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दिल्ली शराब घोटाले से इंडिया अहेड और आंध्र प्रभा का क्या कनेक्शन है?

दिल्ली शराब घोटाले में केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने हैदराबाद से कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली को गिरफ्तार किया. इस घोटाले में सीबीआई की यह तीसरी गिरफ्तारी है. इससे पहले एजेंसी ने ‘ओनली मच लाउडर’ के पूर्व सीईओ  विजय नायर और शराब कारोबारी समीर महेंद्रू को गिरफ्तार किया था.

अभिषेक की गिरफ्तारी के बाद इस घोटाले में भाजपा ने भारत राष्ट्रीय समिति (बीआरएस) के जुड़े होने का आरोप लगाया है. दरअसल अभिषेक के पिता हनुमंत राव बोइनपल्ली, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी टीआरएस के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं.

जैसे-जैसे जांच बढ़ रही है शराब घोटाले में आंध्र प्रभा मीडिया संस्थान का नाम बार-बार आ रहा है. कंपनी से जुड़े तीन लोगों का नाम अभी तक सामने आ चुका है, जिनमें से अभिषेक को गिरफ्तार किया जा चुका है. आंध्र प्रभा के मैनेजिंग डायरेक्टर गौतम मूथा को पूछताछ के लिए ईडी ने बुलाया है, वहीं सीबीआई ने इंडिया अहेड कंपनी के सेल्स और मार्केटिंग प्रेसिडेंट अर्जुन पांडेय का नाम अपनी एफआईआर में लिखा है.

मीडिया संस्थान का शराब घोटाले में रोल

4 अक्टूबर 2022 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आंध्र प्रभा के ऑफिस पर छापेमारी की थी. यह कार्रवाई सुबह से लेकर शाम तक चली. आंध्र प्रभा, तेलंगाना का एक पुराना अखबार है जिसकी शुरुआत 1939 में हुई थी. इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के मालिक रामनाथ गोयनका इस अखबार के संस्थापकों में से एक थे. अभी इस अखबार का मालिकाना हक मूथा परिवार के पास है.

आंध्र प्रभा ने 2018 में अंग्रेजी न्यूज़ चैनल इंडिया अहेड की शुरुआत की थी. चैनल का ऑफिस नोएडा में स्थित है. जुलाई 2020 में इस चैनल से वरिष्ठ पत्रकार भूपेंद्र चौबे जुड़े. वह इंडिया अहेड के एडिटर इन चीफ और सीईओ भी हैं, साथ ही चौबे अखबार के 12 संस्करणों को भी संभालते हैं.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के डायरेक्टर प्रवीण राय की शिकायत पर 17 अगस्त 2022 को सीबीआई ने 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जिसमें से एक नाम अर्जुन पांडेय का है. एफआईआर के अनुसार, “अर्जुन पांडेय ने विजय नायर के कहने पर कारोबारी समीर महेंद्रू से 2-4 करोड़ रुपए लिए थे.”

बता दें कि विजय नायर आम आदमी पार्टी के मीडिया रणनीतिकार हैं. उन्होंने पार्टी के लिए पंजाब में काम किया था और फिलहाल वे गुजरात में पार्टी के लिए काम कर रहे हैं. वहीं समीर महेंद्रू इंडोस्पिरिट के प्रबंध निदेशक हैं.

अर्जुन पांडेय, इंडिया अहेड चैनल में सेल्स और मार्केटिंग प्रेसिडेंट के पद पर काम करते थे. भूपेंद्र चौबे कहते हैं, “पांडेय ने करीब दो महीने पहले कंपनी से इस्तीफा दे दिया. अब वे यहां काम नहीं करते.”

अर्जुन की एक अन्य पहचान, कंपनी में काम करने के अलावा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के एक सहयोगी की भी है. सीबीआई की एफआईआर में पांडेय का नाम है, लेकिन अभी तक एजेंसी ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है.

जौबाकॉर्प के मुताबिक अर्जुन 7 कंपनियों के डायरेक्टर हैं. वह फ्रेम फिल्म लिमिटेड के को-फाउंडर और डेल्हीपीडिया के फाउंडर हैं. यूएनडीपी, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ और गेट फाउंडेशन समेत कई अन्य जगहों पर पांडेय ने काम किया है.

