Report
टाइम्स इंटरनेट से छंटनी के बाद ईटी प्राइम ने भी कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाला
ईटी प्राइम, टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड की सब्सक्राइबर्स आधारित बिजनेस समाचार सेवा है, जबकि इकोनॉमिक टाइम्स बेनेट, कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड की बिजनेस की ख़बर पर आधारित अखबार है.
सूत्रों के मुताबिक, टाइम्स प्राइम के डिजिटल डिवीजन टीआईएल में करीब 120 कर्मचारियों की छंटनी किए जाने के करीब एक हफ्ते बाद ईटी प्राइम में काम करने वाले करीब तीन दर्जन कर्मचारियों में से करीब 12 कर्मचारियों को गुरुवार को नौकरी से निकाल दिया गया.
उन्होंने कहा कि उन्हें तीन महीने का सेवरेंस पैकेज दिया गया है. (यह पैकेज कंपनी की ओर से एक मुआवजे की तरह होता है.)
अगस्त महीने में 100 कर्मचारियों की नौकरी जाने के बाद टीआईएल में छंटनी का यह तीसरा दौर है. उस क्क्त टीआईएल ने एक बयान जारी कर वादा किया था कि छंटनी सिर्फ "एक बार होगी."
न्यूज़लॉन्ड्री ने इससे पहले भी खबर दी थी कि कैसे टाइम्स समूह के अधिकारियों ने कहा था कि छंटनी समूह की संपत्तियों के बंटबारे की वजह से हो रही है. जैन बंधुओं के बीच समूह के बंटवारे के बाद अगले 'तीन महीनों' में उत्पादों का 'एकीकरण' किया जा रहा है ताकि कंपनी के 'आंतरिक दोहराव' को दूर किया जा सके.
सूत्रों ने कहा कि ईटी प्राइम एक प्रोडक्ट के तौर पर काम करता रहेगा. ईटी प्राइम के दो उच्च पद के सूत्रों ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि विलय के बाद के बाद ईटी प्राइम के संपादक शिशिर प्रसाद के बजाय टीम का नेतृत्व इकोनॉमिक टाइम्स के कार्यकारी संपादक श्रुतिजीत केके कर सकते हैं.
एक सीनियर अधिकारी ने कहा, "छंटनी इसलिए हो रही है क्योंकि मैनेजमेंट एक छोटी टीम को इंटीग्रेट करना चाहता है और श्रुतिजीत केके नहीं चाहेंगे कि छंटनी दोबारा हो."
उन्होंने कहा, "हम अभी भी सब्सक्रिप्शन आधारित स्टोरी/ रिपोर्ट को जारी रखेंगे. क्योंकि सब्सकाईबर्स को सब्सक्रिप्शन पहले ही बेचा जा चुका है, हालांकि अब कर्मचारी वेतन के लिए बीसीसीएल के अधीन होंगे. ईटी प्राइम अन्य सब्सक्रिप्शन-आधारित समाचार प्लेटफार्मों की ओर से लिखे गए एक लंबी लेख की तुलना में प्रति दिन कम से कम तीन लॉन्ग-फॉर्म लेख छाप रहा था. इसलिए, हमारी अनूठी पेशकश अप्रभावित रहेगी."
उन्होंने आगे बताया कि कटौती टीम के सभी स्तरों पर हुई है. रिपोर्टर, डेस्क, डिजाइन और संचालन. उन्होंने कहा, "किसी को भी नहीं बख्शा गया. कंपनी में दुख का माहौल है."
सूत्रों ने कहा कि कर्मचारियों को गुरुवार को ही इस फैसले के बारे में जानकारी दी गई थी और उनमें से कम से कम सात को तो कोविड के बाद ही नौकरी पर रखा गया था.
इससे पहले एक प्रवक्ता ने ईटी प्राइम में छंटनी की आशंका से इंकार किया था.
ईटी प्राइम के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "ऐसा इसलिए है क्योंकि किसे हटाया जाना है, इसका फैसला एचआर स्तर पर लिया जा रहा है. छंटनी के दौरान वो लोगों को व्यक्तिगत रूप से बुला रहे हैं और उन्हें निकाल रहे हैं."
ईटी प्राइम की संपादकीय स्वतंत्रता पर कंपनी के पुनर्गठन के संभावित प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि "हमें कोई विकल्प नहीं दिया गया था" और "मुझे उम्मीद है कि हमें ईटी के तहत खुली छूट दी जाएगी."
ईटी प्राइम में कर्मचारियों की संख्या घटकर आधी होने की उम्मीद है और यह साफ नहीं है कि शिशिर प्रसाद बाकी बची टीम के हिस्सा होंगे या नहीं.
उन्होंने कहा, "ईटी प्राइम इसलिए अलग साबित हुआ क्योंकि इसने साबित कर दिया कि सब्सक्रिप्शन आधारित मॉडल एक मीडिया समूह के लिए भी काम कर सकता है, जिसका रेवेन्यू विज्ञापन पर निर्भर है. आने वाले महीनों से पता चलेगा कि क्या अच्छी पत्रकारिता करने का यह नया मॉडल टाइम्स ग्रुप में टिक सकता है."
इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
अनुवादक- चंदन सिंह राजपूत
Also Read
-
A flurry of new voters? The curious case of Kamthi, where the Maha BJP chief won
-
Delhi’s demolition drive: 27,000 displaced from 9 acres of ‘encroached’ land
-
डिस्टर्ब्ड एरिया एक्ट: गुजरात का वो कानून जिसने मुस्लिमों के लिए प्रॉपर्टी खरीदना असंभव कर दिया
-
How Muslims struggle to buy property in Gujarat
-
Air India crash aftermath: What is the life of an air passenger in India worth?