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केके शंखधार: बरेली वाले बाबा मेरी शादी करा दो
उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित अगस्त्य मुनि आश्रम के आचार्य पंडित केके शंखधार इन दिनों चर्चा में हैं. उनका दावा है कि वह बीते 9 सालों में 65 शादियां करा चुके हैं. इन शादियों की खासियत यह है कि ये सारी शादियां अंतरधार्मिक हैं. लड़कियां मुसलमान हैं, लड़के हिंदू हैं. हमने बरेली स्थित उनके घर में उनसे मुलाकात की.
यह खबर लिखने के दौरान भी उन्होंने एक और शादी की खबर व्हाट्सएप के जरिए हमें दी. इस खबर में बताया गया है कि बरेली निवासी 19 साल की इलमा ने सौम्या बनकर अपने प्रेमी सोमेश के साथ मंदिर में शादी की. शादी से पहले पंडित केके शंखधार ने युवती का गंगाजल से शुद्धिकरण भी कराया.
जब हम 56 वर्षीय पंडित शंखधार के घर पहुंचे तो उनके घर पर कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था. पूछने पर कहते हैं कि यह उनका घर भी है और आश्रम भी. ज्यादातर शादियां इसी घर में करवाने का दावा उन्होंने किया. उन्होंने हमें बताया कि वह अखिल भारतीय हिंदू महासभा से जुड़े रह चुके हैं.
2013 में कराई थी पहली शादी
पहली अंतरधार्मिक शादी के बारे में शंखधार कहते हैं कि सन 2013 में उनकी फेसबुक फ्रेंड लिस्ट में एक सिम्मी खान नाम की लड़की थी. उसने मुझे मैसेंजर में लिखा कि तुम हिंदू लोग ऐसे ही होते हो. धोखा देते हो. तो मैंने पूछा कि बेटा ऐसा क्या हुआ जो ऐसे बोल रही हो. उसके बाद हमारे नंबर का आदान प्रदान हुआ. फिर लड़की ने फोन पर बताया कि एक हिंदू लड़का है जिससे मैं प्यार करती हूं. मेरे उससे हर प्रकार के संबंध हैं. मैं उससे शादी के लिए कहती हूं तो वह शादी के लिए तैयार नहीं होता है. उसने अपना नंबर भी बदल लिया है. हम काफी समय से एक दूसरे से प्यार करते हैं. इस तरह की बातें उस लड़की ने मुझे बताईं.
इसके बाद मैंने लड़के के परिजनों से संपर्क साधा तो पता चला कि उसके घरवाले किसी भी हालात में लड़की से शादी करने के लिए तैयार नहीं थे क्योंकि लड़की धर्म अलग था.
शंखधार ने लड़की की मां से बात की तो उसने कहा कि हम एक मुस्लिम लड़की के हाथों की रोटी कैसे खा लेंगे? शंखधार ने उन्हें समझाया कि लड़की आपके लड़के के साथ रहती है, और उन दोनों के संबंध भी हैं. तो फिर आप उसे स्वीकार क्यों नहीं कर सकती हैं, ये तो बहुत गलत बात है. इसके बाद शंखधार और विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने मिलकर परिवार को मनाया. इसके बाद सिम्मी खान की अजय कश्यप से हो गई. यह पहली शादी थी जिसे केके शंखधार करवाने का दावा करते हैं.
वह आगे कहते हैं, “इसके बाद तो फिर 2013 से एक सिलसिला शुरू हो गया. जो आज भी नहीं थमा है.”
शंखधार कहते हैं, "अब तो न जाने कहां-कहां से लोग मेरा नंबर लेकर आ जाते हैं. उसके बाद हम उनका सहयोग करते हैं. शादी से पहले हम पूरी तरह से पक्का कर लेते हैं कि लड़की बालिग है या नहीं. लड़की 18 प्लस और लड़का 21 प्लस होना चाहिए. इसके बाद ही उनकी शादी कराते हैं."
