NL Tippani
नीतीश कुमार का यू-टर्न, डंकापति की सक्सेस पार्टी और वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट
जम्बूद्वीप में प्राण प्रतिष्ठा और पाटलिपुत्र का सिंहासन हथियाने के बाद डंकापति ने अपने महल में जश्न मनाने के लिए एक पार्टी का आयोजन किया. सबको दावत दी गई. एक तरह से सर्वदलीय जश्न था. चारो तरफ खुशियां थीं. नाच गाना चल रहा था. फलों के जूस की नदियां बह रही थीं, खासकर अंगूर के जूस की डिमांड ज्यादा थी. गिलास से गिलास लड़ाए जा रहे थे. स्टील के गिलास आपस में टकराकर टन-टन कर रहे थे. खड़गेजी, केजरीवालजी, मोइत्राजी, झाजी, राउतजी, अब्दुल्लाजी, थरूरजी, स्टालिनजी, ममताजी आदि तमाम नेता निमंत्रित सम्मानित मेहमान थे.
दूसरी तरफ चर्चा भारत रत्न की थी. यूं तो हमेशा ही भारत रत्न के पीछे कुछ न कुछ राजनीतिक मकसद होते हैं. लेकिन कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न के मामले में लगता है सीधा चुनावी राजनीति को घसीट लिया गया है. इधर कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न की घोषणा हुई उधर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डबल गुलाटी मारी. और बिहार में सत्ता की नाव डोल गई. देखते ही देखते नीतीश कुमार ने वह काम कर दिया जिसके लिए बिहार और देश की पीढ़ियां उनके नाम पर सामान्य ज्ञान की परीक्षा देंगी. सवाल कुछ इस तरह से होगा- वह कौन इकलौता नेता है जिसने पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के लिए तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
टिप्पणी के इस एपिसोड में इसी पर विस्तार से चर्चा.
Also Read
-
Silence on Sandeshkhali ‘sting’, visits to temples: On the campaign trail of BJP’s Basirhat pick
-
Another Election Show: Students of Kolkata’s Jadavpur and Presidency on Modi vs Mamata
-
What’s Your Ism? Ep 9. feat Shalin Maria Lawrence on Dalit Christians in anti-caste discourse
-
Uttarakhand forest fires: Forest staff, vehicles deployed on poll duty in violation of orders
-
Inside Mahua Moitra’s campaign trail: Sandeshkhali row, ‘Bengali identity’ and Modi