Video
हिरासत में सोनम वांगचुक: लद्दाख के छात्रों की दिल्ली पुलिस को चेतावनी
1 सितंबर को लेह से दिल्ली के लिए रवाना हुए शिक्षाविद और जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को सोमवार रात दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर से हिरासत में ले लिया. उन्हें दिल्ली के बवाना थाने में रखा गया है. उनके साथ 40-45 समर्थक भी मौजूद हैं. जब उन्हें हिरासत में लिया गया तो वह करीब 150 लोग थे. बाकी लोगों को अन्य जगहों पर हिरासत में रखा गया है.
दिल्ली पुलिस ने वांगचुक की गिरफ्तारी पर कहा कि दिल्ली में 5 अक्टूबर तक धारा 163 लागू है. मार्च कर रहे लोगों को वापस जाने के लिए कहा गया था लेकिन जब वे नहीं माने तो एक्शन लिया गया.
बता दें कि वांगचुक लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग 2019 से ही कर रहे हैं. इसके अलावा लद्दाख को पूर्ण राज्य बनाने, स्थानीय लोगों के लिए नौकरी में आरक्षण एवं लेह और कारगिल के लिए एक-एक संसदीय सीट आदि मांगों को लेकर वे लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं.
इन्हीं मांगों को लेकर उन्होंने लेह से दिल्ली तक की पदयात्रा का शुरुआत की थी. तक़रीबन 900 किलोमीटर की यात्रा के बाद सभी लोग बीती रात दिल्ली पहुंचे थे. जहां वे 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर जाने वाले थे. हालांकि, पुलिस ने उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने के दौरान ही सिंघु बॉर्डर पर हिरासत में ले लिया.
सोमवार को हिरासत में लिए जाने के बाद सोनम वांगचुक ने कहा, “हमारा भाग्य अनिश्चित है, हम लोग बापू की समाधि तक जाने के लिए एक शांतिपूर्ण मार्च पर थे, लोकतंत्र की जननी और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में..हाय राम!”
इस साल की शुरुआत में वांगचुक ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया था कि केंद्र और लद्दाख के नेताओं की असफल वार्ता के बाद मोदी सरकार "लॉबी" के दबाव में थी.
दरअसल, केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाकर पूर्ण राज्य का दर्जा खत्म कर दिया था. जम्मू-कश्मीर एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बना. वहीं, लेह और कारगिल को मिलाकर लद्दाख अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया.
इसके बाद वहां के लोग राजनीतिक तौर पर खुद को बेदखल महसूस करने लगे. इसको लेकर बीते दो सालों में लोगों ने कई बार विरोध-प्रदर्शन कर पूर्ण राज्य का दर्जा और संवैधानिक सुरक्षा की मांग की. जिससे उनकी जमीन, नौकरियां और अलग पहचान बनी रही, जो आर्टिकल 370 के तहत उन्हें मिलता था.
देखिए पूरा वीडियो-
Also Read
-
‘They find our faces disturbing’: Acid attack survivor’s 16-year quest for justice and a home
-
From J&K statehood to BHU polls: 699 Parliamentary assurances the government never delivered
-
Let Me Explain: How the Sangh mobilised Thiruparankundram unrest
-
TV Newsance 325 | Indigo delays, primetime 'dissent' and Vande Mataram marathon
-
The 2019 rule change that accelerated Indian aviation’s growth journey, helped fuel IndiGo’s supremacy