NL Charcha
एनएल चर्चा 287: बिहार जातीय जनगणना और न्यूज़क्लिक पर कार्रवाई
इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय बिहार सरकार द्वारा जारी जातिगत जनगणना की रिपोर्ट, ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल न्यूज़क्लिक पर कार्रवाई, सिक्किम में बादल फटने से तीस्ता नदी में बाढ़, शराब घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और दिल्ली आबकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी आदि रहे.
हफ्ते की अन्य सुर्खियों में महाराष्ट्र के नांदेड़ में दवाओं की कमी से मौत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दावा- एनडीए गठबंधन में शामिल होना चाहती थे केसीआर लेकिन हमने किया इनकार, मनरेगा फंड को लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं द्वारा दिल्ली में प्रदर्शन, मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने कहा- हम ‘इंडिया आउट’ स्लोगन पर कायम रहेंगे और कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि वे भारत के साथ बेहतर संबंध बनाने के लिए तैयार आदि ख़बरें शामिल रहीं.
इसके अलावा आईआईटी बॉम्बे में शाकाहारी छात्रों के लिए कैंटीन में अलग से मेज रखने पर विवाद के बाद प्रशासन ने छात्रों पर लगाया 10 हजार रुपये का जुर्माना, मध्य प्रदेश सरकार ने महिलाओं के लिए सरकारी नौकरी में किया 35 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान, नार्वे के लेखक जॉन फॉसे को मिला साहित्य का नोबेल पुरस्कार और भारतीय खिलाड़ियों का एशियाई खेलों में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन- भारत के खाते में कुल 87 पदक आदि ख़बरों ने भी हफ्तेभर सुर्खियां बटोरी.
इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के फेलो राहुल वर्मा शामिल हुए. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से अभिनंदन सेखरी, हृदयेश जोशी और विकास जांगड़ा ने चर्चा में हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल पूछते हैं, “बिहार सरकार ने जातिगत गणना की रिपोर्ट जारी की है. आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) 36.01 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) 27.12 प्रतिशत और सवर्ण 15.52 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 19.65 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति 1.68 प्रतिशत हैं. इस संख्या के आधार पर राजनीति को नए सिरे से परिभाषित करने की बहस शुरू हो गई है. नब्बे के दशक में मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने के बाद जिस राजनीति का उदय हुआ था. उसके बाद भाजपा ने ओबीसी और दलितों को हिंदू के नाम पर एक किया था. ओबीसी नेताओं की एक बड़ी टीम खड़ी की थी. जिसमें शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र मोदी, उमा भारती आदि शामिल थे. क्या अब इस आंकड़े के बाद ओबीसी और दलित जातियां फिर से अपनी पहचान की ओर वापस लौटेंगी?”
इसका जवाब देते हुए राहुल कहते हैं, “अभी बहुत कुछ स्पष्ट नहीं है. आंकड़े जारी होने के बाद कई लोगों को लगा कि अब एक नया मंडल आंदोलन शुरू हो गया. ऐसा हुआ है या नहीं यह कुछ दिनों बाद पता चलेगा. अगर आप भारतीय राजनीति को देखते हैं और भारतीय समाज की संरचना को समझते हैं तो ये आंकड़े हैरान करने वाले नहीं हैं. 1931 में जब पिछली बार जातिगत गणना हुई थी उसकी तुलना में सवर्ण जातियों का अनुपात थोड़ा घटा है और पिछड़ी जातियों का अनुपात थोड़ा बढ़ा है. लेकिन कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं हुआ है. किसे पता यह मंडल आंदोलन जैसी छाप छोड़े या यह थोड़े दिनों का शिगूफा भी हो सकता है. कांग्रेस ने 2006 मे उच्च शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण बढ़ाया था, जिसे हम मंडल-2 कहते हैं लेकिन कांग्रेस के लिए उसका कोई दूरगामी परिणाम देखने को नहीं मिला.”
इस विषय पर और विस्तार से जानने के लिए सुनिए पूरी चर्चा-
टाइम्स कोड्स
00ः00 - 07:58 - इंट्रो और ज़रूरी सूचना
08:00 - 24:00 - सुर्खियां
24:05 - 01:06:11 - बिहार में जातिगत जनगणना
01:08:38 - 01:26:40 - न्यूज़क्लिक पर कार्रवाई
01:26:40 - सलाह और सुझाव
पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए
राहुल वर्मा
सुधा पाई, श्याम बाबू और राहुल वर्मा की किताब - दलित्स इन द न्यू मिलेनियम
अभिनंदन सेखरी
पॉडकास्ट- द बैटल ऑफ केबल स्ट्रीट: फासिज़्म डिफिटेड
आनंद रंगनाथन का लेख- अंबेडकर ऑन इस्लाम
हृदयेश जोशी
किशोर कुमार की बायोग्राफी
जॉर्ज ऑरवेल का निबंध : नोट्स ऑन नेशनलिज़्म
विकास जांगड़ा
फिल्म - ठाकुर का कुआं
एच एस वर्मा की किताब - द ओबीसी एंड द रूलिंग क्लासेज़ इन इण्डिया
अतुल चौरसिया
बद्रीनारायण द्वारा लिखी जीवनी - कांशीराम: बहुजनों के नायक
ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमा/नाज़िर हुसैन
प्रोड्यूसर: चंचल गुप्ता
एडिटर: उमराव सिंह
Also Read
-
A flurry of new voters? The curious case of Kamthi, where the Maha BJP chief won
-
Delhi’s demolition drive: 27,000 displaced from 9 acres of ‘encroached’ land
-
डिस्टर्ब्ड एरिया एक्ट: गुजरात का वो कानून जिसने मुस्लिमों के लिए प्रॉपर्टी खरीदना असंभव कर दिया
-
How Muslims struggle to buy property in Gujarat
-
Air India crash aftermath: What is the life of an air passenger in India worth?