Report
आज तक और सुधीर चौधरी के खिलाफ एफआईआर, कर्नाटक सरकार को बदनाम करने का आरोप
कर्नाटक सरकार ने आज तक के न्यूज़ एंकर सुधीर चौधरी के खिलाफ जानबूझ कर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से गलत सूचना देने के आरोप में मामला दर्ज किया है. सुधीर चौधरी ने आज तक के अपने शो ‘ब्लैक एंड व्हाइट’ में कहा था कि कर्नाटक सरकार की एक योजना का लाभ सिर्फ मुस्लिमों को मिलेगा. लेकिन कर्नाटक सरकार का कहना है ये योजना न सिर्फ धार्मिक अल्पसंख्यकों बल्कि अनुसूचित जाति- जनजाति और पिछड़े वर्गों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए है.
दरअसल, कर्नाटक अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के एक विज्ञापन को आधार बनाते हुए सुधीर चौधरी ने अपने शो में दावा किया कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार सिर्फ अल्पसंख्यकों को व्यावसायिक वाहन खरीदने पर 50 फीसदी या अधिकतम 3 लाख रुपये की छूट देगी और यह योजना हिंदुओं के लिए नहीं है.
सुधीर अपने शो में यह भी कहते हैं कि इस योजना का लाभ ज्यादातर मुसलमानों को ही होगा क्योंकि कर्नाटक में अल्पसंख्यकों में सबसे ज्यादा आबादी उन्हीं की है.
मालूम हो कि कर्नाटक में अलग-अलग समुदायों की समस्याओं और उनके लिए योजनाओं को लागू करवाने की जिम्मेदारी अलग-अलग विभागों पर है. जैसे अल्पसंख्यकों से संबंधित योजनाओं के लिए माइनॉरिटी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड है, इसी तरह अनुसूचित जाति, जनजाति समुदाय के लिए डॉक्टर बीआर अंबेडकर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड है.
सुधीर चौधरी ने अपने शो में क्या कहा?
11 सितंबर को सुधीर चौधरी ने अपने प्राइम टाइम शो ‘ब्लैक एंड व्हाइट’ में इस योजना का जिक्र किया. उन्होंने कहा, "अब हम आपको कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की उस योजना के बारे में बताएंगे, जिसके तहत गरीब अल्पसंख्यकों को टैक्सी खरीदने में 50 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी यानी गाड़ी की आधी कीमत सरकार देगी और बाकी की कीमत चुकाने के लिए भी सरकार लोन देगी.”
सुधीर आगे कहते हैं, “अब आप सोचिए, कर्नाटक में किसी गरीब व्यक्ति ने अल्पसंख्यक नहीं बल्कि बहुसंख्यक समाज में जन्म लिया हो तो वो आज अपने आप को कितना कोस रहा होगा. कर्नाटक के जो बहुसंख्यक धर्म के लोग हैं वो सोचते होंगे कि काश हम भी अल्पसंख्यक होते. कर्नाटक सरकार का कहना है कि वह अपनी इस योजना के तहत लोगों को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है और लोगों के लिए रोजगार के लिए नए अवसर पैदा करना चाहती है. लेकिन दूसरी तरफ वह यह भी कहती है कि यह योजना केवल अल्पसंख्यकों के लिए है.”
सुधीर यही नहीं रुकते. वे आगे कहते हैं, “इस योजना का लाभ सिर्फ गैर हिंदुओं को मिलेगा, हिंदुओं को नहीं यानी अगर कोई व्यक्ति हिंदू है, चाहे कितना ही गरीब हो उसके पास कोई पैसा नहीं है तो उसे सरकार ऑटो और टैक्सी खरीदने पर सब्सिडी नहीं देगी. लेकिन अगर कोई व्यक्ति मुस्लिम समुदाय से है या फिर ईसाई है, जैन है या बौद्ध समुदाय से है तो इन लोगों को ऑटो या टैक्सी खरीदने पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी.
सुधीर आगे दावा करते हैं, “इसके अलावा अल्पसंख्यक वर्ग में भी कर्नाटक में इस योजना का लाभ सबसे ज्यादा या तो मुसलमान को मिलेगा या इसाई धर्म के लोगों को मिलेगा. कर्नाटक में लगभग 96 लाख लोग अल्पसंख्यक समुदाय में आते हैं जिनमें 79 लाख यानी 82% सिर्फ मुसलमान हैं. मतलब मुख्य तौर पर यह जो योजना केवल मुसलमानों के लिए है. 12% ईसाई हैं और बाकी धर्मों की आबादी 5% या उससे भी कम हैं यानी आंकड़ों से समझें तो इस योजना का सबसे ज्यादा फायदा मुसलमान और ईसाइयों का होगा.”
आज तक के आधिकारिक एक्स (ट्विटर) हैंडल से भी सुधीर चौधरी के शो के इस हिस्से को ट्वीट किया गया और लिखा गया कि कर्नाटक में अल्पसंख्यकों को सब्सिडी लेकिन हिंदुओं को नहीं. इसे बाद में डिलीट कर दिया गया.
