मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तस्वीर
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प्रचार 'मामा' शिवराज का, पैसा मध्य प्रदेश सरकार का और कमाई इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर की

पांच राज्यों में चुनावों की घोषणा हो चुकी है. चुनाव की तारीख सामने आने से पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हर दूसरे दिन किसी न किसी नई योजना का एलान कर रहे थे. वहीं, कुछ पुरानी योजनाओं में नए प्रावधान जोड़ रहे थे. इन घोषणाओं का बड़े स्तर पर मध्य प्रदेश सरकार प्रचार कर रही थी. लेकिन इस बार अख़बारों, टीवी के अलावा इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर भी सरकार की योजनाओं का प्रचार करते दिखे. 

इसमें से ज़्यादातर इन्फ्लुएंसर इंदौर एवं आसपास के इलाकों के रहने वाले हैं और ‘ऑल इंडिया इन्फ्लुएंसर एसोसिएशन’ से जुड़े हैं. इस एसोसिएशन की शुरुआत एक साल पहले की गई थी. इसके संस्थापक मलय दीक्षित हैं. 

एसोसिएशन से देश भर के करीब 2000 इन्फ्लुएंसर जुड़े हैं, जिसमें से 700 के आसपास मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं. मलय बताते हैं, ‘‘मध्य प्रदेश के इन 700 इन्फ्लुएंसर में से 300 इंदौर के रहने वाले हैं.’’  

मलय के इंस्टाग्राम बायो के मुताबिक, वो भारत सरकार के महिला और बाल विकास मंत्रालय में काम कर चुके हैं. वर्तमान में इंदौर, भाजपा आईटी सेल के प्रमुख हैं. इंस्टाग्राम पर इनके लगभग 75 हज़ार फॉलोअर्स हैं.

मध्य प्रदेश सरकार की योजनाओं का प्रचार कर रहे कुछ इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर से न्यूज़लॉन्ड्री ने बात की. ज्यादातर ने बताया, "मलय भैया ही सब देखते हैं." 

इस बारे में मलय न्यूज़लॉन्ड्री को बताते हैं कि उन्होंने ही इन लोगों को मामा (शिवराज सिंह चौहान) से मिलवाया था. वे कहते हैं, "हाल ही में भोपाल-इंदौर के बीच वंदे भारत ट्रेन चली तो रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के दफ्तर से फोन आया कि आप अपने साथ इन्फ्लुएंसर को लेकर पहुंचें. करीब 40 इन्फ्लुएंसर उस दिन कार्यक्रम में पहुंचे थे. उस दिन हमारा वीडियो खूब से चला था." 

इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर को सरकारी योजनाओं के प्रचार के लिए इस्तेमाल करना है, यह आइडिया किसका था? इस सवाल के जवाब में मलय कहते हैं, ‘‘भाजपा इस विचार को अपनाने वाली पहली पार्टी है. मैंने इन लोगों को इकठ्ठा करने का काम किया. मुख्यमंत्री जी से मिले. उसके बाद यह सब हुआ. हमारा मकसद था, जनहित की योजनाएं ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचें.’’ 

इंदौरी पलटन, फॉलोअर्स- 142 हज़ार 

जिन इंस्टग्राम पेज पर सरकारी योजनाओं का प्रचार किया गया. उनमें इंदौरी पलटन भी एक है. इसके करीब डेढ़ लाख फॉलोअर्स हैं. यह अकाउंट 74 लोगों को फॉलो करता है. इसके फाउंडर विनय शर्मा हैं. जिनका अपना खुद का भी इंस्टाग्राम अकाउंट है, जिसपर करीब 1800 फॉलोवर्स हैं. सरकारी योजनाओं को लेकर इंदौरी पलटन ने अभी तक पांच वीडियो बनाई हैं. जो इन दोनों अकाउंट्स के अलावा दूसरे अकाउंट्स पर भी साझा हुए हैं.

यहां 23 सितंबर को ‘मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना’ के बारे में एक वीडियो डाला गया. जिसमें प्रतीक्षा नय्यर उर्फ मालवी भाभी नजर आ रही हैं. विनय और प्रतीक्षा भी शिवराज सिंह चौहान से मिलने वाले इन्फ्लुएंसर में शामिल थे. चौहान से मुलाकात का वीडियो दोनों ने अपने अकाउंट पर साझा किया है.   

23 सितंबर का वीडियो

इस वीडियो में प्रतीक्षा, आरती की थाली लिए पूजा कर रही होती हैं. एक युवक कहता है- अरे मम्मी, मेरा वो दोस्त है न बंटी, उसके लिए भी प्राथर्ना मांग लेना. 

