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पहलवानों के प्रदर्शन के 30 दिन पूरे, भीम आर्मी के साथ निकाला कैंडल मार्च

यौन उत्पीड़न के मामले में न्याय की मांग को लेकर पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फौगाट और साक्षी मलिक प्रदर्शन कर रहे हैं. पहलवानों की मांग है कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी हो और उन्हें पद से बर्खास्त किया जाए. दिल्ली के जंतर-मंतर पर किए जा रहे इस प्रदर्शन को 23 मई को 1 महीना पूरा हो गया. इस मौके पर पहलवानों ने देशवासियों से अपील की थी कि उनके साथ इंडिया गेट तक कैंडल मार्च में जुड़ें. 

पहलवानों की अपील पर देशभर से हजारों लोग पहलवानों के समर्थन में मार्च में शामिल हुए. इस दौरान जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के अलावा कई सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने भी भाग लिया. भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद इस प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे थे. 

न्यूजलॉन्ड्री से बात करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा, “देश संविधान से चलता है और संविधान के अनुसार, न्याय सब का जन्मसिद्ध अधिकार है. लेकिन यहां तो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद एफआईआर दर्ज की गई. फिर नाबालिग बच्चियों के शोषण का मामला होने के बावजूद अभी तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई. अगर वास्तविकता में कानून का पालन किया गया होता तो अभी तक बृजभूषण शरण सिंह जेल के अंदर होता."

वहीं मार्च में शामिल होने के लिए हरियाणा से आई गीता ने कहा कि बेटियों के साथ न्याय नहीं हो रहा है. इसीलिए वे सड़क पर उतरे हैं. वे इस लड़ाई को तब तक जारी रखेंगे जब तक बेटियों को न्याय नहीं मिल जाता.

इंडिया गेट पर पहुंचकर विनेश फौगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने प्रदर्शन में शामिल होने के लिए सबका आभार जताया. इस दौरान बजरंग पूनिया ने कहा कि वे पहले देश के तिरंगे के लिए खेलते थे, आज इसी तिरंगे को थाम कर वे न्याय की मांग कर रहे हैंं." साक्षी मलिक ने कहा कि वे इस लड़ाई को जारी रखेंगे. 

वहीं, इस मामले में आरोपी बृजभूषण शरण सिंह मीडिया के समक्ष पहलवानों के नार्को टेस्ट की बात कह रहे हैं. इसके जवाब में पहलवानों ने कहा है कि वे नार्को टेस्ट के लिए तैयार हैं लेकिन शर्त है कि इसका लाइव टेलिकास्ट हो. 

उधर, दिल्ली पुलिस ने नाबालिग समेत सभी पीड़ित पहलवानों के बयान दर्ज कर लिए हैं. हालांकि, पुलिस ने अभी तक बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार नहीं किया है लेकिन उनसे दो बार पूछताछ जरूर की है.  

पहलवानों ने कहा कि 28 मई के दिन नई संसद भवन के सामने महिला पंचायत का आयोजन करेंगे और न्याय की लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे. गौरतलब है कि इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं. 

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