Report
मणिपुर: 'आपके बच्चों को ढूंढने गए तो युद्ध छिड़ जाएगा'
“मकान की पहली मंजिल पर तीन कमरे बन रहे हैं. इनमें से एक कमरा मेरे बेटे का था. कंस्ट्रक्शन मैटीरियल की कमी की वजह से हमें काम रोकना पड़ा. मुझे नहीं पता कि अब कमरे में कौन रहेगा.”
ये बात पिछले साल ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (वायरलेस) के पद से रिटायर हुए फिजाम इबुंगोबी सिंह ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताई. वे मणिपुर की राजधानी इम्फाल में घर बना रहे हैं.
6 जुलाई को उनके बेटे फिजाम हेमाजीत सिंह और उनकी दोस्त लौंगबी लिनथोइनगांबी हिजाम इम्फाल से लापता हो गए. दोनों की उम्र करीब 17 साल थी और वे 12वीं कक्षा के छात्र थे.
लापता होने के बाद दोनों छात्रों के परिवारों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह से मुलाकात की और मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके को भी एक ज्ञापन भेजा.
इस निर्माणाधीन घर में एक जगह प्लास्टिक की कुछ लाल कुर्सियां और लकड़ी के सोफे रखे हैं. फिलहाल, ये जगह लिनथोईगांबी के पिता हिजाम कुलजीत सिंह और हेमाजीत के पिता फिजाम इबुंगोबी सिंह के मिलने की जगह बन गई है.
यहीं पर वे बच्चों की तस्वीरों के साथ बाकी लोगों से भी मिलते हैं. इस उम्मीद में कि उन्हें जल्द से जल्द ढूंढा जा सके.
लापता छात्रों के परिजिनों से मिलने के बाद न्यूज़लॉन्ड्री की टीम पश्चिम इम्फाल पुलिस स्टेशन भी पहुंची.
हमें यहां बताया गया कि दोनों लापता छात्रों की हत्या की आशंका है. हालांकि, पुलिस ने इस बात की पुष्टि से इंकार कर दिया क्योंकि अभी तक छात्रों के शव नहीं ढूंढे जा सके हैं. इसकी वजह बताते हुए पुलिस ने कहा कि उन्हें शक है कि लापता छात्रों को कुकी समुदाय की बहुलता वाले इलाके में दफनाया गया है. बताते चलें कि लापता छात्र मैती समुदाय के हैं.
हत्या की आशंका के बीच दोनों परिवार बच्चों की खोज जारी रखे हुए हैं.
लड़के के खिलाफ़ अपहरण की शिकायत
6 जुलाई की सुबह करीब 8 बजे इम्फाल के कीशमपत मुतुम लीकाई स्थित एक कोचिंग संस्थान से फिजाम हेमाजीत सिंह अपनी दोस्त लौंगबी लिनथोइनगांबी हिजाम को अपनी स्पोर्ट्स बाइक पर बिठाकर ले गए थे.
पुलिस के मुताबिक, हेमाजीत की फोन लोकेशन आखिरी बार कोचिंग संस्थान से लगभग 10 किमी दूर एक जगह पर पाई गई थी. तब उन्हें मोटरसाइकिल पर एक साथ पास के जिले बिष्णुपुर और चुराचांदपुर की ओर जाते देखा गया था.
केस की जांच अधिकारी सनाजोबी देवी ने एक "विस्तृत रिपोर्ट" में लिखा कि लापता लड़के की 8 जुलाई और लड़की की 11 जुलाई को हत्या किए जाने की आशंका है. पुलिस को संदेह है कि हत्या के बाद कुकी समुदाय के लोगों ने दोनों के शवों को कहीं दफना दिया. पुलिस रिपोर्ट में कहा गया है कि लोकटक परियोजना पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र वाले इलाके कांगपोकपी और बिष्णुपुर की सीमा पर लाइमाटन में इन दोनों छात्रों को "कुकी लोगों ने अगवा कर लिया और जीप में बिठाकर कहीं ले गए”.
हालांकि, इम्फाल पश्चिम पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी इंगौचा सिंह ने कहा कि पुलिस अभी इन तथ्यों की पुष्टि का इंतज़ार कर रही है. उन्होंने बताया कि शवों की तलाश के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों की मदद ली जाएगी.
लिनथोइनगांबी (लड़की) के परिवार ने शुरू में लड़के के खिलाफ इम्फाल पश्चिम पुलिस स्टेशन में अपहरण की शिकायत दर्ज कराई, लेकिन परिवारों को जल्द ही इस बात का एहसास हो गया कि दोनों नाबालिग मुसीबत में हैं. इसके बाद हेमाजीत के परिवार ने लैम्फेल पुलिस से संपर्क किया, लेकिन बाद में जांच इम्फाल पश्चिम पुलिस स्टेशन को सौंप दी गई.अपनी बेटी लिनथोइनगांबी की तस्वीर हाथ में लिए हिजाम कुलजीत सिंह ने बताया कि आखिरी बार उनकी बेटी ने 6 जुलाई को सुबह 10 बजे के आसपास अपनी मां से बात की थी. उन्होंने कहा, "बात हो रही थी कि अचानक उसका फोन बंद हो गया."
