Report
प्रवेश शुक्ला की जन्मपत्री: आदिवासी के चेहरे पर पेशाब करने वाला छुटभैया नेता और गुंडा
चार जुलाई को शाम चार बजे के आस-पास मध्य प्रदेश से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया और देखते ही देखते इंटरनेट पर फैल गया. वीडियो में एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के मुंह पर पेशाब करता नजर आ रहा है. साथ में वो सिगरेट का धुआं भी उड़ा रहा है. वीडियो वायरल होते ही इंटरनेट पर गुस्से, क्षोभ और कड़ी कार्रवाई का सैलाब आ गया.
यह घटना मध्य प्रदेश के सीधी जिले के कुबरी गांव की है. इस हैरान कर देने वाले कृत्य में शामिल आरोपी की पहचान प्रवेश शुक्ला के रूप में हुई है, जो सीधी से भारतीय जनता पार्टी के विधायक केदारनाथ शुक्ला का प्रतिनिधि है. पीड़ित आदिवासी कोल समुदाय से है और वो भी आरोपी प्रवेश शुक्ला के गांव का ही रहने वाला है.
इस घटना को अपने मोबाइल में रिकॉर्ड करने वाले दीन दयाल साहू के मुताबिक घटना एक साल पहले की है. लेकिन यह वीडियो इसी साल 26 जून को पहली बार सामने आया. यह शर्मनाक घटना कुबरी पंचायत भवन के पास पीसीसी रोड की है.
दीन दयाल साहू कहते हैं, "यह घटना शाम 7.30-8:00 बजे के आसपास मेरी दुकान के ठीक बाहर की है. पीड़ित आदिवासी कोल समुदाय का है और बहुत ही सीधा-सज्जन व्यक्ति है. मेरी मोबाइल रिचार्ज करने की दुकान है, पीड़ित मेरी दुकान पर फोन रिचार्ज कराने आया था और दुकान की सीढ़ियों पर बैठा था. तभी शुक्ला वहां आया और सीधे उस पर पेशाब करने लगा. पीड़ित ने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माना. इस दौरान मैंने भी कुछ सेकेंड तक घटना का वीडियो बनाने के बाद उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन उसने मेरी भी नहीं सुनी. इसके बाद वह पेशाब करके चला गया."
“शुक्ला एक दबंग है और विधायक का प्रतिनिधि भी है. वह गांव में अक्सर गुंडागर्दी करता है. लोग उससे डरते हैं. वह अक्सर लोगों से लड़ाई-झगड़ा करता है. लेकिन उसके खिलाफ शिकायत करने की किसी में भी हिम्मत नहीं है. यहां तक की पुलिस भी उन्हीं का साथ देती है.” साहू ने कहा.
साहू आगे कहते हैं कि उन्होंने यह वीडियो अपने एक दोस्त के साथ साझा किया था. उसने 26 जून को इसे गांव के अन्य लोगों के साथ साझा कर दिया.
हमसे बातचीत के दौरान साहू ने एक चौंकाने वाली जानकारी साझा की. प्रवेश शुक्ला फिलहाल फरार है लेकिन उसको बचाने के लिए उसके परिवार ने एक योजनाबद्ध कहानी गढ़ी है. परिवार ने उसके लापता होने की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज कराई और उसकी गुमशुदगी का कारण वायरल वीडियो को बताया है.
साहू के दोस्त हैं आदर्श शुक्ला- जिन्होंने यह वीडियो बाकी ग्रामीणों से शेयर किया था. वो कहते हैं, “प्रवेश के परिवार ने मुझ पर आरोप लगाते हुए गुमशुदगी की शिकायत थाने में दर्ज कराई थी. मैंने शुक्ला की शर्मनाक हरकत का वीडियो इसलिए लोगों को दिखाया ताकि उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सके. लेकिन जैसे ही वीडियो वायरल हुआ शुक्ला फरार हो गया. 29 जून को उसके परिवार ने स्थानीय थाने में मेरे खिलाफ गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करा दी. इसके बाद से पुलिस मुझे परेशान कर रही है. और प्रवेश को कुछ होने की सूरत में मेरे खिलाफ कार्रवाई की बात कह रही है.”
आदर्श आरोप लगाते हैं कि वह गायब नहीं हुआ है बल्कि परिवार वालों ने उसे छुपा दिया है. “बीते रविवार (2 जुलाई) को मैंने उसे फेसबुक पर ऑनलाइन देखा. तुरंत इसकी जानकारी मैंने पुलिस को दी. तब वह सतना में था,” आदर्श कहते हैं.
