Report
महिला पहलवानों के साथ बदसलूकी: मेनस्ट्रीम मीडिया के प्रमुख चैनलों का प्राइम टाइम विश्लेषण
जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच बुधवार को झड़प हो गई. इस झड़प में दो पहलवान भी घायल हो गए. पहलवानों ने बताया कि पुलिस ने उनके और महिला साथियों के साथ बदसलूकी और मारपीट की. इतना ही नहीं इस दौरान पहलवानों का हाल-चाल जानने पहुंचे कई नेताओं और पत्रकारों के साथ भी दिल्ली पुलिस ने अभद्र व्यवहार किया.
इस दौरान कई को हिरासत में लिया तो एक वरिष्ठ महिला पत्रकार के कपड़े तक फाड़ दिए. अंतराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करने वाले पहलवानों के साथ पुलिस द्वारा बदसलूकी किए जाने की ख़बरों ने सबका ध्यान खींच लिया. घटना के अगले दिन यानी गुरुवार सुबह से ही देशभर से लोग पहलवानों के समर्थन में जंतर-मंतर पहुंचे. देश की राजधानी दिल्ली में आधी रात को महिला पहलवानों के साथ पुलिस की इस कथित गुंडागर्दी के खिलाफ पूरे देश में रोष है.
ऐसे में हमने ये जानने की कोशिश की कि आखिर देश का मेनस्ट्रीम मीडिया खासतौर पर टीवी चैनल अपने प्राइम टाइम में इस मुद्दे पर क्या कह रहे हैं या फिर उन्होंने आधी रात की इस कार्रवाई पर चुप्पी साध ली है?
आज तक
खुद को देश का नंबर वन बताने वाले चैनल आज तक पर तीन प्रमुख चेहरे प्राइम टाइम में देश के लिए जरूरी मुद्दों पर चर्चा करते हैं. जिनमें अंजना ओम कश्यप, चित्रा त्रिपाठी और सुधीर चौधरी शामिल हैं. इनमें से चित्रा त्रिपाठी और सुधीर चौधरी ने अपने कार्यक्रमों में पहलवानों के साथ हुई बदसलूकी पर चर्चा की. जबकि अंजना ओम कश्यप ने अपने कार्यक्रम में इस मुद्दे को नहीं उठाया.
चित्रा त्रिपाठी के सरकार से सवाल
चित्रा त्रिपाठी ने पहलवानों के मुद्दे को लेकर ‘इंसाफ के लिए दंगल कब तक’ नाम से शो किया. इसमें पहलवानों के साथ हुए पूरे घटनाक्रम का जिक्र किया और सवाल उठाया कि आखिर एफआईआर दर्ज होने के बाद भी भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही? शो में शामिल हुए सुप्रीम कोर्ट के वकील अमिताभ सिन्हा ने भी सवाल किया कि आखिर पुलिस ने आधी रात को पहलवानों के साथ ऐसा क्यों किया?
हालांकि, चित्रा ने इस दौरान शो में शामिल कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा से सवाल किया कि अगर पहलवानों का प्रदर्शन राजनीतिक रंग लेगा तो उन पर सवाल तो उठेगा ही. कुल मिलाकर चित्रा ने शो में पुलिस और सरकार से सवाल तो किए ही साथ ही विपक्ष को भी नसीहत दी कि वह पहलवानों के प्रदर्शन को राजनीतिक रंग देने से बचे.
सुधीर के पहलवानों से सवाल
चित्रा त्रिपाठी जहां सरकार से सवाल कर रही थीं वहीं चैनल के दूसरे प्राइम टाइम एंकर सुधीर चौधरी सरकार की बजाए विपक्ष से ही सवाल पूछ रहे थे. वो कथित तौर पर धरनारत पहलवानों की पोल खोलने का दावा कर रहे थे और जैसा कि हर बार करते हैं, इस बार भी वो सत्ताधारी भाजपा सरकार से सवाल पूछने की बजाए प्रदर्शनकारियों पर ही सवाल उठा रहे थे.
