Report
वृंदावन: बांके बिहारी कॉरिडोर का विरोध क्यों कर रहे ब्रजवासी
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के वृंदावन में स्थित प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर के चारों ओर कॉरिडोर बनाने के योगी सरकार के प्रस्ताव का वृंदावन के पुजारी, स्थानीय निवासी और दुकानदारों द्वारा कड़ा विरोध किया जा रहा है. दरअसल योगी सरकार प्रस्तावित कॉरिडोर के लिए बांके बिहारी मंदिर के आसपास की 5 एकड़ भूमि को अधिग्रहित करने वाली है. इस अधिग्रहण के लिए 3 से 8 जनवरी के बीच एक सर्वे किया गया, जिसमें लगभग 300 मकानों को चिन्हित किया गया था. इसके बाद से वृंदावन के निवासी प्रस्तावित कॉरिडोर का विरोध कर रहे हैं.
उनका कहना है कि वृंदावन की पहचान यहां की कुंज गलियों से है और अगर सरकार कुंज गलियों को ही तोड़ देगी, तो वृंदावन की पहचान खत्म हो जाएगी. 16 जनवरी को वृंदावन व्यापारी मंडल के अध्यक्ष अमित गौतम ने अपने साथियों के साथ प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खून से पत्र लिखकर कॉरिडोर को रोकने का निवेदन किया. इसके अलावा 15 और 16 जनवरी को ‘सांकेतिक' तौर पर बाजार भी बंद किया गया था.
18 जनवरी को बांके बिहारी मंदिर के मुख्य पुजारी समेत व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने मंदिर परिसर में विरोध प्रदर्शन के रूप में हवन किया. बांके बिहारी मंदिर के पुजारी हिमांशु गोस्वामी न्यूज़लॉन्ड्री से कहते हैं, "हिंदू रीति रिवाज में माना जाता है कि हवन सबसे अच्छा तरीका है शुद्ध करने का. वृंदावन की पौराणिकता को खत्म करने के लिए जो कॉरिडोर रूपी राक्षस वृंदावन में आ रहा है, उसको रोकने के लिए यह हवन किया गया."
व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमित गौतम ने बताया, "हम व्यापारी से पहले बृजवासी हैं. वृंदावन की पहचान यहां की कुंज गलियों से है. भगवान श्री कृष्ण इन गलियों में खेला करते थे. हमारी कई पुश्तें इन गलियों में बड़ी हुई हैं. सरकार कॉरिडोर बनाकर इन कुंज गलियों को नष्ट करना चाहती है, जिससे वृंदावन की पहचान ही खत्म हो जाएगी. हम वृंदावन को सेल्फी प्वाइंट नहीं बनने देंगे."
3 जनवरी से लेकर 8 जनवरी तक चले सर्वे में जिन 300 भवनों को चिन्हित किया गया, उनमें लोगों के घर व दुकानें शामिल हैं, इनमें कई पुराने छोटे मंदिर भी हैं. बांके बिहारी मंदिर के पीछे की गली के निवासी गोविंद खंडेलवाल भावुक होकर रोते हुए कहते हैं, "हमको ठाकुर जी ने इतना सौभाग्य दिया है कि हम वृंदावन में जन्म लिए हैं. हमारी कितनी पुश्तें निकल गई यहां पर. आज हमसे कहा जा रहा है बिहारी जी से अलग हो जाइए. बिहारी जी को छोड़ दें! कैसे छोड़ दें बिहारी जी को? मैं रोज बिहारी जी की आरती करने वाला व्यक्ति हूं, मुझको यहां से 20 किलोमीटर दूर फेंक दोगे तो मैं बिहारी जी के बिना कैसे रहूंगा?"
वृंदावन की कई दुकानों पर कॉरिडोर के विरोध में पोस्टर भी लगाए गए हैं. इन पर लिखा है, "विरोध तो बहाना है, कुंज गलियों को मिटाना है".
45 वर्षीय सपना शर्मा का घर बांके बिहारी मंदिर से महज 100 मीटर दूर है और दुकान गेट नंबर 2 के सामने है. उनके पति कैंसर से जूझ रहे हैं. वह कहती हैं, "योगी आदित्यनाथ जी, मैं आपकी पार्टी की कार्यकर्ता हूं. मेरे पति कैंसर की चौथी स्टेज पर हैं. मेरे बच्चे अभी स्कूल में पढ़ते हैं. अगर मुझे यहां से उजाड़ दिया जाएगा तो मैं अपने बीमार पति और बच्चों को लेकर कहां जाऊंगी? बात मुआवजा और पैसे की नहीं हमारी पहचान की भी है. हम बृजवासी हैं, हमें बृजवासी ही रहने दीजिए."
विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बीते रविवार, मथुरा से भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा, "हमारी भी जिम्मेदारी है कि कॉरिडोर बने, तो वृंदावन जैसा है वैसा ही रहे. मैं भी चाहती हूं कि प्राचीन काल का जो स्वरूप है वृंदावन का, वह बरकरार रहे. जो कॉरिडोर बनेगा उससे किसी को कोई तकलीफ न हो यह हमारी जिम्मेदारी है. सबको जगह मिलेगी."
हालांकि इसके बावजूद भी वृंदावन वासियों के भीतर मकान टूटने का डर बरकरार है. सरकार की तरफ से स्पष्ट निर्देश हैं, मसलन कितने मकान तोड़े जाएंगे और किन मकानों का कितना हिस्सा तोड़ा जाएगा, जिसके कारण लोगों के अंदर रोष बढ़ता जा रहा है.
बता दें कि 19 अगस्त 2022 को जन्माष्टमी के दिन बांके बिहारी मंदिर में मची भगदड़ से दो लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद हाईकोर्ट ने सर्वे कराने का आदेश दिया था. इसके बाद 25 दिसंबर को मथुरा के जिलाधिकारी ने 8 सदस्यीय टीम बनाई और इस साल 3 से 8जनवरी के बीच सर्वे कराकर 300 मकानों को चिन्हित किया. तब से लोगों के अंदर बेचैनी और बढ़ती जा रही है.
वंशज कुमार के सहयोग से.
Also Read
-
Should India host the Olympics? An authoritative guide to why this is a bad idea
-
TV Newsance 308: Godi media dumps Trump, return of Media Maulana
-
Unreliable testimonies, coercion, illegalities: All the questions raised in Malegaon blast judgement
-
Exclusive: India’s e-waste mirage, ‘crores in corporate fraud’ amid govt lapses, public suffering
-
How machine learning can help discover drugs against hepatitis C