इस पूरे मामले में सीबीआई के अलावा ईडी भी जांच कर रही है. ईडी ने 4 अक्टूबर को अभिषेक बोइनपल्ली को लेकर आंध्र प्रभा पर छापेमारी की थी. इस कार्रवाई के छह दिन बाद सीबीआई ने अभिषेक को गिरफ्तार कर लिया. अभिषेक के बैंक खाते के जरिए 3.5 करोड़ का लेनदेन हुआ है.

अभिषेक कुल 9 कंपनियों में डायरेक्टर हैं. अभिषेक और आंध्र प्रभा अखबार के बीच का तार, एक कंपनी से जुड़ा है. अभिषेक और गौतम मूथा ज़्यूस नेटवर्किंग नामक कंपनी में निदेशक के पद पर हैं. इस कंपनी की शुरुआत पंकज अरोरा ने 2010 में की थी लेकिन फरवरी 2022 में इसे अभिषेक और गौतम को बेच दिया गया.

कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) की वेबसाइट के अनुसार अभिषेक इस कंपनी में 6 अक्टूबर 2021 को, तो वहीं मूथा 11 फरवरी 2022 को अतिरिक्त निदेशक के तौर पर जुड़े. बता दें कि नवंबर 2021 में दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को लागू की थी.

एमसीए पर मौजूद जानकारी के मुताबिक ये कंपनी, अन्य कंपनियों की वेबसाइट का रखरखाव या मल्टीमीडिया प्रेजेंटेशन बनाने जैसी ‘कंप्यूटर संबंधित गतिविधियां’ करती है.

ज़्यूस नटवर्किंग का जो पता दिया गया है, उस पते पर कुल पांच कंपनियां पंजीकृत हैं. जब न्यूज़लॉन्ड्री ने इस पते पर जाकर पड़ताल की तो पता चला कि कंपनी अब यहां नहीं है.

यहां काम करने वाले एक कर्मचारी ने बताया कि पंकज अरोरा ने यह कंपनी फरवरी में बेच दी थी. कर्मचारी के मुताबिक 10 दिन पहले यहां सीबीआई अधिकारी भी आए थे.

अभिषेक का संबंध सीबीआई की एफआईआर में दर्ज एक अन्य नाम अरुण पिल्लई से भी है. दोनों रॉबिन डिस्ट्रिब्यून एलएलपी कंपनी के निदेशक हैं. यह कंपनी 12 जुलाई 2022 में स्थापित की गई. इंडिया टूडे की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि यह एक शेल कंपनी है, जिसका इस्तेमाल उन शराब कंपनियों के कमीशन के हिसाब में किया गया, जिन्हें नई शराब नीति से लाभ हुआ था.

गौतम मूथा, आंध्र प्रभा कंपनी के मालिक हैं. उन्हें ईडी ने मंगलवार को और सीबीआई ने बुधवार को पूछताछ के लिए समन किया. हालांकि एजेंसी की प्रारंभिक एफआईआर में मूथा के नाम का कोई जिक्र नहीं है. मूथा से शराब घोटाले में लेनदेन को लेकर पूछताछ की गई है. हैदराबाद के वरिष्ठ पत्रकार नाम नहीं लिखने की शर्त पर कहते हैं कि अभिषेक ने इंडिया अहेड चैनल में निवेश किया है. हालांकि कंपनी के कागजात में इस निवेश के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

वह कहते हैं, “आंध्र प्रभा अखबार एक जमाने में बड़ा अखबार हुआ करता था लेकिन अब उसकी सर्कुलेशन काफी कम हो गई है. यह अखबार सरकारी विज्ञापन पर चल रहा है.”

न्यूज़लॉन्ड्री ने इस संबंध में प्रवर्तन निदेशालय से बात करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.

बता दें कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में 17 नवंबर 2022 को नई शराब नीति लागू की थी. लेकिन इस नीति के कारण शराब कारोबारियों को नुकसान होने लगा. बाद में दिल्ली सरकार ने अगस्त 2022 में इस नीति को वापस ले लिया और पुरानी आबकारी नीति फिर से लागू कर दी. इस मामले में जांच की शुरुआत जुलाई 2022 में हुई, जब दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली के मुख्य सचिव की जांच पर सीबीआई सिफारिश की थी.

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