आपने एक नाबालिग लड़की की भी शादी कराई है? इस पर वह कहते हैं, “दरअसल उस मामले में आधार कार्ड में उसकी उम्र पूरी थी. वोटर आईडी कार्ड और ई-श्रम कार्ड में भी उसकी उम्र 18 प्लस थी. लेकिन उसके परिजनों ने सरकारी वजीफा लेने के लिए स्कूल में लड़की की उम्र कम करके दाखिला करवाया था. न्यायालय में लड़की का शैक्षणिक प्रमाण पत्र ही सही माना जाता है. यह अंधा कानून वाली स्थिति हो जाती है. इस कारण हमसे गलती हो गई थी.”
“शैक्षणिक प्रमाणपत्र को वैध मानकर उस लड़की को अनाथालय भेज दिया गया. शादी रोक दी गई. बाद में लड़की अपने घर चली गई. आज भी लड़की और लड़का मेरे संपर्क में हैं. उनकी जो 4-6 महीने की उम्र कम रह गई है वो पूरी हो जाने के बाद वो पुन: मेरे पास आएंगे.” उन्होंने कहा.
ऐसे प्रेमी जोड़े खुद आपको कॉल करते हैं, या आपसे संपर्क करने का कोई नेटवर्क है? इस पर वह कहते हैं, “एक तो मीडिया के द्वारा जो खबर निकलती है, लोग उससे भी जान जाते हैं. इसके अलावा फोन नंबर सोशल मीडिया पर है. यूट्यूब, फेसबुक ट्विटर सभी पर मेरा नंबर है. फोन करके ही लोग अक्सर मेरे पास आते हैं.”
वह आशंका व्यक्त करते हैं कि जहां वो रहते हैं वह स्थान मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में पड़ता है. वो लोग आकर अव्यवस्था या आक्रमण न कर दें, इसलिए थोड़ा सा दूरी बनाकर रहना पड़ता हैं.
आपने अपने लिए सुरक्षा की मांग प्रशासन से की है? इस सवाल पर वह कहते हैं, “धमकियां तो विदेशी नंबरों से भी कई बार मिल चुकी हैं. मुझे डर है कि कुछ लोग मेरी घेराबंदी करते हैं. मेरा पीछा करते हैं. लेकिन मेरा संपर्क किसी भी तरह से किसी भी विधर्मी से नहीं है. हम खुद सचेत रहते हैं.”
बात-बात में शंखधार बताते हैं कि उन्होंने अभी कुछ दिन पहले ही दो शादियां कराई हैं. ईरम जैदी की शादी आदेश वाल्मीकि और शहनाज की शादी अजय बाबू वाल्मीकि से कराई है. दोनों ही लड़के अनुसूचित समाज से आते हैं.
यह सब करने की प्रेरणा क्या है? इस सवाल पर शंखधार कहते हैं, "जब हमने हिंदू महासभा की सदस्यता ग्रहण की थी तभी एक शपथ ली गई. गंगाजल हाथ में लेकर, अग्नि को साक्षी मानकर कि हम लोग किसी मानव मात्र में कोई अस्पृश्यता कोई भेदभाव कोई छुआछूत नहीं रखेंगे. वह किसी भी जाति का हो, जो अपने आप को हिंदू कहता है वह आर्य है, श्रेष्ठ है. इसलिए हमारे यहां कोई जातिवाद या जाति की परिभाषा नहीं है. हम केवल हिंदुत्व की बात करते हैं और हिंदुत्व को ही जानते हैं."
शादी के बाद लड़कियों के परिजन खोजबीन करते हुए आपके पास आते हैं कि मेरी बेटी कहां है? शंखधार के मुताबिक आज तक कोई पूछताछ के लिए नहीं आया.
उनका तर्क है, “दरअसल जब वो लड़की उनके हिसाब से काफिरों (हिंदुओं) में आ जाती है तो वह नहीं आते हैं. उनकी चेष्टा रहती है कि दोनों में से लड़का या लड़की, कोई भी मिल जाए तो उसको मार दो. परंतु आज महाराज जी (योगी आदित्यनाथ) की कृपा से जो अराजक तत्व हैं, अपराधी प्रवृति के लोग हैं वो भयभीत हैं, इसलिए इस प्रकार कोई कदम नहीं उठा पाते हैं.”