परिवार के मुताबिक, लिनथोइनगांबी एक डॉक्टर बनना चाहती थीं और हेमाजीत से उनकी मुलाकात 11वीं कक्षा में गणित की ट्यूशन के दौरान हुई थी.
परिवार की एक परिचित विमला देवी कहती हैं, “उसकी मां का हाल बेहाल है. वो पूरे समय रोती रहती हैं और ढंग से खाना भी नहीं खा रही हैं. वो बदहवास हो चुकी हैं.”
उन्होंने कहा, “वे दोनों बहुत छोटे थे. पुलिस ने हमें बताया कि उनके फोन की आख़िरी लोकेशन क्वाक्टा सेवला थी, जो कुकी इलाके के नजदीक है.”
मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के बीच मैतेई और कुकी समुदाय ने अपनी-अपनी सुरक्षा के लिए भौगोलिक सीमाएं तय कर ली हैं. हजारों अनसुलझी ज़ीरो एफआईआर इस बात की ओर साफ इशारा करती हैं कि दोनों समुदायों के पुलिस अधिकारी भी एक-दूसरे के इलाके में नहीं जाते हैं.
लापता छात्रों के परिवार से बातचीत पर ये वीडियो रिपोर्ट देखिए.
‘हम उनके इलाके में नहीं जा सकते’
हेमाजीत के भाई चेतनजीत कहते हैं, “हमने उसे हर जगह ढूंढा, उसके दोस्तों से भी पूछा मगर हम कुछ पता नहीं चला. मेरी मां की हालत ठीक नहीं है. वो ठीक से खाना भी नहीं खा रही हैं. मेरे भाई की अंतिम लोकेशन के नज़दीक जाया नहीं जा सकता क्योंकि वो इलाका कुकी के कब्ज़े में है. पुलिस ने कहा कि हिंसा की वजह से इस इलाके में कोई भी मैती नहीं जा सकता है.”
हेमाजीत की मां मेमचा देवी ने कहा कि 6 जुलाई की सुबह जब उनका बेटा घर से निकला तो उसने कहा कि वह "फुटबॉल खेलने जा रहा है".
मेमचा देवी कहती हैं, "जब मैंने कुछ घंटों के बाद उसे फोन किया, तो उसका फोन बंद था."
हेमाजीत के बिस्तर पर रखे कुछ कपड़ों की ओर इशारा करते हुए उनके परिवार ने बताया कि हेमाजीत को फुटबॉल, बाइकिंग और जिम करना पसंद था.
फिजाम इबुंगोबी सिंह न्यूज़लॉन्ड्री को बताते हैं, "पुलिस ने हमें कहा कि अगर वे बच्चों को खोजने के लिए उस इलाके में गए तो फिर से युद्ध छिड़ जाएगा."
वे आगे कहते हैं, "एक दिन बाद, 7 जुलाई को किसी ने उसके फोन में एक नया सिम कार्ड डाला, उस नंबर का लोकेशन लैमडेन था, जो कुकी-प्रभुत्व वाले इलाके की सीमा पर है."
हेमाजीत की भाभी ब्रजेशवरी देवी ने कहा कि उनके परिवार ने पुलिस, विधायक और यहां तक की मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार तक से इस मामले में भेंट की है.
वे कहती हैं, “हम नहीं जानते कि हमारा भाई जीवित है या मृत. हम वहां जाना चाहते हैं और उसकी तलाश करना चाहते हैं, लेकिन मैती और कुकी समुदायों के बीच चल रही दुश्मनी की वजह से हम ऐसा नहीं कर सकते. हम सभी अधिकारियों से अपील करना चाहते हैं कि भले ही हमारा भाई मर गया हो, कम से कम हमें उसका शव तो मिलना चाहिए.”
इसी बीच एडिटर्स गिल्ड मणिपुर हिंसा की मीडिया कवरेज की जांच के लिए एक फ़ैक्ट फाइडिंग कमेटी बनाने की तैयारी में है.
गिल्ड ने कहा कि उसे स्थानीय प्रेस द्वारा "गलत रिपोर्टिंग" पर सशस्त्र बलों से भी शिकायतें मिली हैं. अगस्त के पहले सप्ताह में कमेटी की टीम राज्य का दौरा करेगी.
एडिटर्स गिल्ड के महासचिव अनंत नाथ ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि "जिस तरह से मीडिया ने हिंसा को कवर किया है समिति उसका दस्तावेजीकरण करेगी."
यह रिपोर्ट अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
Also Read
-
Margins shrunk, farmers forced to switch: Trump tariffs sinking Odisha’s shrimp industry
-
Gujarat’s invisible walls: Muslims pushed out, then left behind
-
Gurugram’s Smart City illusion: Gleaming outside, broken within
-
DU polls: Student politics vs student concerns?
-
दिल्ली विश्वविद्यालय चुनाव में छात्र हित बनाम संजय दत्त और शराब