इस वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया से लेकर स्थानीय स्तर तक लोगों में काफी आक्रोश हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
हमने सीधी के विधायक केदारनाथ शुक्ला से प्रवेश शुक्ला के बारे में पूछा. वे प्रवेश के प्रतिनिधि होने की बात नरकारते हुए कहते हैं, “विधायक को जिला पंचायत स्तर पर प्रतिनिधि रखने की पावर है, वहां कुमंत द्विवेदी मेरे प्रतिनिधि हैं. जनपद पंचायत पर उमा शंकर मेरे प्रतिनिधि हैं और नगर पालिका में दिनेश गुप्ता मेरे प्रतिनिधि हैं. इन तीनों के अलावा मेरा कोई प्रतिनिधि नहीं है.”
लेकिन तमाम पोस्टरों में प्रवेश केदारनाथ के साथ नजर आ रहा है और खुद को विधायक प्रतिनिध लिखता है. इस सवाल पर केदारनाथ कहते हैं, “देखिए हम सार्वजनिक हैं, नेता हैं. कोई आकर हमारे साथ खड़ा हो जाए तो प्रतिनिधि थोड़ी हो जाता है.”
हमने पूछा क्या आप प्रवेश को जानते हैं? इस पर वह कहते हैं, “वह एक प्रतिष्ठित परिवार के लड़के हैं और मेरे ही विधानसभा क्षेत्र से हैं. लेकिन उन्होंने गलत किया है तो उन्हें दंडित होना चाहिए. उन पर कोई भी कार्रवाई हो हमें कोई आपत्ति नहीं है.”
इस पूरे मामले पर हमने सीधी के पुलिस अधीक्षक देवेंद्र वर्मा से भी बात की, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए फोन काट दिया कि वे अभी चुनाव आयोग की मीटिंग में हैं.
वहीं सीधी के एसएचओ पवन सिंह ने हमें बताया, "हमें आज ही इस घटना के बारे में पता चला है. हमने शुक्ला पर एससी/एसटी एक्ट और आईपीसी की अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है. हम उसकी तलाश कर रहे हैं. जल्द ही उसे गिरफ्तार करेंगे."
उन्होंने आगे कहा, "हमने पीड़ित से भी मुलाकात की है. हमने उससे घटना के बारे में बयान लेना चाहा लेकिन वह शुक्ला के खिलाफ कुछ नहीं बोल रहा है. हमें नहीं पता कि वह ऐसा क्यों कर रहा है. शायद वह डरा हुआ है. हमारे वरिष्ठ अधिकारी उससे बात कर रहे हैं.”
न्यूज़लॉन्ड्री की खोजबीन में एक और जानकारी सामने आई. हमारे सामने पीड़ित का एक शपथ पत्र भी सामने आया है जिसमें वह कथित तौर पर यह लिखता है कि- “मेरा और प्रवेश शुक्ला का जो वीडियो वायरल किया जा रहा है वो झूठा और फर्जी है. मेरे साथ प्रवेश शुक्ला द्वारा कभी भी ऐसा कोई कृत्य नहीं किया गया है. मुझ पर प्रवेश शुक्ला के खिलाफ आदर्श शुक्ला व अन्य लोगों द्वारा पुलिस कार्रवाई करने का दबाव बनाया जा रहा है. जबकि वीडियो में दिखाया जा रहा वह दृश्य झूठा व फर्जी है.”
बताया जा रहा है कि प्रवेश शुक्ला के परिजनों ने यह शपथ पत्र पीड़ित से दबाव डालकर लिखवाया है.
सीधी में प्रवेश शुक्ला के कई और कारनामे हमारे सामने आए. स्थानीय निवासी संजय मिश्र से हमारी बातचीत हुई. वो कहते हैं, "प्रवेश लगभग दो सप्ताह पहले मेरे पास आया और देशी बंदूक दिखाकर मुझे गोली मारने की धमकी देने लगा. वह अक्सर दबंगई करता रहता है. लेकिन मुझे उम्मीद नहीं थी कि वो मुझे बंदूक से धमकाएगा. मैं उसकी शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस के पास गया. लेकिन पुलिस ने उसके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उल्टा मेरे ऊपर ही समझौता करने का दबाव बनाया.”
जाहिर है प्रवेश अपने राजनीतिक संबंधों का इस्तेमाल करता रहा और स्थानीय पुलिस उसके ऊपर कार्रवाई से बचती रही.
घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक ट्वीट कर आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है.
उन्होंने ट्वीट किया, “मेरे संज्ञान में सीधी जिले का एक वायरल वीडियो आया है. मैंने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि अपराधी को गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई कर एनएसए भी लगाया जाए.”
Also Read
-
Corruption, social media ban, and 19 deaths: How student movement turned into Nepal’s turning point
-
India’s health systems need to prepare better for rising climate risks
-
Muslim women in Parliament: Ranee Narah’s journey from sportswoman to politician
-
Adieu, Sankarshan Thakur: A rare shoe-leather journalist, newsroom’s voice of sanity
-
Mud bridges, night vigils: How Punjab is surviving its flood crisis