शंखधार योगी आदित्यनाथ के अनन्य प्रशंसक हैं. वो कहते हैं, "भगवान से प्रार्थना करता हूं कि हमारे परम पूजनीय गोरक्षपीठाधीश्वर आदित्यनाथ योगी सदैव मुख्यमंत्री बने रहें. प्रदेश के क्या देश के राजा बन जाएं. सदैव उनका शासन रहे और उनके शासन में सभी सुरक्षित रहें."
हमने उनसे पूछा कि अगर कोई हिंदू लड़की किसी मुस्लिम लड़के से शादी करना चाहे और वो आपके पास आए तब आप क्या करेंगे? इस सवाल पर पंडितजी टालमटोल करने लगे. वह कहते हैं, “अगर कोई हिंदू लड़की मुस्लिम लड़के से शादी करना चाहती है तो... वो क्यों ऐसा चाहेगी? ऐसी तो कोई आई नहीं आज तक, वो तो निकाह करने के लिए जाती हैं. शादी क्यों करेगी.”
थोड़ी देर सोचकर वो कहते हैं, “ऐसा कभी हुआ नहीं. लेकिन अगर लड़का हिंदू बनना चाहेगा तो हम करवा देंगे. अगर हिंदू बनना चाहता है तो स्वागत है उसका. हिंदुत्व एक वैज्ञानिक धर्म है जिसमें लोगों का जीवन हर प्रकार से सुखद बनाने के लिए, जीवन को सरल सहज बनाने के लिए, रूढ़िवाद और अंधविश्वासों से दूर रखने के लिए ज्ञान का भंडार है.”
शादी का प्रोसेस क्या है?
सनातन धर्म में वैवाहिक रीति रिवाज के मुताबिक ही शादी होती है. फिर गणेश पूजन के साथ हवन आदि करके, सात फेरे लेकर के वचनों का आदान प्रदान होता है.
शादी कराने से पहले लड़की का एक शपथ पत्र भी लिया जाता है, जिससे वह धर्म परिवर्तन की बात लिखित में देती है. मुस्लिम धर्म से हिंदू बनने वाली लड़की का पहले मंत्रों के साथ शुद्धिकरण करते हैं. गंगाजल से शुद्धिकरण होता है.
इसके बाद शादी का सर्टिफिकेट दिया जाता है. शंखधार के मुताबिक पहले तो वो हिंदू महासभा के पैड पर ही शादी का प्रमाण पत्र दे दिया करते थे. अब वो आर्यसमाज के साथ मिलकर शादी का सर्टिफिकेट दिलवा देते हैं. इसके अलावा हम जोड़ों को कानूनी प्रक्रिया के तहत शादी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए भी कहते हैं. हम रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आवेदन कराते हैं.
यूपी के रामपुर के परमकूप गांव के रहने वाले केके शंखधार का परिवार पीढ़ियों से पंडिताई के पेशे में है. वह अगस्त्य मुनि आश्रम, मणिनाथ बरेली के पुजारी हैं. उनकी शिक्षा-दीक्षा रामपुर जिले की तहसील शाहबाजपुर, थाना मिलक से हुई है. इसके बाद उन्होंने रामपुर से इंटर और बीकॉम की पढ़ाई की.
वह कहते हैं, “जिन लड़कियों की शादी हमने कराई है. शादी के बाद भी हम ऐसे ही नहीं छोड़ते हैं, बाद में भी हम उनसे बात करते रहते हैं. उनका ध्यान रखते हैं.”
हिंदुत्व की सेवा का दावा करने वाले शंखधार को 2019 में पुलिस ने नाथूराम गोडसे का बलिदान दिवस मनाने के कारण जेल भेज दिया था. तब वह 7 दिन तक जेल में रहे थे.
