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ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी के गंभीर आरोपों के बीच भारत सरकार ने क्या कहा
ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने किसान आंदोलन के दौरान भारत सरकार द्वारा कंपनी पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है. डोर्सी के मुताबिक, सरकार ने किसान आंदोलन से संबंधित और केंद्र सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारो के अकाउंट ब्लॉक करने के लिए कई अनुरोध किए थे. साथ ही अनुरोध न मानने पर सरकार द्वारा दबाव बनाया गया और ट्विटर को भारत में बैन करने, दफ्तर बंद करवाने और कर्मचारियों के घरों पर छापा मारने की धमकी दी गई थी.
डोर्सी ने ये भी कहा कि ये सब निवेदन भारत जैसे लोकतांत्रिक देश की सरकार से आ रहे थे. डोर्सी के इन दावों को केंद्र सरकार ने पूरी तरह झूठ बताया है.
जैक डोर्सी ने ये सब बातें 12 जून को 'ब्रेकिंग पॉइंट्स' नामक यूट्यूब चैनल को दिए गए इंटरव्यू में कही हैं. डोर्सी से उनके कार्यकाल के दौरान विदेशी सरकारों की ओर से दवाब बनाने के लिए किए गए प्रयासों को लेकर सवाल पूछा गया था, जिसके जवाब में उन्होंने भारत का उदाहरण देते हुए ये सब बातें कहीं.
मालूम हो कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर, 2021 में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी. उन्होंने यह फैसला नवंबर, 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हजारों किसानों के एक साल के लंबे विरोध के बाद लिया था. इस दौरान किसान आंदोलत में 700 से ज्यादा किसानों की मौत हो गई थी.
केंद्र ने जैक को झूठा कहा
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने डोर्सी की टिप्पणियों का खंडन किया. उन्होंने आरोपों को साफ झूठ करार दिया है. चंद्रशेखर ने कहा कि न तो किसी पर छापा मारा गया और न ही किसी को जेल भेजा गया. ट्विटर के ऑफिस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. मंत्री ने आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा, “डोर्सी के नेतृत्व में ट्विटर भारतीय कानूनों का बार-बार उल्लंघन कर रहा था. इसीलिए हमारा ध्यान केवल भारतीय कानूनों के अनुपालन को सुनिश्चित करने पर था."
वहीं, कांग्रेस ने जैक के इन आरोपों पर सरकार को आडे़ हाथों लिया है. कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जब किसान दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे थे तो सरकार इनकी आवाज दबाने का प्रयास कर रही थी. प्रवक्ता ने कहा कि मदर ऑफ़ डेमोक्रेसी में मर्डर ऑफ़ डेमोक्रेसी किया जा रहा है.
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