Khabar Baazi
रॉय दंपत्तिः एनडीटीवी के बाद नई कंपनी की स्थापना और किताब लिखने की योजना
गौतम अडानी द्वारा एनडीटीवी अधिग्रहण किए हुए दो महीने हो चुके हैं. इस बीच चैनल के प्रमोटर ग्रुप के डायरेक्टर रहे राधिका और प्रणय रॉय ने नई कंपनी इकरोया टेक की स्थापना की है, जो कि आईटी डेवलपमेंट और डाटा एनालिसिस पर काम करेगी.
न्यूज़लॉन्ड्री को मिली जानकारी के मुताबिक, कंपनी फाइलिंग के अनुसार, फर्म पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण कम करने जैसे क्षेत्रों में काम करेगी. इकरोया के काम में रिसर्च को बढ़ावा देने और जांच के लिए छात्रवृत्ति, अनुदान और पुरस्कार प्रदान करने के लिए रिसर्च प्रयोगशालाओं और प्रायोगिक कार्यशालाओं की स्थापना और सब्सिडी देना भी शामिल होगा.
कंपनी की पहली बोर्ड बैठक 18 जनवरी को हुई, जिसका लक्ष्य कंपनी की पहुंच वैश्विक बनाना है. इसकी शेयर पूंजी 10,00,000 रुपए है, जो 10 रुपए के 1,00,000 इक्विटी शेयरों में विभाजित है. यह प्रणय और राधिका रॉय के बीच 50-50 फीसदी की साझेदारी है, जिन्हें 50,000 शेयर जारी किए गए हैं.
इकरोया टेक प्राइवेट लिमिटेड को जनवरी में निगमित किया गया था, जबकि Ikroya.com LLP (लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप) फरवरी के अंतिम सप्ताह में अस्तित्व में आई.
सूत्रों के मुताबिक, इस बीच रॉय परिवार भारतीय चुनावों और मीडिया पर दो किताबों की भी योजना बना रहा है. न्यूज़लॉन्ड्री ने इस मामले में प्रतिक्रिया के लिए प्रणय और राधिका रॉय से संपर्क किया है. प्रतिक्रिया प्राप्त होने पर यह रिपोर्ट अपडेट की जाएगी.
मालूम हो कि रॉय दंपत्ति ने पिछले साल 29 नवंबर को एनडीटीवी के प्रमोटर आरआरपीआर के बोर्ड के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था. एक महीने बाद, अडानी समूह के एनडीटीवी में सबसे बड़ा शेयरधारक बनने के तुरंत बाद, रॉय ने अपने शेष 32.26 प्रतिशत का 27.26 प्रतिशत समूह को बेच दिया.
उनके बाद एनडीटीवी से इस्तीफों की लंबी लाइन लग गई, जिसमें कंपनी की समूह अध्यक्ष सुपर्णा सिंह, मुख्य रणनीति अधिकारी अरिजीत चटर्जी, चीफ आईटी एंड प्रोडक्ट ऑफिसर कंवलजीत बेदी का इस्तीफा शामिल है. इनके अलावा चैनल के प्रमुख एंकर रवीश कुमार, श्रीनिवासन जैन और निधि राजदान ने भी रॉय दंपत्ति के बाद चैनल को अलविदा कह दिया.
Also Read
-
I was at the India-Pakistan Oxford Union Debate and here’s what happened.
-
From oil to S-400s: The calculus behind Putin’s India visit
-
English editorials slam Sanchar Saathi ‘bad governance’, Hindi dailies yet to speak up
-
मोदीजी का टेंपल रन, एसआईआर की रेलमपेल और बीएलओ की सस्ती जान
-
SC relief for Zee Rajasthan head booked for ‘extortion’ after channel’s complaint