सभी जोड़ों को सता रहा है मौत का डर
बरेली जिले के रिठौरा गांव निवासी 24 वर्षीय पंकज शर्मा की शादी को दो साल से ज्यादा हो गए हैं. उन्होंने ताहिरा, जिनका नाम अब रूही शर्मा हो गया है, से शादी की है.
वह कहते हैं, “हम पंडित शंखधार को सोशल मीडिया पर देखते थे. मैं युवा मोर्चा से भी जुड़ा हूं. ऐसे ही रैली वगैरह में जाते थे तो कई बार बाबा से मिलना हुआ. फिर एक दिन मैंने पूछा कि गुरुजी आप तो शादी भी कराते हैं तो हमारी भी करा दीजिए.”
पंकज ने बताया कि लड़की के परिवार से उनकी कोई बातचीत नहीं है. उन्हें डर है कि कही लड़की के परिजन उनकी हत्या न कर दें. वह अपने घर से कहीं दूर घरों में शीशा लगाने का काम करते हैं.
बरेली के मटकी चौकी निवासी 22 वर्षीय बॉबी कश्यप ने 21 मई, 2022 को शादी की है. उनकी पत्नी, 19 वर्षीय लुबना तहजीम से आरोही हो गई हैं. कश्यप डर के कारण शादी के बाद से अपना घर छोड़कर पास के दूसरे शहर (नाम नहीं बताया) में रह रहे हैं.
वह कहते हैं, “मुझे अपनी हत्या का डर है इसलिए अपना शहर छोड़कर यहां रहते हैं. लड़की के परिवार से बात करने की कोशिश की लेकिन वह नहीं करते हैं. हमें वहां जान का खतरा है क्योंकि लड़की का घर बिल्कुल मेरे घर के सामने ही है.”
“एक दिन मेरी मम्मी, मौसी और भाभी गई थीं घर पर. लेकिन मेरी पत्नी के परिवार वालों ने उनके साथ गाली गलौज की. मैं तो बिल्कुल भी पढ़ा हुआ नहीं हूं, पर पत्नी ने 12वीं पास की हुई है.” उन्होंने कहा.
बॉबी कश्यप ने अपनी पत्नी से भी हमारी बात कराई. वह फोन पर कहती हैं, “हम लोग बहुत खुश हैं. हमें कोई परेशानी नहीं है. हमने 6-7 महीने पहले शादी की है. घर वाले बहुत गुस्से में हैं. वह बात नहीं करते हैं. न ही आगे करने की कोई उम्मीद है.”
बॉबी बार-बार इस बात का जिक्र करते हैं कि उनके परिवार वाले अभी भी बरेली में रहते हैं और उनके साथ कोई अनहोनी न घट जाए.
तीन तलाक, ईसाई धर्म और पिस्टल के लिए आवेदन
केके शंखधार का दावा है कि उन्होंने कई तीन तलाक पीड़ित महिलाओं की भी शादी हिंदू लड़कों से करवाई है. वो कहते हैं कि उन्होंने ईसाई धर्म की लड़कियों का भी धर्म परिवर्तन कराया है और फिर उनका शुद्धिकरण कर हिंदू लड़कों से शादी कराई है.
बाबा एक डॉक्यूमेंट दिखाते हुए लोगों की घर वापसी का दावा करते हैं. वह कहते हैं कि अमरोहा के एक लड़के ने हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म अपना लिया था, लेकिन उसने घर वापसी कर ली है. जो सुहैल बन गया था अब वह फिर से सौरभ बन गया है.
बाबा केके शंखधार ऊर्फ कृष्ण कुमार शर्मा ने अपनी जान को खतरा बताते हुए दो बार सरकारी रिवाल्वर/पिस्टल के लिए भी अप्लाई किया है. इस हथियार के लिए किए गए आवेदन के दस्तावेज भी उन्होंने हमें दिखाए. हालांकि वह कहते हैं कि उनका पिस्टल लाइसेंस अभी नहीं बना है. बार बार आवेदन करने के बाद भी प्रशासन लाइसेंस नहीं बना रहा है.
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