NL Charcha
एनएल चर्चा 338: गाजा-इज़रायल संघर्ष का एक साल और प्रदूषण पर सरकार की नजरअंदाजगी
इस हफ्ते पश्चिम एशिया में जारी हिंसा और कई केंद्र शासित प्रदेशों की प्रदूषण कंट्रोल कमेटी में पिछले 10 सालों से खाली पदों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई.
इसके अलावा असम के कामरूप जिले में प्रशासन द्वारा 250 से अधिक मकान ध्वस्त, बीते 25 सितंबर को जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण संपन्न, पश्चिम एशिया में जारी तनाव जिसमें करीब 558 लोगों की मौत और 1800 से ज्यादा लोग घायल और फिलिस्तीन के रमाला में इजरायली सैनिक की अल जजीरा ब्यूरो में घुसपैठ कर उसे बंद करने की धमकी देने जैसी खबरें प्रमुख रहीं.
इसके अलावा उत्तर प्रदेश में खाने-पीने की जगहों पर नेम प्लेट लगाने का आदेश, क्लाइमेट क्राइसिस एडवाइजरी ग्रुप द्वारा जारी एक रिपोर्ट में पर्यावरणीय बदलाव से निपटने के लिए भारत को बेहतर निगरानी और परीक्षण के तरीके अपनाने और संबंधित तंत्र में सुधार की जरूरत, बदलापुर घटना के आरोपी की पुलिस एनकाउंटर में मौत और श्रीलंका में सत्ता परिवर्तन जैसी खबरों ने भी लोगों का ध्यान खींचा.
इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान विदेश मामलों के वरिष्ठ पत्रकार इफ़्तिख़ार गिलानी, स्वतंत्र पत्रकार स्मिता शर्मा, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से स्तंभकार आनंद वर्धन और वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी शामिल हुए. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के सह संपादक शार्दूल कात्यायन ने किया.
चर्चा की शुरुआत करते हुए शार्दूल कहते हैं, “पश्चिम एशिया में पिछले एक सप्ताह से जारी हिंसा को रोकने के लिए शांति प्रस्ताव की पेशकश को इजरायल लगातार ठुकरा रहा है. इजराइल के इस रवैये के कारण आखिर यह संघर्ष किस दिशा में जाता दिखाई दे रहा है?”
इस सवाल के जवाब में इफ़्तिख़ार कहते हैं, “अमेरिका, फ्रांस इत्यादि देशों ने 22 दिन के युद्ध विराम की अपील की थी लेकिन नेतन्याहू ने इस अपील को खारिज कर दिया. नेतन्याहू किसी भी हालत में अमेरिकी चुनाव से पहले जंग खत्म नहीं होने देना चाहते हैं, जिस दिन चुनाव खत्म होगा नेतन्याहू को अपना बोरिया बिस्तर समेटना होगा.”
सुनिए पूरी चर्चा -
इस बातचीत को अपने मित्रों के साथ साझा करें.
टाइमकोड्स
00:36 - इंट्रो और ज़रूरी सूचना
04:30 - सुर्खियां
20:37 - पश्चिम एशिया में जारी हिंसा
01:03:09 - केंद्र शासित प्रदेशों की पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी में खाली पद
59:37 - सब्सक्राइबर्स के पत्र
01:18:01 - सलाह और सुझाव
पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए
इफ़्तिख़ार गिलानी
अजय बिसारिया की किताब-एंगर मैनेजमेंट: द ट्रबल्ड डिप्लोमैटिक रिलेशनशिप बिटवीन इंडिया एंड पाकिस्तान
ए जी नूरानी की किताब - द ट्रायल ऑफ भगत सिंह
केन फॉलेट का नावेल - एज ऑफ एटरनिटी
स्मिता शर्मा
इंडियन एक्सप्रेस में प्रताप भानु मेहता का लेख - डेमोक्रेसीज़ ब्लाइंड आई
मूवी - द विंड दैट शेक्स द बार्ली
न्यूज़लॉन्ड्री की कश्मीरी प्रेस फ्रीडम पर रिपोर्ट
हृदयेश जोशी
केन फॉलेट का नॉवेल - द पिलर्स ऑफ द अर्थ
जॉन पार्किंसंस की किताब - द कन्फेशन ऑफ़ इकनोमिक हिटमैन: द शॉकिंग स्टोरी ऑफ़ हाउ अमेरिका रियली टुक ओवर द वर्ल्ड
आनंद वर्धन
विलियम डेलरिंपल की किताब- द गोल्डन रोड: हाउ एन्सिएंट इंडिया ट्रांसफॉर्म्ड द वर्ल्ड
शार्दूल कात्यायन
डीयू इलेक्शन पर न्यूज़लॉन्ड्री की - वीडियो रिपोर्ट
सी एस लुइस की किताब - ग्रीफ ऑब्ज़र्व्ड
ट्रांसक्रिप्शन: संध्या वत्स
प्रोड्यूसर: प्रशांत कुमार/आशीष आनंद
एडिटिंग: उमराव सिंह
अगर आपको लगता है कि आपका कोई साथी या प्यारा, भारतीय राजनीति और समाज पर हमारे इस साप्ताहिक पॉडकास्ट को पसंद करेगा, तो इस गूगल फॉर्म पर उसकी जानकारी हमसे साझा करें. हम अपने शो और न्यूज़लॉन्ड्री से जुड़ी तमाम जानकारी उससे साझा करेंगे.
Also Read
-
‘Why can’t playtime be equal?’: A champion’s homecoming rewrites what Agra’s girls can be
-
Pixel 10 Review: The AI obsession is leading Google astray
-
Do you live on the coast in India? You may need to move away sooner than you think
-
TV Newsance 321: Delhi blast and how media lost the plot
-
Bihar’s verdict: Why people chose familiar failures over unknown risks