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हरियाणा में बढ़ रहीं 'लव जिहाद' की शिकायतों के पीछे हिंदूवादी संगठन और कानून का दुरुपयोग
पिछले साल हरियाणा के फरीदाबाद में संस्कृति शुक्ला नाम की एक युवती ने जावेद खान से शादी करने से पहले इस्लाम धर्म अपना लिया था. वह सात सालों से एक-दूसरे से प्रेम करते थे. लेकिन अब हिंदुत्व के स्वघोषित रक्षकों से मिल रही धमकियों के बाद वह छिपते फिर रहे हैं. उन्हें मुख्य रूप से बजरंग दल और बिट्टू बजरंगी के नेतृत्व वाली गौ रक्षा बजरंग फोर्स से धमकियां मिल रही हैं.
उन्हें धमकाने वाले हिंदुत्ववादी उनकी शादी को "लव जिहाद" कहते हैं. संस्कृति के पिता डीके शुक्ला भी इससे सहमत हैं. वह उनकी बहुत प्रशंसा करते हैं. उन्होंने पिछले साल दिसंबर में शादी के दो महीने बाद हरियाणा के नए धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत जावेद के खिलाफ जबरन धर्म परिवर्तन का मामला दर्ज कराया था.
एक सामान्य वैवाहिक जीवन जीने की इच्छा रखने वाली संस्कृति ने अपने पिता से संपर्क करने की कोशिश की, "उन्हें यह बताने के लिए कि मैं जावेद से शादी करने के बाद बहुत खुश हूं और कृपया हमारे रिश्ते को स्वीकार करने की कोशिश करें." लेकिन, वह बताती हैं कि उनके पिता यही दोहराते रहते हैं कि "वह भी बजरंग दल में शामिल हो जाएंगे और लव जिहाद के खिलाफ सबूत ढूंढेंगे."
ऐसा सिर्फ संस्कृति और जावेद के साथ ही नहीं हो रहा है. हरियाणा में अपनी मर्जी से अंतरधार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों के लिए धर्म के ठेकेदारों की धमकियों या कानून के दुरुपयोग के कारण शादी करना या सामान्य वैवाहिक जीवन जीना मुश्किल होता जा रहा है. हरियाणा पिछले साल "लव जिहाद" के खिलाफ कानून लाने वाला 11वां राज्य बना. हिंदुत्ववादियों के अनुसार 'लव जिहाद' भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का एक संगठित अभियान है जिसके तहत मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं को शादी के लिए लुभाते हैं.
हरियाणा के गैरकानूनी धर्मांतरण रोकथाम अधिनियम को सही ठहराते हुए, भाजपा नेता और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दो महीने पहले विधानसभा में कहा कि पिछले चार साल में छह जिलों में जबरन धर्मांतरण के 127 मामले दर्ज किए गए हैं. "लव जिहाद" कानून आने के पहले ऐसी शिकायतों को अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत या महिलाओं के खिलाफ अपराध के रूप में दर्ज किया जाता था.
हालांकि, जिन पुलिस अधिकारियों ने न्यूज़लॉन्ड्री से बात की उनका कहना है कि नया कानून पारित होने के बाद जानबूझकर की गई शिकायतों में वृद्धि हुई है.
जावेद के खिलाफ मामले की जांच कर रहे एसजीएम नगर थाने के इंस्पेक्टर संदीप कुमार को डीके शुक्ला के दावों में कोई सच्चाई नहीं मिली.
वह कहते हैं, “संस्कृति 22 साल की कामकाजी महिला है. उसे किसी ने फुसलाया नहीं है. और संविधान ने आपको अधिकार दिया है कि आप जिससे चाहें शादी कर सकते हैं. बात सिर्फ इतनी है कि जब कोई हिंदू लड़की किसी मुस्लिम लड़के से शादी करती है तो लोग उसकी शादी को लव-जिहाद करार देने की कोशिश करते हैं...वह बैंक गई, उन्होंने भागकर शादी कर ली. और वह तीन दिनों तक पुलिस की सुरक्षा में रहे."
हालांकि डीके शुक्ला ने कहा, "(मुस्लिम) इतने सारे अपराध कर रहे हैं. मैं हर दिन टीवी चैनलों पर हिंदू-मुस्लिम बहस में यह देखता हूं... हम कभी भी बिट्टू बजरंगी या बजरंग दल के किसी भी सदस्य के संपर्क में नहीं थे, लेकिन जब हमारा मामला दर्ज हुआ तो उन्होंने (बिट्टू ने) हमें लव जिहाद के बारे में बताया, कि कैसे मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं को लुभाते हैं, उनसे शादी करते हैं और फिर उनका शोषण करते हैं. वह इससे अकेले लड़ रहे हैं और जागरूकता फैला रहे हैं.
एफआईआर के अनुसार, एक साल पहले जावेद के परिवार ने संस्कृति के माता-पिता से उन दोनों की शादी कराने के लिए संपर्क किया था. लेकिन उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया था कि ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि जावेद मुसलमान है.