आज तक द्वारा किए गए इसी ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के सूचना एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रियंक खड़गे ने सख्त टिप्पणी की. उन्होंने कहा, "आज तक का एंकर जानबूझकर सरकारी योजनाओं के बारे में गलत सूचना फैला रहा है. इसकी शुरुआत सबसे पहले भाजपा सांसदों ने की थी और अब मीडिया के कुछ वर्गों द्वारा इसे बढ़ाया जा रहा है. यह जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य है. सरकार इस पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेगी."
इसके बाद कर्नाटक सरकार के अल्पसंख्यक विभाग के एक अधिकारी द्वारा बेंगलुरु के शेषाद्रीपुरम थाने में शिकायत दी गई. जिस पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 505 और 153 (ए) के तहत मामला दर्ज कर लिया.
मामला दर्ज होने के बाद 13 सितंबर को प्रियांक ने एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया को संबोधित करते हुए एक और ट्वीट किया. इसमें उन्होंने लिखा, "एडिटर गिल्ड के दोस्तों, इससे पहले आपने सरकारी फैक्ट चेक यूनिट द्वारा संभावित रूप से पक्षपात करने और मीडिया की स्वतंत्रता को बाधित करने के बारे में आशंकाएं व्यक्त की थीं. क्या आप उन पत्रकारों को पहचान करने में मदद कर सकते हैं जो जानबूझकर जनता को गुमराह करते हैं?”
ट्वीट आगे कहता है, “इस खबर की भाषा, स्वर शैली और पूरी सामग्री से ऐसा प्रतीत होता है कि यह समुदायों के बीच विभाजन को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है. क्या यह ठीक नहीं होगा कि यदि मीडिया संगठन अपनी स्वयं की आंतरिक फैक्ट चेक यूनिट स्थापित करें और अपनी रिपोर्टिंग में अधिक जिम्मेदार दिखें? इस तरह से किसी सरकारी फैक्ट चेक यूनिट की जरूरत ही नहीं रहेगी.”
क्या है योजना की हकीकत?
दरअसल, जुलाई महीने में कर्नाटक सरकार ने साल 2022-23 के लिए बजट पेश किया. जिसमें सरकार द्वारा कई तरह की जनकल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की गई. राज्य में बढ़ती बेरोजगारी को कम करने और रोजगार की संभावना को बढ़ाने की मकसद से सरकार ने अनुसूचित जाति जनजाति, अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्ग के गरीब लोगों के लिए व्यावसायिक वाहन खरीदने पर सब्सिडी और लोन देने के लिए स्वावलंबी सारथी योजना की घोषणा की. इसके तहत अल्पसंख्यक, पिछड़े और अनूसचित वर्ग के गरीबों, जिनकी परिवार की आमदनी साढ़े चार लाख रुपये वार्षिक से कम हो उनके लिए ऑटो रिक्शा, टैक्सी और व्यावसायिक वाहन खरीदने पर 50 से 75 फीसदी की सब्सिडी मिलेगी.
कर्नाटक अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सचिव मनोज जैन ने हमें बताया कि स्वावलंबी सारथी योजना पहले से चल रही है. पहले इसके अंतर्गत ढाई लाख की सब्सिडी दी जाती थी जिसे अब बढ़ाकर 3 लाख कर दिया गया है.
भाजपा सांसदों ने सबसे पहले किया था विरोध
कर्नाटक सरकार द्वारा जारी इस योजना के बारे में सबसे पहले भाजपा के सांसदों द्वारा तुष्टिकरण का आरोप लगाया गया था. भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने हाल ही में कांग्रेस सरकार पर मुस्लिम वोटरों के तुष्टिकरण और धार्मिक आधार पर योजना बनाने का आरोप लगाया था.
आजतक ने डिलीट किया वीडियो
सुधीर चौधरी का पूरा शो यूट्यूब पर लाइव चलाया जाता है लेकिन फिलहाल इस लाइव वीडियो को यूट्यूब से हटा लिया गया है. जो वीडियो उपलब्ध है, उसमें से भी कर्नाटक सरकार पर योजना वाले हिस्से को हटा दिया गया है. वहीं, सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफॉर्म्स से भी इसे लेकर किए गए पोस्ट डिलीट कर दिए गए हैं.
उधर, सुधीर चौधरी ने बेंगलुरु सरकार द्वारा दर्ज मामला दर्ज करने को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, “कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा मेरे ख़िलाफ़ FIR की जानकारी मिली.
सवाल का जवाब FIR? वो भी ग़ैर ज़मानती धाराओं के साथ. यानी गिरफ़्तारी की पूरी तैयारी. मेरा सवाल ये था कि स्वावलंबी सारथी योजना में हिंदू समुदाय शामिल क्यों नहीं हैं? इस लड़ाई के लिए भी मैं तैयार हूं. अब अदालत में मिलेंगे.”
चौधरी के इस ट्वीट का जवाब प्रिंयाक खड़गे ने भी ट्वीट कर दिया, “बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय!!”
Also Read
-
Exclusive: India’s e-waste mirage, ‘crores in corporate fraud’ amid govt lapses, public suffering
-
4 years, 170 collapses, 202 deaths: What’s ailing India’s bridges?
-
‘Grandfather served with war hero Abdul Hameed’, but family ‘termed Bangladeshi’ by Hindutva mob, cops
-
India’s dementia emergency: 9 million cases, set to double by 2036, but systems unprepared
-
धर्मस्थला में सामूहिक दफन की जांच: खुदाई के तीसरे दिन मिले मानव अवशेष