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मनीष सिसोदिया: सीबीआई का समन बना सियासी बल प्रदर्शन का जरिया

सोमवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित शराब घोटाले में पूछताछ के लिए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बुलाया था. जिसे आम आदमी पार्टी ने एक राजनीतिक रैली का रूप दे दिया और उसे “आज़ादी की दूसरी लड़ाई” नाम दिया.

सोमवार सुबह से ही मनीष सिसोदिया के सरकारी आवास के बाहर मीडिया का जमावड़ा था. इस दौरान वे अपने आवास से बाहर आए, जहां उनकी सासु मां ने पीला पट्टा (भगत सिंह की पहचान वाला गमछा) पहनाया और पत्नी ने टीका लगाया. यहां से दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित आम आदमी पार्टी कार्यालय गए. जहां आप नेता और हजारों की संख्या में कार्यकर्ता पीला पट्टा गर्दन में लटकाए पहले से मौजूद थे. यहां से एक रैली की शुरूआत हुई, जिसमें कई कारें, मोटरसाइकिल और सैंकड़ों कार्यकर्ता पैदल मार्च करते हुए शामिल हुए.

राजघाट जाने से पहले सिसोदिया ने कहा कि मेरे खिलाफ पूरी तरह से फर्जी केस बनाकर इनकी तैयारी मुझे गिरफ्तार करने की है. मुझे आने वाले दिनों में चुनाव प्रचार के लिए गुजरात जाना था. ये लोग गुजरात बुरी तरह से हार रहे हैं. इनका मकसद मुझे गुजरात चुनाव प्रचार में जाने से रोकना है.

हाथ में तिरंगा लिए ओपन गाड़ी में हजारों कार्यकर्ता और पार्टी नेताओं के साथ सिसोदिया राजघाट पहुंचे. रैली में कार्यकर्ताओं के हाथ में मौजूद एक पोस्टर ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा. पोस्टर में मनीष सिसोदिया और तीन महीने से जेल में बंद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को “आज का भगत सिंह” बताया गया.

राजघाट जाते हुए सिसोदिया ने कई बार कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. उन्होंने कहा, "ये लोग मुझे जेल में डालने की तैयारी इसलिए कर रहे है क्योंकि इनको लगता है कि मैं गुजरात जाऊंगा तो लोगों की स्कूल बनने की उम्मीद और मजबूत होगी. मैं जब-जब गुजरात गया वहां के लोगों ने कहा कि आप दिल्ली की तरह यहां स्कूल बनवा देना. हम इस बार यहां आम आदमी पार्टी की सरकार बनवाएंगे. मेरे जेल जाने पर गर्व करना.”

सिसोदिया के इतना कहते ही वहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने नारा लगाया, "मनीष जी तुम संघर्ष करो, हम आपके साथ हैं.”

सिसोदिया, आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के साथ राजघाट पहुंचे थे. वह गांधी स्मृति के सामने काफी देर तक आंखें बंद कर हाथ जोड़कर बैठे रहे. इसके बाद वे लोधी रोड स्थित सीबीआई दफ्तर के लिए निकले. इस दौरान भी आप के कई विधायक उनके साथ रहे. वे रैली के साथ ही सीबीआई दफ्तर जाना चाहते थे लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक दिया. उन्हें अपनी गाड़ी से निकलना पड़ा.

एक तरफ सिसोदिया सीबीआई दफ्तर पहुंचे तो वहीं दूसरी ओर आप नेता पार्टी कार्यालय से लगातार प्रेस कांफ्रेंस करते रहे. सिसोदिया को सीबीआई दफ्तर 11 बजे पहुंचना था लेकिन वे थोड़ी देरी से पहुंचे. जहां उनसे करीब नौ घंटे तक सीबीआई अधिकारियों ने पूछताछ की.

सुरक्षा के मद्देनजर सीबीआई दफ्तर के आसपास पुलिस ने धारा 144 लगा दी थी. यहां सैकड़ों की संख्या में सुरक्षाकर्मी मौजूद थे. दफ्तर के दोनों तरफ सौ मीटर की दूरी पर बैरिकेडिंग की हुई थी.

