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स्टालिन का सामाजिक न्याय बनाम राहुल गांधी की जमानत: चेन्नई के अखबारों में मुख्य ख़बर क्या रही?

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सोमवार को सामाजिक न्याय सम्मेलन के लिए ऑल इंडिया फेडरेशन का पहला आयोजन किया, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए देश भर के विपक्षी नेताओं को एक साथ लाया गया. ऑनलाइन सम्मेलन में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ'ब्रायन, भाकपा महासचिव डी राजा, सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह सहित अन्य ने हिस्सा लिया. 

बीते महीने चेन्नई में स्टालिन के जन्मदिन समारोह में विपक्ष के नेताओं का एक साथ आना 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए ताकत का प्रदर्शन था. 

चेन्नई के अखबारों में, राहुल गांधी को मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने और जमानत मिलने की खबर के बीच हेडलाइन में जगह बनाने को लेकर संघर्ष दिखा. कांग्रेस नेता को आपराधिक मानहानि मामले में सजा के बाद लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया.

'द हिंदू' के चेन्नई संस्करण की मुख्य खबर राहुल गांधी पर थी, साथ ही एक छोटा कॉलम चेन्नई के ही कलाक्षेत्र फाउंडेशन के अंतर्गत आने वाली रुक्मिणी देवी कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स में यौन उत्पीड़न मामले पर था. वहीं दूसरी खबर अलप्पुझा-कन्नूर एक्जीक्यूटिव एक्सप्रेस में रविवार को हुई आगजनी में मौजूद मुख्य संदिग्धों पर थी. 

पेज 11 पर एक विस्तृत रिपोर्ट के साथ स्टालिन की तस्वीर एक साइडबार के रूप में थी. जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का जोरदार विरोध करते हुए स्टालिन ने कहा यह कभी भी "सामाजिक न्याय" नहीं हो सकता.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के चेन्नई संस्करण की मुख्य खबर भी गांधी की जमानत पर थी. वहीं दूसरी खबर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की थी, जो सोमवार को अखबार के दिल्ली डायलॉग्स कार्यक्रम में बोल रहे थे. मुख्य पृष्ठ पर ही सामाजिक न्याय बैठक की एक कॉलम में संक्षिप्त जानकारी थी, पूरी खबर अंदर के पन्नों पर थी. 

तमिल अखबार ‘दीना थांथी’ के मुख्य पृष्ठ पर सामाजिक न्याय की बैठक के बारे में खबर थी. जिसका शीर्षक था "राष्ट्रीय नेताओं ने दिल्ली में स्टालिन द्वारा आयोजित एक बैठक में भाग लिया" जिसमें ऑनलाइन मौजूद स्टालिन और अन्य नेताओं की एक तस्वीर थी. एक छोटी सी हेडलाइन में स्टालिन के हवाले से कहा गया है कि उनकी सरकार जातिगत जनगणना कराने के लिए "केंद्र सरकार पर दबाव डाल रही है". पेज 1 पर दूसरी स्टोरी केरल ट्रेन दुर्घटना की थी.

‘दीनमलार’ ने भी मुख्य खबर गांधी को ही बनाया, जिसका रंग तीखा लाल था.  जिसमें कहा गया था "बेल एक्सटेंशन !". वहीं दूसरी खबर छात्रों के लिए चेन्नई में अखबार का विशेष मार्गदर्शन कार्यक्रम था. पृष्ठ 1 पर ही नीचे से दूसरी खबर यौन उत्पीड़न के आरोपी कलाक्षेत्र फाउंडेशन के प्रोफेसर के एक बयान पर थी. वहीं मुख्य पृष्ठ पर स्टालिन से जुड़ा कुछ नहीं था.

‘दिनाकरण’ के पास मुख्य पृष्ठ पर ढेर सारी खबरें थीं, संभवतः आज के पत्रों में यह सबसे विस्तृत श्रृंखला है. अखबार की पहली हेडलाइन सामाजिक न्याय बैठक पर थी, जिसमें विपक्षी नेताओं ने "पूरे देश में सामाजिक न्याय को लागू करने के लिए हमारी आवाज देने" का संकल्प लिया था.

ऊपर के आधे हिस्से में दाईं ओर एक छोटी सी स्टोरी थी कि कैसे स्टालिन ने सम्मेलन के लिए पार्टी के सभी नेताओं को निमंत्रण दिया था. मुख्य पेज पर रहने वाली चर्चित खबरों में एक मंदिर उत्सव की तस्वीर भी शामिल है, जिसमें मोदी सीबीआई को भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कह रहे हैं, चाहे वे कितने भी शक्तिशाली हों, और अंत में ‘राहुल गांधी को जमानत मिल रही है’ शीर्षक से एक कॉलम है.

वहीं, टाइम्स ऑफ इंडिया के चेन्नई संस्करण ने मुख्य पृष्ठ पर "पूरे भारत में जातिगत जनगणना की मांग में विपक्ष के साथ स्टालिन भी शामिल हो गए" को मुख्य खबर बनाया. रिपोर्ट में स्टालिन के हवाले से कहा गया है कि बीजेपी ने "कर्नाटक में सामाजिक न्याय की दिनदहाड़े हत्या" की है, जबकि अन्य नेताओं ने "बीजेपी पर सीधे हमला किया."

तो, क्या स्टालिन अब 2024 के चुनाव से पहले विपक्ष की जीत का नेतृत्व कर रहे हैं? जानने के लिए पढ़िए ये रिपोर्ट.

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