प्रतीक्षा- क्यों क्या हुआ? (यह स्थानीय भाषा में बोलती है ) 

युवक- अरे उसका कॉलेज में एडमिशन नहीं हो रहा है. 

प्रतीक्षा- अरे वो पढ़ने में बहुत अच्छा है.  

युवक- हां, लेकिन उसके पास कॉलेज की फीस भरने का पैसा नहीं है.

प्रतीक्षा- अरे, भगवान जी प्रार्थना मांग ही लूंगी लेकिन उसको मुख्यमंत्री जी के मेधावी विधार्थी योजना के बारे में ज़रूर बतावें. 

युवक- क्या है ये योजना? 

इसके बाद प्रतीक्षा इस योजना के बारे में विस्तार से बताती हैं. कहती हैं कि छात्रों को चिंता नहीं करनी चाहिए. मामा है न. 

इसी तरह इंदौरी पलटन ने राज्य सरकार की योजनाओं के प्रचार के लिए चौपाल का आयोजन भी किया था. इसका वीडियो भी 23 सितंबर को अपलोड किया गया. वीडियो में पांच लोग बैठे नजर आ रहे हैं. ये सभी इंदौरी पलटन से ही जुड़े लोग हैं. इसमें खुद इसके प्रमुख विनय शर्मा भी होते हैं. इसी दौरान एक आती हैं.

वे कहती हैं, ‘‘यह चौपाल हमने मुख्यमंत्री की योजनाओं को बताने के लिए लगाई है.

तब सामने से एक लड़की पूछती है, ऐसी कोई योजना है, जिससे हम बहनों को लाभ हो? 

एंकर तब उसे लाड़ली बहना योजना के बारे में बताती है. 

फिर एक लड़का पूछता है- क्या योजना सिर्फ बहनों के लिए है या भाइयों के लिए भी कुछ है? 

यहां एंकर मुख्यमंत्री युवा इंटर्नशिप योजना के बारे में बताती हैं.

भीड़ में मौजूद एक शख्स पूछते हैं कि बुजुर्गों के लिए क्या है?

एंकर मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के बारे में बताती हैं. 

इसके बाद शर्मा पूछते हैं, और हम छात्रों के लिए क्या- 

तो एंकर मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के बारे में बताती है. 

चौपाल से इतर इंदौरी पलटन ने मुख्यमंत्री मेधावी विधार्थी योजना, सीखो कमाओ योजना और आदि शंकराचार्य की मूर्ति पर अलग से वीडियो बनाए हैं. 

इंदौर शहर, 1 लाख 20 हज़ार फ़ॉलोअर्स 

इंदौर शहर नामक इंस्टाग्राम अकाउंट ने भी भाजपा सरकार की योजनाओं के वीडियो साझा किए हैं. इसके करीब सवा लाख फ़ॉलोअर्स हैं. वहीं, इस अकाउंट से 631 अकाउंट्स को फॉलो किया जाता है. इसका संचालन शुभम सिसोदिया करते हैं. सिसोदिया भी सीएम चौहान से मिलने पहुंचे थे. इनके अपने अकाउंट पर लगभग 13 हज़ार फॉलोअर्स हैं. 

प्रतीक्षा नय्यर ने 'इंदौर शहर' के लिए भी दो वीडियो बनाए हैं. यहां पर भी उन्होंने चौपाल लगाई. जिसमें वह कुछ महिलाओं को मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना और लाडली बहना योजना के बारे में बताती हैं. वहीं, अन्य वीडियो शुभम ने खुद बनाई हैं.  

23 सितंबर के एक वीडियो में शुभम इंदौरी पलटन की तरह चौपाल लगाते नजर आते हैं और इसे ‘भिया का जन चौपाल’ नाम देते हैं. यहां वो लाड़ली बहना योजना का प्रचार करते हुए कहते हैं, ‘‘हमारे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी द्वारा बहुत सारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. जिसमें एक योजना है, लाड़ली बहना योजना. इस योजना के तहत अभी एक हज़ार रुपए दिए जा रहे हैं. अक्टूबर से इसमें 1250 रुपए दिए जायेंगे.’

वीडियो में कुल छह नौजवान सवाल पूछते हैं. उनके जवाब में शुभम मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना और सीखो कमाओ योजना के बारे में विस्तार से बताते हैं. 

