नीट परीक्षा में हुई कथित धांधली को लेकर छात्र और उनके परिजन लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.
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नीट परीक्षा: छात्रों और उनके परिजनों के पास आगे का रास्ता क्या है?

नीट परीक्षा में हुई कथित धांधली को लेकर छात्र और उनके परिजन लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. दो दिनों तक दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने के बाद शानिवार को छात्रों और उनके परिजनों ने दिल्ली में कैंडल मार्च निकाला. इन प्रदर्शनों में शामिल छात्रों और इनके परिजनों से न्यूज़लॉन्ड्री ने बात की. 

दरअसल, 4 जून को लोकसभा चुनावों के नतीजे आए. इसी बीच शाम को मेडिकल कॉलेज के उम्मीदवारों का नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित नीट यूजी 2024 परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया. इसके बाद परिणाम को लेकर कई सवाल उठने लगे. सबसे पहले तो यही कि पहले से तय जो रिजल्ट 14 जून को घोषित होना था, वह अचानक 10 दिन पहले कैसे घोषित कर दिया गया? इसके अलावा पेपर लीक के आरोप, पहली बार 67 बच्चों के 720 में से 720 नंबर और एक ही परीक्षा सेंटर से 6 बच्चों के टॉपर होने ने भी कई गहरे संशय पैदा किए. साथ ही ग्रेस मार्क्स को लेकर भी छात्र तमाम सवाल जवाब कर रहे हैं. 

वहीं, इस पूरे मामले पर सरकार और एनटीए ने सफाई देते हुए कहा कि परीक्षा में किसी भी प्रकार की कोई धांधली नहीं हुई है. न ही पेपर लीक हुआ है. हालांकि, बाद में नीट परीक्षा का आयोजन करने वाली सरकारी एजेंसी एनटीए ने कहा है कि विद्यार्थियों को दिए गए ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिए गए हैं. एनटीए ने यह भी बताया है कि नीट परीक्षा में शामिल होने वाले 1563 बच्चों को ग्रेस मार्क्स या क्षतिपूर्ति अंक दिए गए थे और अब इन छात्रों के लिए 23 जून, 2024 को फिर से टेस्ट का आयोजन किया जाएगा.

बता दें कि एनटीए ने तर्क दिया था कि जिन बच्चों को नीट परीक्षा में शामिल होते वक्त अपना टेस्ट शुरू करने में किन्हीं वजहों से देरी हुई थी, उनके लिए ग्रेस मार्क्स दिए गए थे. 

नीट परीक्षा का आयोजन 5 मई को कराया गया था. इसमें शामिल होने के लिए 24 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया था, जबकि 23.33 लाख बच्चे परीक्षा में शामिल हुए. ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से परीक्षा रद्द करने की मांग की.

छात्रों और परिजनों के साथ हुई बातचीत का पूरा वीडियो देखिए-

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