NL Tippani
वर्ल्ड कप में भारत-पाकिस्तान का मैच और खेलो इंडिया का गुजरात मॉडल
अतिथि दानवो भव:. देखते ही देखते अतिथि देवता से दानव हो गए. इसी भारत की संस्कृति में यह सब संभव हुआ है. फिलहाल हमारी सारी तारीफें इस बात में है कि हम कितने असभ्य, कमज़र्फ, असहनशील, काइयां और तंगदिल हो सकते हैं. अहमदाबाद में भारत-पाकिस्तान विश्वकप के मुकाबले में भिड़े. भारत ने शानदार जीत दर्ज की लेकिन धर्मांधों की भीड़ ने जीत की चाशनी में मट्ठा डाल दिया.
गुजरात की खेल और खेल भावना की अद्भुत मिसाल के बीच हमारे हाथ एक आंकड़ा लगा. हाल के एशियाई खेलों में हरियाणा के खिलाड़ियों ने सबसे ज्यादा 44 मेडल जीते जबकि गुजरात के खिलाड़ियों का आंकड़ा शून्य रहा. लेकिन आप अगर खेलो इंडिया का साल 2022 का बजट देखें तो गुजरात को सबसे ज्यादा 608 करोड़ रुपए मिले जबकि हरियाणा को सिर्फ 89 करोड़ रुपए मिले.
इन्हीं सब उलटबासियों के बीच एक बार फिर से हमास और इज़रायल के बीच जंग छिड़ गई है. अब तक दोनों तरफ से तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. अगर आपने बीते कुछ दिनो में भारत के खबरिया चैनलों का मुआयना किया होगा तो आपको युद्ध का उन्माद, जाहिलियत की चीख पुकार, हिंसक बयानबाजी और मिट्टी में मिलाने के जुमले ही सुनाई देंगे.
फिलिस्तीन के अधिकार और इज़रायल के सवाल पर हमें अपने ही एक महान नेता का कुछ पुराना लिखा हुआ पढ़ लेना चाहिए. दिल और दिमाग दोनों खुलेगा. महात्मा गांधी ने अपनी पत्रिका हरिजन में 26 नवंबर, 1938 को लिखा था- "फिलिस्तीन उसी तरह अरबों का है जैसे इंग्लैंड अंग्रेजों का है, या फ्रांस फ्रांसीसियों का है."
Also Read
-
From doomscrolling to dissent: Story of Gen Z’s uprising in Nepal
-
BJP’s new political frontier: Fusion of Gujarat Hindutva model with Assam anti-immigration politics
-
Standing Committee recommends ombudsman, harsher penalties for media to curb ‘fake news’
-
20 months on, no answers in Haldwani violence deaths
-
नेपाल: अंतरिम सरकार के गठन की चर्चाओं के बीच क्या सच में उठी हिंदू राष्ट्र की मांग?