चौपाल के अलावा दो वीडियो शुभम ने मुख्यमंत्री मेधावी विधार्थी योजना पर बनाए हैं. एक वीडियो सीखो कमाओ योजना पर बनाया है. 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के बेटे कार्तिकेय चौहान के साथ मयंक और अन्य इंफ्लुएंसर
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ वीर और पारुल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ सोनल अग्रवाल

सोनल अग्रवाल, 18 लाख फ़ॉलोअर्स

सोनल अग्रवाल के इंस्टाग्राम पर 18 लाख (1.8 मिलियन) तो यूट्यूब पर 50 लाख के करीब सब्सक्राइबर्स हैं. इन्हें भी मुख्यमंत्री के निवास पर इन्फ्लुएंसर मीटिंग में बुलाया गया था. इसके अलावा ओंकारेश्वर में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन्हें बुलाया था. यह जानकारी इन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर दी है. 

अग्रवाल के लाड़ली बहना योजना पर बनाए वीडियो को अब तक 1 लाख 20 हज़ार, मुख्यमंत्री मेधावी विधार्थी योजना पर बनाए वीडियो को 1 लाख 16 हज़ार और सीखो कमाओ योजना पर बनाए वीडियो को करीब 1 लाख 18 हज़ार बार देखा जा चुका है.

इन्होंने एक वीडियो ओंकारेश्वर में बन रही आदि शंकराचार्य की मूर्ति के प्रचार के लिए भी बनाया है. इसे अब तक 1 लाख 19 हज़ार बार देखा जा चुका है. वीडियो में सोनल कहती हैं, ‘‘ओंकारेश्वर में आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति बन रही है. आभार मामा जी को, सनातन को सम्मान देने के लिए. 21 सितंबर में 'एकात्म धाम' का अनावरण होने वाला है.’’

सोनल ने मुख्यमंत्री निवास से भी एक वीडियो बनाया है. इसमें वो बताती हैं कि हमें मुख्यमंत्री के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान ने बुलाया था. वीडियो में मलय दीक्षित भी चौहान के साथ नजर आते हैं. इस वीडियो में कार्तिकेय, इन इन्फ्लुएंसर से बात करते नजर आ रहे हैं. वे कहते हैं, ‘‘आप सब हमारा सहयोग करें. आप सब का अलग-अलग स्टाइल है. आपसे रिश्ता बनाना है तो लंबे समय तक के लिए बनाना है.’’ 

यहां मुख्यमंत्री के बेटे खेबड़ी का मतलब पूछते हैं. दरअसल, इंदौर के रहने वाले इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर वीर शर्मा अपनी वीडियो पार्टनर पारुल को खेबड़ी (खेवड़ी) कहकर बुलाते हैं. 

वीर शर्मा और पारुल अहिरवार

वीर शर्मा और पारुल अहिरवार अक्सर एक साथ वीडियो बनाते हैं. ये भी मुख्यमंत्री निवास पर हुई इन्फ्लुएंसर मीटिंग में शामिल थे. दोनों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात वाली तस्वीर को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पिन किया हुआ है. भोपाल से इंदौर जब वंदे भारत ट्रेन चली थी उस रोज भी इन दोनों को बुलाया गया था. इन्होंने ट्रेन में सफर किया और इसका वीडियो भी अपने इंस्टाग्राम पर साझा किया था.

इंस्टाग्राम पर वीर शर्मा के 11 लाख तो पारुल अहिरवार के 18 लाख फ़ॉलोअर्स हैं. 

पारुल ने 12 सितंबर को मध्य प्रदेश के ओरछा में बन रहे ‘श्री राम राजा लोक’ पर वीडियो बनाया. जिसे लाखों बार देखा जा चुका है. वहीं इस पर एक लाख से ज्यादा लाइक हो चुके हैं. वीडियो के साथ पारुल लिखती हैं, ‘‘माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश के ओरछा में श्री राम राजा लोक बनाया जा रहा है. जिसकी सुंदरता अद्भुत होगी. जय श्री राम.’’

पारुल ने 108 फ़ीट ऊंची आदि शंकरचार्य की मूर्ति को लेकर वीडियो बनाई है. वीर ने भी इन्हीं दोनों कामों पर वीडियो बनाई है. दोनों का कंटेंट लगभग एक ही है. हालांकि, बाकियों की तुलना में इनके यहां वीडियो को ज़्यादा बार देखा गया है. 

इनके साथी विशाल उघडे ने सरकार के कार्यकमों पर वीडियो बनाई हैं. जिसमें एक वीडियो ओंकारेश्वर पर भी है. इनकी भी मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई थी. उघड़े के इंस्टाग्राम पर 5 लाख फॉलोअर्स हैं.