सीबीआई कार्रवाई के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस और आप नेताओं के बीच खींचतान भी हुई. पुलिस ने कई आप नेताओं को बुरी तरह घसीटते हुए हिरासत में ले लिया. इस दौरान कुछ नेताओं को चोट भी आई.

संजय सिंह ने ट्वीट कर अपनी चोट और फटा हुआ कुर्ता दिखाया और कहा, "आज तुम हमारे कुर्ते फाड़ रहे हो, जनता चुनाव में तुम्हारे कुर्ते फाड़ेगी. तुममें जितनी ताकत हो जुर्म करो, हम लोग झुकने वाले नहीं हैं.”

सिंह के अलावा आप विधायक कुलदीप कुमार, संजीव झा समेत दूसरे नेताओं को भी इस दौरान चोटें आईं. आप के तमाम नेताओं को सीबीआई दफ्तर के बाहर से पुलिस ने हिरासत में लिया जिन्हें देर शाम छोड़ दिया गया.

दोपहर 12 बजे के बाद सीबीआई दफ्तर के बाहर मालवीय नगर के आप विधायक सोमनाथ भारती के अलावा मीडिया के लोग मौजूद थे. भारती तमाम चैनलों को इंटरव्यू दे रहे थे. वहीं पत्रकार अपने अनुभव से आपस में बात कर रहे थे कि सीबीआई पूछताछ के पहले दिन किसी को गिरफ्तार नहीं करती है. वे दो-चार बार पूछताछ के लिए बुलाएंगे और किसी एक रोज गिरफ्तार कर लेंगे. ऐसा ही हुआ और रात करीब नौ बजे उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया.

पूछताछ के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए सिसोदिया ने कहा, "कोई घोटाला नहीं हुआ है, सारा केस फर्जी है. मैंने नौ घंटे की पूछताछ में इतना ही समझा कि यह मुझे फंसाने की एक साजिश है. आज मुझे समझ आया कि सीबीआई में केस किसी घोटाले की जांच के लिए नहीं बल्कि "ऑपरेशन लोटस" को कामयाब करने के लिए है. भारतीय जनता पार्टी सिर्फ सीबीआई को इस्तेमाल कर रही है. वहां मुझ पर आप पार्टी छोड़ने का भी दवाब बनाया गया."

वहीं सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के बयान का कड़ा खंडन किया है. सीबीआई ने कहा, “सिसोदिया से पूछताछ प्राथमिकी में उनके खिलाफ लगे आरोपों के अनुसार ही पेशेवर तथा कानूनी तरीके से की गई है. आगे भी जांच कानून के अनुसार जारी रहेगी.”

भगत सिंह से तुलना पर विवाद

सबसे पहले आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया को आज का भगत सिंह बताया. वहीं सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की भगत सिंह से तुलना पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ऐतराज जताया. केंद्रीय गृहराज्य मंत्री और नई दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा, “23 साल की उम्र में भारत के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले भगत सिंह की तुलना मनीष सिसोदिया, जिन्होंने जनता को लूटा है, उनसे की जा रही है तो ये शर्म की बात है.”

दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने वीडियो जारी कर कहा, “जब से सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को हजारों करोड़ के शराब घोटाले में समन किया है, तभी से सत्ता के नशे में चूर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने भ्रष्टाचारी उपमुख्यमंत्री की तुलना भगत सिंह जी से कर शहीद-ए-आजम का अपमान कर रहे हैं. किसी महान स्वतंत्रता सेनानी की एक शराब घोटाले के भ्रष्टाचारी से तुलना असहनीय है.”

एक तरफ जहां भाजपा का बार-बार कहना है कि यह दिल्ली के शिक्षा मंत्री नहीं, बल्कि आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली की नई शराब नीति के तहत करोड़ों रुपए का घोटाला किया. वहीं आम आदमी पार्टी इसे गुजरात में बढ़ती अपनी लोकप्रियता के कारण भाजपा की बैचेनी बता रही है. दिन भर आप नेताओं ने यही बयान दिया कि गुजरात में भाजपा हार रही है और बैचेन है.

बता दें कि कथित नई शराब नीति घोटाले में विजय नायर, समीर महेंद्रू और अभिषेक बोइन्नली को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है. यह जांच दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश पर सीबीआई और ईडी कर रही हैं.

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