Report
आईआईटी बॉम्बे आत्महत्या: क्या दर्शन सोलंकी को अपनी जेईई रैंक को लेकर भेदभाव झेलना पड़ा था?
18 फरवरी को आईआईटी बॉम्बे के दो छात्रों ने बात की कि कैसे दर्शन सोलंकी के रूममेट ने सोलंकी से उसकी जेईई की रैंक पूछने के बाद उसके साथ “बातचीत कम कर दी”.
18 वर्षीय दर्शन, अपने परिवार की पहली पीढ़ी के केमिकल इंजीनियरिंग छात्र थे. कथित तौर पर 12 फरवरी को उन्होंने आत्महत्या कर ली. 18 दिन बाद, आईआईटी बॉम्बे द्वारा उनकी मृत्यु की आंतरिक जांच करने के लिए गठित एक 12-सदस्यीय समिति की रिपोर्ट आई, जिसमें लिखा था कि जाति आधारित भेदभाव का कोई विशिष्ट प्रमाण नहीं था.
लेकिन 17 मिनट की एक टेलीफोन की बातचीत, सोलंकी के आईआईटी बॉम्बे में बिताए गए समय के बारे में और अधिक खुलासा करती है, इसकी एक कॉपी न्यूज़लॉन्ड्री के पास भी है.
बातचीत सोलंकी के परिचित आईआईटी छात्र उदय सिंह मीणा और संस्थान के एससी/एसटी सेल के छात्र प्रतिनिधि नवीन गुररापू के बीच थी. उदय ने जांच समिति को एक बयान दिया था कि कैसे दर्शन को कैंपस में सामान्य वर्ग के छात्रों से भेदभाव का सामना करना पड़ा था.
अहमदाबाद में दर्शन के परिवार ने न्यूज़लॉन्ड्री से यही बात कही थी कि दर्शन अक्सर उन्हें अपने साथ होने वाले कथित भेदभाव के बारे में बताता था.
लेकिन रिपोर्ट ने दर्शाया कि दर्शन खुद “अपनी जाति की पहचान के प्रति संवेदनशील” था और “बिगड़ता शैक्षणिक प्रदर्शन उसकी निराशा का एक मजबूत कारण प्रतीत होता है जिसने दर्शन को बहुत गंभीरता से प्रभावित किया होगा”.
इस मामले में और जानकारी के लिए न्यूज़लॉन्ड्री ने उदय से संपर्क करने की कोशिश की, पर सफलता नहीं मिली.
नवीन ने न्यूज़लॉन्ड्री से पुष्टि की कि यह बातचीत हुई थी. उन्होंने कहा, “मैं आपके सवालों का जवाब तब तक नहीं दूंगा जब तक आप मुझे रिकॉर्डिंग का स्रोत नहीं बताएंगे.”
जानिए फोन कॉल पर क्या बातचीत हुई
कॉल के दौरान उदय ने कहा कि वह दर्शन को एक व्हॉट्सएप ग्रुप से जानता है जहां दर्शन ने छात्रवृत्ति फॉर्म भरने में मदद मांगी थी. अनुसूचित जनजाति के छात्र उदय ने स्वेच्छा से मदद की और दर्शन को अपने छात्रावास के कमरे में आमंत्रित किया.
उदय कथित तौर पर पिछले साल नवंबर में दर्शन से उनके कमरे में दो बार मिला था. उदय ने कहा दर्शन ने अपनी पहली मुलाकात के दौरान भेदभाव के बारे में कुछ नहीं कहा लेकिन उनकी दो घंटे की दूसरी मुलाकात के दौरान दर्शन ने कथित तौर पर कहा कि वह अपना रूममेट, जो “सामान्य वर्ग” का छात्र है, बदलना चाहता है.
“मैंने कहा कि रूममेट तो चेंज होना पॉसिबल ही नहीं है”. उदय ने नवीन से कहा. वह आगे कहते हैं, “वह बोल रहा था कि उसे दिक्कत होती है क्योंकि वे रैंक वगैरह पूछते हैं. उसकी रैंक तो काफी कम थी... वह बताता था कि उसकी रैंक उससे (सामान्य वर्ग के रूममेट से) काफी कम थी. इसीलिए उसके रूममेट ने बातचीत करना कम कर दिया था.”
बातचीत से साफ है कि दर्शन के रूममेट को पता चल गया था कि उसे आरक्षण के माध्यम से आईआईटी बॉम्बे में प्रवेश मिला है.
दिसंबर 2021 में आईआईटी बॉम्बे में एससी/एसटी सेल ने कैंपस में छात्रों के बीच एक सर्वेक्षण किया. सर्वे में पाया गया कि आरक्षित श्रेणी के 37 प्रतिशत छात्रों से जेईई, गेट, जेएएम या यू (सीईईडी) में उनके रैंक के बारे में पूछा गया था, जिससे की या तो उनकी जाति की पहचान के बारे में पता किया जा सके या फिर पूछने वाले व्यक्ति को उनकी जाति के बारे में पहले से पता था. न्यूज़लॉन्ड्री ने भी इस सर्वेक्षण के निष्कर्षों को देखा है.
आईआईटी बॉम्बे के एक पीएचडी छात्र ने इसे और विस्तार से बताया.
“पहले कैंपस में लोग सीधे सरनेम पूछते थे. लेकिन अब भारत के अन्य हिस्सों की तरह परिसर में जातिवाद अलग तरह से काम करता है.”
