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कर्नाटक हाईकोर्ट से सुधीर चौधरी को अंतरिम राहत, अगली सुनवाई तक गिरफ्तारी पर रोक
कर्नाटक हाईकोर्ट से सुधीर चौधरी को गिरफ्तारी से राहत तो मिल गई है लेकिन उन्हें अभी जांच का सामना करना पड़ सकता है. बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस हेमंत चंदनगौदर की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि चौधरी ने अपनी न्यूज़ रिपोर्ट में जिक्र किया कि कर्नाटक सरकार की योजना का लाभ केवल एक विशेष वर्ग को ही मिल रहा है, जबकि ऐसा नहीं है. इसीलिए यह जांच का विषय तो है.
बेंच ने मामले की सुनवाई के बाद आदेश पारित करते हुए कहा कि हिरासत में लेकर पूछताछ की जाने की जरूरत नही है क्योंकि जो जानकारी चाहिए वो पहले से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है. इसीलिए कर्नाटक पुलिस अगली सुनवाई तक कोई सख्त कार्रवाई न करे. मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी.
मालूम हो कि 13 सितंबर को सुधीर चौधरी के खिलाफ कर्नाटक में मामला दर्ज किया गया. शिकायत में आरोप लगाया गया कि उन्होंने एक सरकारी योजना के बारे में गलत जानकारी दी.
दरअसल, 11 सितंबर को आज तक के एक शो में सुधीर चौधरी ने कहा कि कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास निगम ने एक योजना लॉन्च की है, जिसमें वाणिज्यिक वाहनों के लिए सब्सिडी दी जाएगी लेकिन यह सिर्फ धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए है, हिंदुओं के लिए नहीं.
सुधीर ने शो में कहा, “इस योजना का लाभ सिर्फ गैर हिंदुओं को मिलेगा, हिंदुओं को नहीं यानी अगर कोई व्यक्ति हिंदू है, चाहे कितना ही गरीब हो उसके पास कोई पैसा नहीं है तो उसे सरकार ऑटो और टैक्सी खरीदने पर सब्सिडी नहीं देगी. लेकिन अगर कोई व्यक्ति मुस्लिम समुदाय से है या फिर ईसाई है, जैन है या बौद्ध समुदाय से है तो इन लोगों को ऑटो या टैक्सी खरीदने पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी.”
हालांकि, यह योजना अनुसुचित जाति/ अनुसुचित जनजाति और पिछड़े वर्गों के लिए भी है. कर्नाटक सरकार ने स्पष्ट भी किया है कि इस योजना की शुरुआत पिछली सरकार ने की थी.
कर्नाटक के सूचना एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा, "आज तक का एंकर जानबूझकर सरकारी योजनाओं के बारे में गलत सूचना फैला रहा है. यह जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य है.”
इसके बाद कर्नाटक अल्पसंख्यक विभाग के एक अधिकारी की शिकायत पर आज तक और सुधीर चौधरी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 505 और 153 ए के तहत मामला दर्ज किया गया था.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान स्टेट एडवोकेट जनरल के शशी किरण शेट्टी ने हाईकोर्ट को बताया कि अभी भी चैनल से उस सूचना को नहीं हटाया गया है.
लाइव लॉ के मुताबिक, हाईकोर्ट ने कहा, “मीडिया का काम लोगों तक सही सूचना पहुंचाना है. गलत जानकारी साझा करना मीडिया का काम नहीं है. यह सिर्फ धार्मिक अल्पसंख्यकों को लाभ देने वाली योजना नहीं है. और न ही यह सिर्फ अल्पसंख्यकों तक सीमित है. मुख्य आरोप यह था कि सरकार सिर्फ अल्पसंख्यकों को योजना प्रदान कर रही है और हिंदुओं को वंचित कर रही है. मामले की जांच के लिए प्रथम दृष्टया का मामला दर्ज किया गया है.”
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