Report
पंजाब के किसान का आरोप, हरियाणा पुलिस ने ‘बोरे’ में भरकर पीटा और पैर तोड़ डाला
13 फरवरी से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमसएसपी) की गारंटी समेत अन्य मांगों के साथ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने 21 फरवरी को दिल्ली कूच की घोषणा की थी.
पूरे दिन हरियाणा-पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान और पुलिस के बीच संघर्ष चलता रहा. इसी बीच खनौरी बॉर्डर पर एक किसान की मौत की खबर आई.
शाम को शंभू बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बताया कि खनौरी बॉर्डर पर एक किसान की मौत हुई है, तीन गंभीर रूप से घायल है, वहीं आठ किसान गायब हैं.
न्यूज़लॉन्ड्री जब खनौरी बॉर्डर पहुंचा तो वहां मौजूद किसानों ने बताया कि हरियाणा पुलिस और सिविल ड्रेस में आए कुछ लोगों ने किसानों पर हमला कर दिया था. जब किसान पीछे भागे तो पुलिसवाले कुछ किसानों को पकड़कर ले गए.
हमारी टीम ऐसे ही एक किसान प्रीतपाल सिंह से मिली. उनका फिलहाल हरियाणा के रोहतक स्थित पीजीआई अस्पताल में इलाज चल रहा है. सिंह की हालत बहुत खराब है.
उनकी पत्नी अमनदीप कौर बताती हैं कि सिंह को इतना पीटा गया है कि पहचान पाना मुश्किल हो गया है. सिंह का पैर और दांत टूटा हुआ है. सर में भी चोट हैं. वे इस सबका आरोप पुलिस पर लगाती हैं.
संगरूर के रहने वाले 32 वर्षीय प्रीतपाल सिंह पहली बार 21 फरवरी को आंदोलन में शामिल होने आए थे. धीरे-धीरे बात करते हुए कहते हैं, ‘‘मुझे बोरे में भरकर लाए. लाठी से खूब मारा. मैं हरियाणा में इलाज नहीं कराना चाहता. मुझे यहां डर लग रहा है. मुझे पंजाब में अपना इलाज कराना है.’’
सिंह के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टर्स लोग उन्हें रेफर करने के लिए तैयार थे, लेकिन हरियाणा पुलिस ने ऐसा नहीं होने दिया. प्रीतपाल के भाई गुरजीत सिंह बताते हैं, ‘’पुलिस हमें धमकी दे रही हैं. हमारे वार्ड में जींद पुलिस के दो जवान मौजूद हैं. इस अस्पताल के किसी भी वार्ड में आपको पुलिस नहीं दिखेगी, लेकिन यहां है.’’
प्रीतपाल सिंह और उनके परिजनों ने हरियाणा पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. इसको लेकर हमने जींद पुलिस के एसएसपी सुमित कुमार से बात की. उन्होंने बताया कि प्रीतपाल ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया था. उसे हरियाणा की तरफ से पुलिस ने पकड़ा है. हालांकि, बोरे में भरकर लाए जाने की बात से वो इनकार करते हैं.
पंजाब के अस्पताल में रेफर करने के सवाल पर कुमार कहते हैं, ‘‘सिंह ने पुलिस पर हमला किया था. वो आरोपी है. मानवता के आधार पर हम अभी गिरफ्तार नहीं कर रहे हैं. ठीक होने पर हम गिरफ्तार भी कर सकते हैं.’’
देखिए ये रिपोर्ट-
Also Read
-
‘They all wear Islamic topis…beard’: When reporting turns into profiling
-
6 great ideas to make Indian media more inclusive: The Media Rumble’s closing panel
-
Minutes after the blast: Inside the chaos at Delhi’s Red Fort
-
बिहार विधानसभा चुनाव 2025: ज्यादातर एग्जिट पोल्स में एनडीए की सरकार
-
लाल किला ब्लास्ट: जिन परिवारों की ज़िंदगियां उजड़ गई