Report
विश्व पर्यावरण दिवस विशेष: भारत की 46 फीसदी नदियां प्रदूषित, गंगा के हालात सबसे ज्यादा खराब
देश में कुल 603 नदियां हैं और आपको यह जानकर हैरानी होगी कि करीब 46 फीसदी नदियां प्रदूषण की चपेट में हैं. गंगा समेत देश की प्रमुख नदियां सर्वाधिक प्रदूषित बनी हुई हैं. महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में सर्वाधिक नदियां प्रदूषित हैं तो यूपी और पंजाब ऐसे राज्य हैं जहां सबसे अधिक नदी स्थलों में जैविक ऑक्सीजन मांग (बीओडी) का घातक प्रदूषण बना हुआ है.
नई दिल्ली स्थित सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) की ओर से 5 जून को पर्यावरण दिवस के मौके पर जारी स्टेट ऑफ एनवायरमेंट (एसओई) रिपोर्ट 2023 में यह खुलासा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक देश के 30 राज्यों में कुल 279 (46 फीसदी) नदियां प्रदूषित हैं, हालांकि, 2018 के मुकाबले मामूली सुधार 2022 में देखा गया है. 2018 में 31 राज्यों में 323 नदियां प्रदूषित थीं.
एसओई रिपोर्ट के मुताबिक देश की 279 अथवा 46 फीसदी प्रदूषित नदियों में सर्वाधिक प्रदूषित नदियां महाराष्ट्र (55) में हैं जबकि इसके बाद मध्य प्रदेश में 19 नदियां प्रदूषित हैं. वहीं, बिहार में 18 और केरल में18 नदियां प्रदूषित हैं. उत्तर प्रदेश में 17 और कर्नाटक में 17 नदियां जबकि राजस्थान में 14 और गुजरात में 13, मणिपुर में 13, पश्चिम बंगाल में 13 नदियां प्रदूषित हैं.
बीओडी की सर्वाधिक खराब स्थिति वाला राज्य यूपी
एसओई रिपोर्ट 2023 के मुताबिक कई राज्यों के प्रदूषित नदी स्थलों पर जैविक ऑक्सीजन मांग (बीओडी) अपने सामान्य मानक से 10 गुना अधिक तक मौजूद है. एक लीटर में बीओडी की सामान्य मात्रा तीन मिलीग्राम होती है. यदि बीओडी इस सामान्य मानक से अधिक है तो इसका आशय हुआ कि पानी न सिर्फ प्रदूषित है बल्कि पानी में मौजूद ऑक्सीजन तत्व में कमी आ रही है और पानी में मौजूद सूक्ष्मजीवों को कार्बनिक पदार्थों को समाप्त करने के लिए अतिरिक्त ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है.
एसओई रिपोर्ट के मुताबिक 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 109 नदी प्रदूषण निगरानी स्थल ऐसे हैं जहां बीओडी सामान्य मानक तीन मिलीग्राम प्रति लीटर की स्वीकार्य सीमा से 10 गुना अधिक 30 मिलीग्राम प्रति लीटर तक पाया गया.
नदियों में बीओडी प्रदूषण के मामले में सबसे खराब स्थिति उत्तर प्रदेश की है. जहां कुल 20 निगरानी स्टेशन केंद्र ऐसे हैं जहां पर बीओडी 30 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक पाया गया है. दूसरे स्थान पर पंजाब है जहां 19 निगरानी स्टेशन केंद्र पर बीओडी 30 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक है. गुजरात में 10 और तमिलनाडु में 10 निगरानी केंद्र ऐसे हैं जहां बीओडी स्वीकार्य मानक से 10 गुना तक अधिक है. हरियाणा में नदियों के सात निगरानी केंद्रों और दिल्ली के पांच निगरानी केंद्रों पर पाया गया कि बीओडी 30 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक है.
गंगा सर्वाधिक प्रदूषित
देश में कुल 1920 निगरानी स्थल हैं. इनमें 43 फीसदी यानी 817 नदी प्रदूषण निगरानी स्थल ऐसे हैं जिसमें 2019 से 2021 के बीच नदी के पानी की गुणवत्ता नहाने लायक नहीं था. एसओई 2023 रिपोर्ट के मुताबिक देश की कुल 279 प्रदूषित नदियो में गंगा समेत कुल 33 नदियां ऐसी हैं जहां 10 या उससे ज्यादा स्थानों पर बीओडी स्वीकार्य सीमा से अधिक पाया गया है. गंगा में 49 स्थलों पर जबकि यमुना में 35 स्थल, गोदावरी में 31 स्थल, घग्गर में 27 स्थल, गोमती में 20 स्थल, कावेरी में 15 स्थल, दामोदर में 12 स्थल, कृष्णा में 12 स्थल, भवानी में 11 स्थल, हिंडन में 11 स्थल, सतलुज में 11 स्थल और मूसी में 10 या उससे अधिक स्थलों पर नदियों में बीओडी स्तर स्वीकार्य सीमा से अधिक पाया गया है.
(साभार- डाउन टू अर्थ)
Also Read: स्वच्छ गंगा निधि: कहां तक पहुंची बात
Also Read
-
Rajiv Pratap Rudy on PM’s claims on ‘infiltrators’, ‘vote-chori’, Nishikant Dubey’s ‘arrogance’
-
Can you really afford a house in India?
-
TV Newsance 313: What happened to India’s No. 1 China hater?
-
Chronicler of Bihar, veteran editor ‘with a spine’: Journalists mourn the death of Sankarshan Thakur
-
India’s health systems need to prepare better for rising climate risks