपादक एन. राम ने भी आज लांगा के खिलाफ की गई इस कार्रवाई की निंदा की. साथ ही गोपनीय दस्तावेज हासिल करने के “पत्रकार के अधिकार” के लिए समर्थन की अपील की. उन्होंने कहा कि “यदि पत्रकारों को ऐसे दस्तावेजों को हासिल करने और उनका विश्लेषण करने के लिए जेल में डाल दिया जाता है या अन्यथा दंडित किया जाता है, तो खोजी रिपोर्टिंग का अधिकांश हिस्सा खत्म हो जाएगा!”
द हिंदू के एक और वरिष्ठ पत्रकार सुरेश नंबथ ने कहा कि वह इसे लेकर बहुत चिंतित हैं. उन्होंने कहा, "हम यह दोहराना चाहेंगे कि पत्रकारों को अपने काम के दौरान गोपनीय प्रकृति के दस्तावेजों सहित अन्य दस्तावेजों को हासिल करना आवश्यक है. वे आधिकारिक या गोपनीय दस्तावेजों को पढ़ने में व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए काम करते हैं." नंबथ ने कहा कि यह "पूरी तरह से अस्वीकार्य" है कि पुलिस ने ऑनलाइन एफआईआर को भी संवेदनशील श्रेणी में डाल दिया है, जिसके चलते उसे भी हासिल करना मुश्किल हो रहा है.
उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह एफआईआर दर्ज करना "उनके पत्रकारिता के काम और उनके मौलिक अधिकारों को कमजोर करना और जनहित को नुकसान पहुंचाना है. हम गुजरात पुलिस से महेश के खिलाफ वर्गीकृत दस्तावेजों के कब्जे से संबंधित आरोपों को हटाने का आग्रह करते हैं."
इसके अलावा भी कई लोगों ने लांगा के खिलाफ आरोपों की निंदा की. जबकि कुछ ने यह भी कहा कि ‘द हिंदू’ को इस कानूनी लड़ाई में पत्रकार का साथ देना चाहिए.
Also Read
-
From Hauz Khas to SDA: Delhi’s posh colonies have stolen your footpaths
-
TV Newsance 312: Kalli vs NDTV and Navika loves Ranveer
-
As Trump tariffs hit India, Baba Ramdev is here to save the day
-
The Rs 444 question: Why India banned online money games
-
एसएससी: ‘प्रदर्शन के चक्कर में पढ़ाई बर्बाद हो गई’, आंदोलन खत्म करने का दोषी किसे मानते हैं छात्र