Video
कोलकाता हॉरर: सुरक्षा की चिंता और उचित जांच की मांग के साथ डाक्टरों की देशव्यापी हड़ताल
कोलकाता के राधा गोविंद कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की जघन्य हत्या और रेप के खिलाफ रेजिडेंस डॉक्टरों का देशव्यापी आंदोलन दूसरे दिन भी जारी रहा. दिल्ली के राम मनोहर लोहिया, सफदरजंग, लेडी हार्डिंग, एम्स सहित 10 अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर बाकी सारी सेवाएं बंद रही. जिससे हजारों मरीज प्रभावित हुए. डॉक्टरों की यह हड़ताल फेडरेशन ऑफ प्रेसिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन द्वारा शुरू की गई.
वहीं, प्रदर्शन कर रहे हैं डॉक्टरों की मांग है कि इस मामले की जांच कोलकाता पुलिस के बजाय सीबीआई से करवाई जाए. पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए.
वहीं, इस घटना का असर यह हुआ कि देश के तमाम अस्पतालों में काम कर रही महिला डॉक्टरों को अब अपनी सुरक्षा की चिंता सताने लगी है.
दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में रेजिडेंस डॉक्टर के तौर पर कार्यरत डॉक्टर सैंड्रा कहती हैं, “हम चाहते हैं कि जब हम घर से काम के लिए निकले तो हमारा रेप ना हो, हमारा मर्डर ना हो, हमारे खिलाफ हिंसा ना हो. अस्पताल परिसर में सीसीटीवी और सुरक्षा के इंतजाम किए जाएं ताकि हम सुरक्षित महसूस कर सकें.”
वहीं, डॉक्टर मनीषा कहती हैं कि जब से उन्होंने इस घटना के बारे में सुना है तब से उन्हें रातों को नींद नहीं आती. उन्हें पूरी रात यह डर सताता रहता है कि कहीं वह भी इस तरह के जघन्य अपराध की शिकार ना हो जाए.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 8 -9 अगस्त की रात को कोलकाता के राधा गोविंद कर मेडिकल कॉलेज में पीजी सेकंड ईयर की 31 वर्षीय छात्रा, जो कि वहां पर ट्रेनी डॉक्टर थी और पिछले 36 घंटे से लगातार ड्यूटी कर रही थी, उसके साथ हैवानियत हुई.
कोलकाता पुलिस के मुताबिक, कॉन्फ्रेंस हॉल में आराम करने के दौरान संजय रॉय नाम के व्यक्ति ने बर्बरता से रेप और मर्डर को अंजाम दिया. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
वहीं, इस बीच मामले की सुनवाई कर रही कोलकाता हाईकोर्ट ने ये केस सीबीआई को हैंडओवर करने का आदेश दिया है. देखिए हमारी यह वीडियो रिपोर्ट.
मीडिया के बारे में शिकायत करना आसान है. इसे बेहतर बनाने के लिए कुछ क्यों नहीं करते? स्वतंत्र मीडिया का समर्थन करें और आज ही न्यूज़लॉन्ड्री की सदस्यता लें.
Also Read
- 
	    
	      Delhi AQI ‘fraud’: Water sprinklers cleaning the data, not the air?
- 
	    
	      Nominations cancelled, candidate ‘missing’: Cracks in Jan Suraaj strategy or BJP ‘pressure’?
- 
	    
	      The fight to keep Indian sports journalism alive
- 
	    
	      Haryana’s bulldozer bias: Years after SC Aravalli order, not a single govt building razed
- 
	    
	      दिल्ली में एक्यूआई फर्जीवाड़ा? मॉनिटरिंग स्टेशन के पास पानी के छिड़काव से प्रदूषण घटा या आंकड़े