सुधीर ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे पहलवानों की रेलवे में अच्छी नौकरी है, सरकारों से इन्हें 10-10 करोड़ रुपए भी मिले हैं, पर इन लोगों ने केवल मेडल लौटने की धमकी दी है. मेडल के साथ जो पैसे मिले हैं, वे उसे नहीं लौटाना चाहते और नौकरी भी नहीं छोड़ना चाहते हैं.
एबीपी न्यूज़
रुबिका लियाकत की ‘केरला स्टोरी’
एबीपी न्यूज़ की स्टार एंकर रुबिका लियाकत ने अपने प्राइम टाइम शो ‘हुंकार’ में पहलवानों के साथ हुई बदसलूकी पर कोई चर्चा नहीं की. लियाकत रिलीज हुईं फिल्म ‘केरला स्टोरी’ को लेकर चर्चा करती दिखीं. बताते चलें कि इस फिल्म पर जानबूझकर एक समुदाय विशेष के खिलाफ दुर्भावना फैलाने के आरोप लग रहे हैं. साथ ही फिल्म में ये भी दावा किया जा रहा है कि केरल की करीब 30 हजार लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाया गया जबकि ये आंकड़े कहां से आए इसका कुछ जिक्र नहीं.
न्यूज़ 18 इंडिया
प्राइम टाइम एंकर अमीश देवगन ने अपने शो ‘आर-पार’ में पहलवानों के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की. देवगन ने कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस द्वारा बजरंग दल को बैन किए जाने की घोषणा के मुद्दे पर शो किया.
उन्होंने कहा कि बजरंग दल पर बैन की बात करके कांग्रेस संकट में फस गई है. गौरतलब है कि पहले दिन से पहलवानों के मुद्दे को सिर्फ शो ही नहीं बल्कि पूरे चैनल पर तवज्जो नहीं दी जा रही है.
टाइम्स नाऊ नवभारत
चैनल के दो प्रमुख एंकर नविका कुमार और सुशांत सिन्हा की ओर से दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को लेकर ‘ऑपरेशन शीशमहल’ जारी है. जिसमें चैनल दावा कर रहा है कि वो केजरीवाल के घर के अंदर की तस्वीरें दिखाने जा रहा है. जिसके नाम पर चैनल बता रहा है कि उसके घर के दोनों तरफ बालकनी है. वहीं, देश की राजधानी में आधी रात हुई महिला पहलवानों के साथ बदसलूकी पर ये दोनों स्टार एंकर मौन हैं.
ज़ी न्यूज़
यही हाल ज़ी न्यूज़ का भी रहा. यहां प्राइम टाइम में चैनल के संपादक दीपक चौरसिया ने अपने शो ‘कसम संविधान की’ में पहलवानों के साथ हुई बदसलूकी पर कोई चर्चा नहीं की. उन्होंने अपने शो में कर्नाटक चुनाव और कांग्रेस को लेकर चर्चा की. जिसमें कर्नाटक चुनावों के दौरान नेताओं की बयानबाजी को मुद्दा बनाया गया.
न्यूज़लॉन्ड्री ने अपने विश्लेषण में पाया कि देश के प्रमुख हिंदी चैनलों ने अपने प्राइम टाइम में पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच बुधवार रात को हुई झड़प को तवज्जो नहीं दी. जिस एक चैनल आज तक चैनल ने इस मुद्दे पर चर्चा भी कि तो अगर चित्रा सरकार से सवाल कर रही थीं तो सुधीर चौधरी अपने शो में पहलवानों पर सवाल उठा रहे थे.
Also Read
-
The Rs 444 question: Why India banned online money games
-
‘Total foreign policy failure’: SP’s Chandauli MP on Op Sindoor, monsoon session
-
On the ground in Bihar: How a booth-by-booth check revealed what the Election Commission missed
-
A day in the life of an ex-IIT professor crusading for Gaza, against hate in Delhi
-
Crossing rivers, climbing mountains: The story behind the Dharali stories