Khabar Baazi

आयकर विभाग ने किया बीबीसी द्वारा कम आय दिखाए जाने की बात स्वीकारने का खंडन

ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) द्वारा अपनी भारतीय आय को 40 करोड़ रुपए कम दिखाने की बात स्वीकार करने की खबरों का अब एक आयकर अधिकारी ने खंडन किया है. अंग्रेजी अख़बार द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है. 

रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारी ने कहा है कि अनौपचारिक या औपचारिक तरीके से ई-मेल के जरिए ये घोषणा करने की कोई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) नहीं है. अधिकारी ने कहा है, “मूल्यांकन की एक कानूनी प्रक्रिया है. औपचारिक या अनौपचारिक ई-मेलिंग के लिए कोई एसओपी नहीं है. यदि करदाता गलत जानकारी देना स्वीकार करता है तो भारतीय कर कानून किसी भी उदार उपचार की अनुमति नहीं देते हैं.”

उल्लेखनीय है कि इससे पहले मंगलवार को हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के हवाले से कहा था कि बीबीसी ने एक ई-मेल के माध्यम से कर चोरी की बात स्वीकार की है.

मालूम हो कि बीबीसी के दिल्ली और मुंबई स्थित कार्यालयों में फरवरी महीने में तीन दिनों तक आयकर विभाग द्वारा सर्वे किया गया था. तब सर्वे के बाद ये दावा किया गया था कि विभाग को अनियमितताएं मिली हैं.  

अधिकारी के अनुसार, बीबीसी अगर संशोधित आयकर रिटर्न भी दाखिल करता है तो उसे कोई मदद नहीं मिलेगी, क्योंकि यह गतवर्ष के लिए ही दाखिल की जा सकती है.

अधिकारियों ने बताया कि बीबीसी को अब विभाग द्वारा धारा 148 के तहत जारी किए जाने वाले नोटिस के जवाब में रिटर्न दाखिल करना होगा, वो भी अगर उन्हें इसका अवसर दिया जाता है. 

फरवरी में वित्त मंत्रालय ने बताया था, “बीबीसी में सर्वे के दौरान विभाग को ट्रांसफर प्राइसिंग डॉक्यूमेंटेशन में कई विसंगतियां मिली हैं. जिसे लेकर बीबीसी को विभाग ने मेल के जरिए सवाल भी पूछे हैं लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया.”

Also Read: बीबीसी ने स्वीकारी भारत में टैक्स चोरी की बात: मीडिया रिपोर्ट

Also Read: इनकम टैक्स का छापा और ईडी जांच के बाद बीबीसी के श्रीलंकाई पत्रकारों के वीजा पर सरकार का अड़ंगा