वहीं, मयूर बैरागी ने भी सरकार की कई योजनाओं पर वीडियो बनाई हैं. बैरागी के इंस्टाग्राम पर 1 लाख 15 हजार फॉलोअर्स हैं. 

भाजपा नेता मलय खुद को इन इन्फ्लुएंसर का ‘लोकल गार्जियन’ बताते हैं. मलय के मुताबिक, करीब 100 से 150 इन्फ्लुएंसर ने सरकारी योजनाओं के प्रचार के लिए वीडियो बनाए हैं.

भाजाप नेता कैलाश विजयवर्गीय के साथ मलय दीक्षित

सिर्फ भाजपा सरकार का प्रचार 

इन सभी को काम मलय ही दिलाते हैं. सिर्फ सरकार का ही नहीं बल्कि भाजपा के अन्य नेताओं से भी मलय इन्हें मिलाते रहते हैं. कुछ रोज पहले ही भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और इंदौर से विधानसभा का चुनाव लड़ रहे कैलाश विजयवर्गीय से भी ये तमाम इन्फ्लुएंसर मिले थे. 

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ये इन्फ्लुएंसर सिर्फ भाजपा सरकार के लिए प्रचार करते हैं या अन्य के लिए भी. दरअसल, इनके वीडियो पर भी कई प्रशंसकों ने कमेंट कर भाजपा सरकार के प्रचार करने पर नाराजगी जताई थी. 

एक सवाल पर इंदौर पलटन के प्रमुख विनय शर्मा कहते हैं, ‘‘हमारा किसी राजनीतिक दल से लेना देना नहीं है. जनता के हित में जो कुछ होता है उस पर हम वीडियो बनाते हैं. अगर कांग्रेस सरकार भी जनहित में किए अपने कामों के प्रचार लिए कहे तो हम वो भी करेंगे. हम नहीं चाहते कि हमारा अकाउंट किसी एक दल को सपोर्ट करे. मेरे अलावा अन्य जितने भी इन्फ्लुएंसर हैं, सबने यही बोला था कि जनहित के वीडियो को ही हम दिखाएंगे अन्यथा नहीं दिखाएंगे. ये एक सीधी सी बात हमने बैठक में रखी थी. मेरे फ्लेटफॉर्म पर जो पांच वीडियो बनाए गए वो जनहित से जुड़े कार्यकमों के थे.’’

वहीं, इंदौर शहर के शुभम कहते हैं, ‘‘हमारा कोई राजनीतिक जुड़ाव नहीं है. हमारा किसी राजनीतिक दल से व्यक्तिगत जुड़ाव अपनी जगह है लेकिन हम कम्युनिटी के लिए वीडियो बनाते हैं. वहां पर हर तरह के लोग हमसे जुड़े हुए हैं. हमें तो सबका ध्यान रखना है. जब हमने वीडियो डाला तो कई लोगों ने नाराजगी जताई. हम सरकार के लिए वीडियो बना रहे थे न कि भाजपा के लिए. मैंने जो भी बनाया था वो युवाओं के हित में था.’’

हालांकि, दावे से इतर इसमें से कुछ इन्फ्लुएंसर ने जनहित की योजनाओं के साथ-साथ सरकार द्वारा किए गए धार्मिक कार्यकमों पर भी वीडियो बनाई हैं. खासकर ओरछा में बन रहा श्री राम राजा लोक हो या आदि शंकराचार्य की मूर्ति. लगभग सबने इन कामों पर वीडियो बनाए हैं. 

ऑल इंडिया इन्फ्लुएंसर एसोसिएशन की विचारधारा

जिस ऑल इंडिया इन्फ्लुएंसर एसोसिएशन के अंतगर्त ये तमाम लोग काम करते हैं, आइए अब उसके बारे में भी यहां जान लेते हैं ताकि जनहित के लिए वीडियो बनाने के इनके दावे की पड़ताल हो सके. दरअसल, ये एसोसिएशन एकजुट होकर 'राष्ट्रवादी और सनातन धर्म के हित में काम' करने के लिए बना है.

मलय बताते हैं, ‘‘इन इन्फ्लुएंसर के वीडियो पर साइबर अटैकिंग हो रही थी. जो लोग राष्ट्रभक्ति का काम कर रहे थे उनके अकाउंट्स पर शिकायत दी जा रही थी. उसे बंद कराया जा रहा था. इसलिए हमने एसोसिएशन बनाया और आज हज़ारों लोग हमसे जुड़े हुए हैं.’’

