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उड़िया समाचार पत्र संबाद के दफ्तर पर छापेमारी, जानिए क्या है पूरा मामला
ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा एक स्थानीय समाचार पत्र ‘संबाद’ के कार्यालय पर छापेमारी के बाद राज्य में राजनीति गरमा गई है. विपक्षी पार्टियों भाजपा और कांग्रेस ने इसे ‘प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला’ करार दिया. मालूम हो कि राज्य में बीजू जनता दल के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली सरकार है.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा नेता समीर मोहंती ने कहा कि जन हित के मुद्दे उठाने वाली आवाज को दबाने के लिए सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल अस्वीकार्य है. भाजपा महासचिव पृथ्वीराज हरिचंदन ने इसे ‘तानाशाही का एक उदाहरण’ बताया.
वहीं, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सरत पटनायक ने कहा कि उनकी पार्टी ‘ओडिशा में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमले’ और ‘बदले की राजनीति’ को स्वीकार नहीं करेगी.
मालूम हो कि ‘संबाद’ राज्य के सबसे ज्यादा प्रसार संख्या वाले अख़बारों में से एक है. इसका स्वामित्व बीजू जनता दल के एक विधायक सौम्या रंजन पटनायक के पास है. गत 12 सितंबर को उन्हें पार्टी के उपाध्यक्ष पद से हटाया गया था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पटनायक पिछले कुछ वक्त से मुख्यमंत्री के निजी सचिव वीके पंडियन के ‘बढ़ते प्रभाव’ को लेकर सवाल उठा रहे थे. वहीं, ‘संबाद’ भी इस बारे में समाचार प्रकाशित कर रहा था. पिछले दिनों ही ‘संबाद’ के एक पूर्व कर्मचारी ने अख़बार के मालिक सौम्य रंजन पटनायक और कुछ लोगों के खिलाफ करोड़ों रुपये की ‘लोन धोखाधड़ी’ की शिकायत दी है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, “आर्थिक अपराध शाखा के एक कर्मचारी ने बताया कि शिकायत में कहा गया है कि काफी संख्या में ‘संबाद’ के कर्मचारियों को जबरन पर्सनल लोन लेने को मजबूर किया गया.”
शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया. जिसके बाद सोमवार को आर्थिक अपराध शाखा की एक टीम ने भुवनेश्वर स्थित अख़बार के कार्यालय पर जांच की कार्रवाई की.
इसी दौरान सौम्य रंजन पटनायक के स्वामित्व वाले ‘कनक न्यूज़’ ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की. जिसमें सवाल उठाया गया ‘आखिर 14 साल तक शिकायतकर्ता चुप क्यों रहे?’
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