बिट्टू का दावा है कि वह तीन दशकों से अधिक समय से आरएसएस का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा, "मैं कैसे मान लूं कि संस्कृति और जावेद सात साल से एक-दूसरे से प्रेम करते हैं? मेरा मानना है कि इस मामले में पुलिस को रिश्वत दी गई है. इसलिए वह केस बिगाड़ रहे हैं."
कानून का दुरुपयोग?
कई और आपराधिक मामलों में देखा गया है कि यदि आरोपी मुसलमान होता है तो "लव जिहाद" कानून मनमाने ढंग से लगा दिया जाता है.
जैसा ट्विंकल के मामले में हुआ, जिसने तीन साल पहले अपने परिवार के विरुद्ध जाकर शाहरुख से शादी कर ली थी. उसका शव पिछले महीने हरियाणा के फरीदाबाद में इस युगल के आवास पर एक पंखे से लटका हुआ पाया गया था. अब शाहरुख पर हत्या और अपनी पत्नी को जबरन इस्लाम कबूल करवाने की कोशिश का आरोप है.
हालांकि मामले के जांच अधिकारी इंस्पेक्टर जय बीर सिंह का कहना है कि ट्विंकल की मौत आत्महत्या भी हो सकती है. "उन दोनों ने प्रेम विवाह किया था लेकिन हाल ही में उनके बीच काफी झगड़े होने लगे थे. बजरंग दल वाले ही ट्विंकल के परिवार को उकसा रहे हैं क्योंकि वह हिंदू थी," इंस्पेक्टर सिंह ने कहा.
लेकिन शाहरुख को आत्महत्या के लिए उकसाने के जुर्म में नहीं बल्कि धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. यह ऐसा मामला प्रतीत होता है जहां हिन्दुत्ववादियों के दबाव में किसी संदिग्ध को गलत आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया हो.
एफआईआर ट्विंकल के परिवार ने कराई थी, जिन्होंने "शादी के बाद कभी उससे बात नहीं की". वह "नए कानूनों के तहत" मामला दायर कराने का श्रेय हिंदूवादी संगठनों, विशेष रूप से गौ रक्षा बजरंग बल के संस्थापक बिट्टू बजरंगी को देते हैं. ट्विंकल के भाई सुमित ने कहा, "अगर बिट्टू हमारे साथ नहीं होते, तो शायद हम एफआईआर भी दर्ज नहीं करवा पाते."
सुमित और बिट्टू दोनों ने बताया कि गौ रक्षा बजरंग बल के संस्थापक ने हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज से मिलकर मामले में न्याय की मांग की है.
आइए ऐसा ही एक और मामला देखें.
रश्मि* और आमिर फेसबुक पर मिले और दो साल पहले शादी कर के फरीदाबाद में बस गए. लेकिन आमिर अब जेल में है. रश्मि ने पिछले साल नवंबर में फरीदाबाद के आदर्श नगर पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत मामला दर्ज कराया है.
रश्मि की शिकायत के आधार पर दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि "शादी के समय लड़की को अपने पति के धर्म के बारे में नहीं पता था. उसके आधार कार्ड और फेसबुक आईडी पर हिंदू नाम था. लेकिन जब वह गर्भवती हुई, तो संयोगवश उसे अपने पति के धर्म के बारे में पता चला. फिर उनका झगड़ा हुआ और पति ने उसे छोड़ दिया."
हालांकि मामले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह ने कहा कि इन दावों का कोई आधार नहीं है. उन्होंने कहा कि रश्मि को आमिर की पहचान पहले से पता थी और उसीने अपने माता-पिता की मंजूरी लेने के लिए आमिर को हिंदू नाम से फेसबुक अकाउंट और आधार कार्ड बनवाने के लिए कहा था. "शादी के बाद रश्मि ने धर्म परिवर्तन कर लिया था. उनका किसी और मुद्दे पर झगड़ा हुआ और यहां तक आ गई."
इंस्पेक्टर सिंह ने बताया कि रश्मि ने बजरंग दल के सदस्यों की मौजूदगी में एफआईआर दर्ज कराई थी. उन्होंने कहा कि "बजरंग दल के लोग इसे लव जिहाद का मामला बता रहे थे." सिंह ने बताया कि आमिर के माता-पिता और दो बहनें भी मामले में नामजद हैं जबकि शादी के बाद परिवार ने आमिर से सभी संबंध तोड़ लिए थे और वह उसकी जमानत कराने तक नहीं आए.
न्यूज़लॉन्ड्री का रश्मि से संपर्क नहीं हो सका.
शिकायतों में इजाफा
एसजीएम नगर थाने के इंस्पेक्टर संदीप कुमार ने कहा कि कानून बनने के बाद अंतरधार्मिक विवाहों के खिलाफ ऐसी शिकायतें बढ़ ही रही हैं. हिंदूवादी संगठनों की भूमिका के सवाल पर वह कहते हैं कि ऐसे संगठन उन "80 प्रतिशत" पीड़ित महिलाओं के साथ नहीं खड़े होते जहां मामला एक ही समुदाय के भीतर हुए विवाह से जुड़ा होता है.