कितने पैसे मिलते हैं? 

विनय शर्मा और शुभम सिसोदिया से हमने वीडियो के लिए भुगतान करने को लेकर सवाल किया तो वे कहते हैं, ‘‘कौन पैसे दे रहा और वीडियो बनाने के बदले कितने पैसे मिलेंगे, इसको लेकर हमें कोई जानकारी नहीं है. मलय भैया ही सब देखते हैं.’’

हमने मलय से पूछा कि इन विज्ञापनों के बदले सरकार पैसे दे रही है या भाजपा. इसपर वे कहते हैं, ‘‘मुझे बस कहा जाता है कि आप अपनी टीम को लेकर पहुंचें. जिस विभाग का कार्यक्रम होता है उनके द्वारा पैसे दिए जाते हैं. जनसंपर्क विभाग के पास इन सबकी लिस्ट है वो खुद भी बुला लेते हैं.” 

कुछ इन्फ्लुएंसर के पैसे नहीं मिलने की बात पर मलय कहते हैं, “इन्हें पैसे मिले या नहीं मिले इसकी जानकारी तो मुझे नहीं है क्योंकि चुनाव में व्यस्त हूं. हालांकि, सरकारी प्रक्रिया है तो आप जानते ही हैं कि वक्त लगता है. वहीं, दूसरी तरफ अब अचार संहिता भी लग गई है.’’

तो इन्हें किस आधार पर पैसे मिलेंगे? इस सवाल पर मलय कहते हैं , ‘‘जनसंपर्क विभाग ने श्रेणियां बनाई हैं. उसी के आधार पैसे मिलेंगे. मैं तो काम दिलाने पर भरोसा करता हूं. उसके बाद मैं अलग हट जाता हूं.’’ 

वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री को मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जिन्होंने आचार संहिता से पहले वीडियो बनाई है, उन्हें पैसे भेजने की प्रक्रिया चल रही है. 

न्यूज़लॉन्ड्री को पता चला है कि इन्फ्लुएंसर को एक भुगतान चार्ट दिया गया है. जिसमें बताया गया है कि किस आधार पर कितना भुगतान किया जाएगा. 

इसके मुताबिक, एक इन्फ्लुएंसर को 2 से 10 मिनट के 3 वीडियो बनाने होंगे. इनमें एक खुद का, दूसरा जन चौपाल/नागरिक सहभागिता गतिविधियों का और तीसरा एडिटोरियल वीडियो होगा. इसको लेकर A से D तक की श्रेणी बनाई गई हैं. A श्रेणी में 10 लाख से ज़्यादा फॉलोवर, B में 5 लाख से 10 लाख तक, C में 1 लाख से 5 लाख तक और D में 10 हज़ार से 1 लाख फॉलोअर्स वाले इन्फ्लुएंसर हैं.  A श्रेणी वाले को प्रति कैंपेन 119000 रुपए, B वाले को 82000 रुपए, C वाले को 63000 हज़ार और D श्रेणी वालों को 45000 हजार रुपए कर एवं सर्विस चार्ज रहित मिलेंगे. 

इंदौर के रहने वाले एक पत्रकार ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि यह सब सीधे जनसंपर्क विभाग के साथ काम नहीं करते हैं. एक प्राइवेट कंपनी है. जो जनसंपर्क विभाग के लिए काम करती है. उसी की देख-रेख में ये इन्फ्लुएंसर काम करते हैं. 

मोदी, भाजपा नहीं सिर्फ शिवराज मामा का जिक्र

हमने ध्यान दिया तो पाया कि इन वीडियो में भाजपा सरकार या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र कहीं नहीं आता है. सिर्फ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम आता है और उनके काम की चर्चा की जाती है. 

इस बारे में पूछने पर भोपाल के एक पत्रकार बताते हैं, ‘‘दरअसल सूचना विभाग अभी भी शिवराज सिंह चौहान के पास है. मध्य प्रदेश में इस बार ऐसी स्थिति बनी है कि भाजपा चौहान को साइड लाइन कर रही है. भाजपा के प्रचार में मुख्यमंत्री प्रमुखता से नहीं दिखते हैं. ऐसे में जनसंपर्क विभाग पूरी तरह से मुख्यमंत्री के प्रचार में लगा हुआ है.’’

इन्फ्लुएंसर से काम लेने के सवाल पर हमने जनसंपर्क विभाग के कमिश्नर आशुतोष प्रताप सिंह से बात की तो उन्होंने कोई भी जानकारी होने से इंकार कर दिया.  

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