विनेश फोगाट और बसंत कुमार की तस्वीर.
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव

‘36 कौम की नेता विनेश फोगाट’ जुलाना में खत्म कर पाएंगी कांग्रेस की हार का सिलसिला?

पहलवानी के दंगल से राजनीति के दंगल में उतरी विनेश फोगाट सुबह से देर रात तक प्रचार करती नजर आ रही हैं. कांग्रेस ने विनेश को जींद की जुलाना विधानसभा से उम्मीदवार बनाया है. यह सीट साल 2005 में आखिरी बार कांग्रेस जीती थी. यही नहीं 1967 से अब तक हुए 14 चुनावों में कांग्रेस यहां से महज चार बार ही जीत दर्ज कर पाई है. हालांकि, विनेश जीत को लेकर आश्वस्त नजर आती हैं.

इस इलाके में चौधरी देवीलाल परिवार का प्रभाव रहा है. 2019 का चुनाव जेजेपी और 2014 एवं 2009 का चुनाव इनेलो ने जीता था. जेजेपी छोड़कर कांग्रेस में आए दलित समुदाय के नेता मदनलाल धानक बताते हैं कि इस बार बदलाव होगा. 

यहां के ज़्यादातर लोगों तक यह बात पहुंच गई है कि विनेश के साथ पेरिस में गलत हुआ है. उन्हें जानबूझकर हराया गया है. मंच से भी यह बात बार-बार दोहराई जाती हैं. विनेश भी मीडिया इंटरव्यू में केंद्र सरकार द्वारा पेरिस में मदद नहीं करने की बात कह चुकी हैं. 

विनेश के कार्यक्रमों में महिलाएं बढ़चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. विनेश भी हरेक से आशीर्वाद लेती नजर आती हैं. महिलाओं में विनेश के प्रति खास लगाव नजर आता है. 

जुलाना में सबसे ज़्यादा वोटर जाट समुदाय से हैं. यहां से कांग्रेस, इनेलो, आम आदमी पार्टी और जेजेपी, चारों ने जाट उम्मीदवार को ही उतारा है. वहीं, बीजेपी ने ओबीसी उम्मीदवार. बीजेपी को उम्मीद है कि जाटों का वोट बंट जायेगा और जिसका फायदा उन्हें मिलेगा. इसलिए विनेश के कार्यकमों में मंच से उन्हें 36 बिरादरी का नेता बताते हुए कहा जा रहा कि पहलवानों की कोई जाति नहीं होती है.

देखिए जुलाना से न्यूज़लॉन्ड्री की ये रिपोर्ट. 

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