परिसर में “संवेदनशील माहौल” के चलते नाम नहीं बताने की शर्त पर इस छात्र ने आगे बताया, “उच्च जाति के छात्रों ने किसी व्यक्ति की जाति के बारे में पता लगाने के नए तरीके खोजे हैं. इसलिए वे रैंक पूछते हैं. और तरीके भी हैं- जैसे वे छात्रों से पूछते हैं कि क्या वे जीमेल का उपयोग करना जानते हैं या कंप्यूटर से परिचित हैं?. समाज के निम्न वर्ग से आने वाले बहुत से लोगों को यह ज्ञान नहीं है. जब ये सवाल पूछे जाते हैं तो पता चलता है कि ये लोग आरक्षित वर्ग से हैं और आईआईटी में आरक्षण के खिलाफ भावना मजबूत है.”
फोन कॉल पर उदय ने नवीन से कहा, “अब उसका रूममेट कौन था, मैं भी नहीं जानता. वह काफी कम बात करता था. दोस्त के तरीके से बात नहीं करता था, मैंने उससे बोला था कि कोई जरूरी नहीं है कि रूममेट बात करे, काफी लोग हैं यूनिवर्सिटी में, जो रूममेट से बात नहीं करते…मुझे उसने बहुत कुछ नहीं बताया. मैंने कहा कोई और दोस्त बना ले.”
नवीन ने कहा, “तो ये दूसरी मीटिंग में बोला था?.”
“हां,” उदय ने कहा.
बातचीत के लगभग साढ़े सात मिनट बाद, उदय ने नवीन से कहा कि उसे नहीं लगता कि परीक्षा के तनाव के कारण दर्शन आत्महत्या कर लेगा.
“मुझे नहीं लगता था कि ऐसा हो जाएगा” उसने कहा. “लेकिन मैं ये नहीं मान पा रहा कि वो ऐसा इंसान था, जो कि एग्जाम प्रेशर की वजह से सुसाइड कर लेगा, जहां तक मैं जानता हूं वो वो ऐसा बिल्कुल नहीं था” नवीन ने जवाब दिया.
“मुझे ये बताओ कि जब ये बंदे ने बोला था कास्ट डिस्क्रिमिनेशन का, तो आपने चिराग या विशाल या राजेश से बोला क्यों नहीं था?”
“मेरे को नहीं लगता था कि ऐसा भी हो जाएगा,” उदय ने कहा. “...हैरेसमेंट वगैरा का तो फिर भी एक्शन लेते.”
नवीन ने कहा, “या या राइट, तो मोस्टली जो इसके रूममेट से शुरू हुआ था कास्ट डिस्क्रिमिनेशन का वो बस रैंक से ही शुरू हुआ था या कुछ कास्ट स्लर्स या कुछ और भी बोला था?.”
उदय ने कहा, “मेरे को इतना ही बोला था. पता नहीं आगे क्या हुआ.”
बाद में कॉल में, नवीन ने उदय से कहा, “मेरा एक काम कर सकते हो” और उसने दर्शन के साथ अपनी व्हाट्सएप चैट ईमेल करने को कहा.
उदय ने हामी भर दी.
तब नवीन ने कहा, “क्योंकि मैंने चिराग और विशाल सबको भी यही बोला है कि ये इंसीडेंट के चक्कर में न हमारा करियर खराब नहीं होना चाहिए, क्योंकि जो हो गया सो हो गया. हम कुछ नहीं कर सकते. ज्यादा से ज्यादा उन्हें मुआवजा या न्याय मिल ही जाएगा जो कि अच्छी बात है.”
चैट के अंत में, नवीन ने कहा, “जब तक तुम्हें प्लेसमेंट नहीं मिलती तब तक थोड़ा सेफ रहो. स्थिति थोड़ा नाजुक है इसलिए, ठीक है?.”
“ठीक है.” उदय ने कहा.
इस तरह उनकी बातचीत समाप्त हुई.
पैनल के सामने उदय का बयान
12-सदस्यीय समिति के सामने उदय के आधिकारिक बयान में भी दर्शन की कहानी बताई गई जिसमें उसने कथित तौर पर पूछा था कि क्या वह अपना रूममेट बदल सकता है. उन्होंने कहा कि दर्शन ने उनसे कहा था कि उनके रूममेट ने “एक दूसरे की रैंक जानने के बाद” उनसे “बात करना कम कर दिया”. दर्शन ने स्पष्ट किया था कि उसका रूममेट “सामान्य वर्ग” से था और “पढ़ाई की बात नहीं करता था”.
उन्होंने दर्शन की मौत के तीन दिन बाद 15 फरवरी को न्यूज़ बीक से भी यही बात कही. एक इंटरव्यू में उदय ने बताया कि किस तरह दर्शन ने उसे रूममेट के बात न करने के बारे में बताया था. लेकिन रूममेट का समिति की रिपोर्ट में कोई जिक्र नहीं है.
न्यूज़लॉन्ड्री ने आईआईटी बॉम्बे के जनसंपर्क कार्यालय को इस बारे में सवाल भेजे हैं. अगर हमें उनके जवाब मिलते हैं तो यह रिपोर्ट अपडेट की जाएगी.
यदि आप या आपका कोई जानने वाला आत्महत्या के बारे में सोच रहा है, तो हम आपसे मदद लेने का आग्रह करते हैं. कृपया यहां लिखे हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल करें या किसी मानसिक स्वास्थ्य एक्सपर्ट से संपर्क करें.
Also Read
-
‘Pralhad Joshi using Neha’s murder for poll gain’: Lingayat seer Dingaleshwar Swami
-
Corruption woes and CPIM-Congress alliance: The TMC’s hard road in Murshidabad
-
Is the Nitish factor dying down in BJP’s battle for Bihar?
-
Presenting NewsAble: The Newslaundry website and app are now accessible
-
Know Your Turncoats, Part 10: Kin of MP who died by suicide, Sanskrit activist