शायद उनका कहना सही है.
2021 में एनसीआरबी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा महिलाओं के लिए देश के सबसे खराब राज्यों में से एक है. राज्य में 2021 में एक दिन में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के लगभग 45 मामले दर्ज किए गए. और 2022 में हुए एक राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार, 2019-21 के दौरान 18 से 49 वर्ष की आयु के बीच की 18 प्रतिशत से अधिक विवाहित महिलाओं ने घरेलू हिंसा का सामना किया.
लेकिन राज्य में धर्म के स्वघोषित रक्षक "लव जिहाद" का हवाला देकर "हिंदू महिलाओं को बचा रहे हैं", अंतरधार्मिक जोड़ों को धमका रहे हैं और कानून अपने हाथ में ले रहे हैं.
बजरंग दल के फरीदाबाद प्रमुख पंकज ने न्यूज़लॉन्ड्री से कहा, "हम बिट्टू बजरंगी की गौ रक्षा बजरंग फोर्स के साथ खड़े हैं क्योंकि वे हिंदू हैं और वे हिंदुओं के लिए लड़ रहे हैं. हमारे तरीके भले ही अलग-अलग हों लेकिन हमारी मंजिल एक ही है.
“पिछले चार महीनों में एक भी हिंदू महिला ने मुस्लिम पुरुष से शादी नहीं की है. यह जमीन पर हमारे अभियानों के कारण ही हुआ है. हमने जागरूकता फैलाने के लिए हर घर का दरवाजा खटखटाया है… हमने इससे निपटने के लिए दूसरे तरीके भी अपनाए हैं.”
आमिर की गिरफ्तारी के बारे में पूछे जाने पर पंकज ने हमें बजरंग दल के स्थानीय पदाधिकारी से संपर्क करने के लिए कहा, जिन्होंने हमारे फोन का जवाब नहीं दिया. उनकी प्रतिक्रिया प्राप्त होने पर यह रिपोर्ट संशोधित कर दी जाएगी.
वहीं बिट्टू अपने संगठन की हरकतों का बखान गर्व से करते हैं. उनका दावा है कि एक मामले में गाजियाबाद की एक हिंदू महिला ने फरीदाबाद के एक मुस्लिम लड़के से शादी कर ली थी, जिसका पता चलने के दो घंटे के भीतर ही उन्होंने उस जोड़े का ठिकाना खोज लिया.
वह बताते हैं, "मैंने लड़की की फोटो सोशल मीडिया पर डाली, जिसके बाद उसी रात उसके माता-पिता ने मुझसे संपर्क किया" और उन्होंने उन्हें "विश्वास में लिया." “अगली सुबह हम उस दंपत्ति के घर में घुस गए, मुस्लिम पुरुष को लाठियों से पीटा, और लड़की को कंधे पर उठाकर लाए और पुलिस के सामने पेश किया … हमने उसे समझा दिया था कि उसे पुलिस को क्या बताना है, लेकिन उसने उनसे झूठ बोला कि उसके माता-पिता और मैं उसे बंदूक की नोंक पर थाने ले आए हैं. पुलिस ने उसे फिर उस मुसलमान के साथ भेज दिया. कुछ दिनों के बाद हमें पता चला कि उसने नमाज पढ़ना शुरू कर दिया है,” बिट्टू ने कहा.
बिट्टू का दावा है कि जब उन्होंने लड़के का अपहरण किया और उसके परिवार को धमकाया तो लड़की अपने परिवार के पास लौट आई.
इस तरह कानून हाथ में लेने पर पुलिस कार्रवाई नहीं करती? इस सवाल पर बिट्टू दावा करते हैं कि उन्हें वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का समर्थन प्राप्त है.
उनके सोशल मीडिया हैंडल से पता चलता है कि वह खुले तौर पर मुसलमानों के खिलाफ हिंसा भड़काते हैं, नफरत भरे भाषण देते हैं और भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ तस्वीरें पोस्ट करते हैं.
न्यूज़लॉन्ड्री ने हरियाणा पुलिस के पीआरओ से संपर्क कर इस प्रकार के संगठनों को मिल रहे कथित समर्थन और राज्य में ऐसे मामलों के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया मांगी. हालांकि फोन कॉल और व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से टिप्पणी मांगने के कई प्रयासों के बावजूद हमें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. प्रतिक्रिया प्राप्त होने पर यह रिपोर्ट संशोधित कर दी जाएगी.
बिट्टू और उसके संगठन के कई अन्य लोगों के लिए लड़ाई जारी है. वे कहते हैं, "मैंने कुछ गलत नहीं किया तो मैं किसी से क्यों डरूंगा."
*पहचान छिपाने के लिए नाम बदला गया है.
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