Khabar Baazi
आंध्र प्रदेश में 4 चैनलों का प्रसारण बंद, टीडीपी सरकार ने दबाव से किया इंकार
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, आंध्र प्रदेश में कुछ केबल टीवी ऑपरेटरों ने शुक्रवार रात से तेलुगु समाचार चैनलों टीवी9, साक्षी टीवी, एनटीवी और 10टीवी का प्रसारण बंद कर दिया है. इसके पहले इन चैनलों को विधानसभा और लोकसभा चुनाव के नतीजों के दो दिन बाद 6 जून को भी एक दिन के लिए बंद किया गया था.
हालांकि, टीडीपी सरकार का कहना है कि केबल टीवी ऑपरेटरों को उनकी तरफ से ऐसे कोई आदेश जारी नहीं किए गए हैं. वहीं वाईएसआरसीपी नेता एस निरंजन रेड्डी ने केंद्रीय अधिकारियों और आंध्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दावा किया है कि यह नई सरकार के निर्देशों पर हुआ है.
वाईएसआरसीपी के राज्यसभा सदस्य एस निरंजन रेड्डी ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री, सूचना एवं प्रसारण सचिव और आंध्र के मुख्यमंत्री के साथ साथ दूरसंचार नियामक ट्राई को भी पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश केबल टीवी ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने नवगठित टीडीपी सरकार के दबाव और निर्देशों के तहत टीवी9, एनटीवी, 10टीवी और साक्षी टीवी को स्थायी रूप से बंद किया है. “इस तरह के हस्तक्षेप से प्रेस की स्वतंत्रता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.”
बता दें कि साक्षी टीवी को इंदिरा टेलीविजन लिमिटेड द्वारा लॉन्च किया गया था, जिसे वाई एस जगन मोहन रेड्डी परिवार द्वारा प्रमोट किया गया था.
इन चैनलों में से एक चैनल के अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि शुक्रवार रात से ही चारों चैनल बंद हैं. "केबल टीवी ऑपरेटरों का कहना है कि उन्हें चैनल बंद करने के लिए कहा गया है, लेकिन वे यह नहीं बताएंगे कि आदेश किसने दिया."
हालांकि, जब आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री एन लोकेश नायडू से संपर्क किया गया तो उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "टीडीपी और राज्य में एनडीए के किसी नेता ने किसी को भी न्यूज़ चैनल को बंद करने का निर्देश नहीं दिया है. हमारे पास ऐसी छोटी-छोटी चीजों से ज़्यादा ज़रूरी काम है."
टीवी चैनल के अधिकारी का कहना है, "पिछली सरकार ने भी यही काम किया था. फिर उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ी."
मई 2021 में भी, टीडीपी समर्थक माने जाने वाले तेलुगु समाचार चैनल टीवी5 और एबीएन आंध्र ज्योति को भी कथित तौर पर वाईएसआरसीपी सरकार के दबाव में उन्हीं केबल टीवी ऑपरेटरों द्वारा बंद कर दिया गया था.
मीडिया को कॉरपोरेट या सत्ता के हितों से अप्रभावित, आजाद और निष्पक्ष होना चाहिए. इसीलिए आपको, हमारी जनता को, पत्रकारिता को आजाद रखने के लिए खर्च करने की आवश्यकता है. आज ही सब्सक्राइब करें.
Also Read
-
TV Newsance 307: Dhexit Dhamaka, Modiji’s monologue and the murder no one covered
-
Hype vs honesty: Why India’s real estate story is only half told – but fully sold
-
2006 Mumbai blasts: MCOCA approval was based on ‘oral info’, ‘non-application of mind’
-
South Central 37: VS Achuthanandan’s legacy and gag orders in the Dharmasthala case
-
The Himesh Reshammiya nostalgia origin story: From guilty pleasure to guiltless memes