Media
टीआरपी घोटाला: मुंबई पुलिस और ईडी की चार्जशीट में कई अंतर
टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स (टीआरपी) घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विशेष पीएमएलए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि उसे कुछ पैनल परिवारों ने बताया है कि उन्हें न्यूज़ नेशन और इंडिया टुडे देखने के लिए पैसे दिए गए.
पैनल परिवार वे परिवार हैं जिनके घरों में रेटिंग मापने के लिए मीटर लगाया जाता है. इससे पता चलता है कि किसी चैनल या किसी कार्यक्रम को कितना देखा गया.
ईडी ने अपनी चार्जशीट में रिपब्लिक टीवी और रिपब्लिक भारत को क्लीन चिट दी है. एजेंसी ने कहा, “रिपब्लिक टीवी द्वारा टीआरपी के लिए पैसे देने के आरोपों की विस्तृत जांच की गई. लेकिन न तो डिजिटल और न ही कोई ऐसा बयान मिला, जिसमें रिपब्लिक टीवी के शामिल होने का सबूत हो.”
बता दें कि मुंबई पुलिस ने टीआरपी घोटाला मामले में, मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में दाखिल किए गए अपने आरोप पत्र में अर्णब गोस्वामी और एआरजी आउटलायर मीडिया के चार अन्य कर्मचारियों का नाम शामिल किया है.
ईडी ने अपनी चार्जशीट में बताया कि, “उसे सबूत मिले कि कुछ क्षेत्रीय और मनोरंजन टेलीविजन चैनल, सैंपल या ‘पैनल’ परिवारों को भुगतान करके टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स (टीआरपी) में हेरफेर करने में शामिल थे.”
साथ ही रिपोर्ट में कहा गया, “जिन घरों पर टीआरपी मापने के पैनल लगे हैं, उन परिवारों ने रिपब्लिक टीवी या रिपब्लिक भारत देखने के लिए पैसे लेने से इनकार किया.”
ईडी की चार्जशीट में क्षेत्रीय चैनलों (फख्त मराठी, बॉक्स सिनेमा) के अलावा न्यूज़ नेशन और इंडिया टुडे को लेकर कहा कि जांच के दौरान उन्हें कुछ घरों में दोनों चैनल देखने के बदले पैसे दिए जाने की जानकारी मिली. इसकी जांच जारी है.
इसके साथ ही एजेंसी ने बार्क के विजिलेंस विभाग द्वारा टाइम्स नाउ के खिलाफ साल 2017 में टीआरपी में हेराफेरी को लेकर दर्ज केस का भी जिक्र किया है. टाइम्स नाउ ने विजिलेंस विभाग की इस रिपोर्ट पर 13 दिसंबर 2017 को बताया कि वह किसी भी तरह के टीआरपी हेराफेरी में नहीं जुड़ा है इसलिए इसे बंद कर देना चाहिए साथ ही कारण बताओ नोटिस को वापस ले लेना चाहिए.
ईडी ने कहा, टाइम्स नाउ के मामले में कुछ अनियमितता पाई गई हैं. जिसकी सही से जांच होनी चाहिए.
ईडी ने अपनी चार्जशीट में 16 आरोपियों को नामित किया है. इनमें बॉक्स सिनेमा, फख्त मराठी और महा मूवीज चैनलों के निदेशक और हंसा रिसर्च ग्रुप से जुड़े कई रिलेशनशिप मैनेजर (आरएम) शामिल हैं, जो ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) द्वारा नियोजित ठेकेदार है.
मुंबई पुलिस और ईडी की चार्जशीट में अंतर
ईडी ने अपनी चार्जशीट में उन घरों का जिक्र किया है जिन्हें पैसे देकर चैनल देखने को कहा गया. एजेंसी ने कहा, मुंबई पुलिस ने अपनी चार्जशीट में रिपब्लिक टीवी के कर्मचारी घनश्याम सिंह को आरोपी बनाया साथ ही रिपब्लिक भारत और रिपब्लिक टीवी पर टीआरपी में छेड़छाड़ करने का जिक्र किया है. लेकिन उसे अपनी जांच में ऐसा नहीं मिला.
ईडी ने कहा, जिन घरों में पैसे देकर टीवी देखने के लिए कहा गया, उन घरों में रिपब्लिक के अलावा दूसरे चैनल देखे गए. ईडी ने उन 15 लोगों का जिक्र अपनी चार्जशीट में किया है जिनके बारे में मुंबई पुलिस ने अपनी चार्जशीट में बताया कि उन्हें रिपब्लिक टीवी चैनल देखने के लिए पैसे दिए गए.
ईडी ने 15 में से 11 लोगों का बयान दर्ज किया है. 4 लोगों को नोटिस देकर बयान देने के लिए कहा गया. इनमें से किसी ने भी रिपब्लिक टीवी का जिक्र अपने बयान में नहीं किया. ईडी ने बार्क से पैनल परिवारों का रॉ डेटा मांगा था. जिससे पता चलता है यह परिवार रिपब्लिक के अलावा अन्य चैनल देख रहे थे. साथ ही इन परिवारों ने पैसे लेकर टीवी चैनल देखने से इंकार कर दिया.
ईडी ने अपनी चार्जशीट में रिपब्लिक टीवी देखने के बदले पैसे देने की बात से भी इंकार किया है. मुंबई पुलिस की जांच को नकारते हुए ईडी ने कहा कि उन्होंने फॉरेंसिक ऑडिट पर भरोसा किया, जिसके अनुसार टीआरपी मापने के तरीके में छेड़छाड़ की गई और खास चैनलों को दिखाया गया.
लेकिन ईडी की रिपोर्ट में बताया गया कि ऑडिटर ने दावा किया कि पुलिस रिपोर्ट में आरोप "सतही और सीमित पहलुओं के विश्लेषण पर आधारित है."
Also Read
-
Ambedkar or BN Rau? Propaganda and historical truth about the architect of the Constitution
-
Month after govt’s Chhath ‘clean-up’ claims, Yamuna is toxic white again
-
The Constitution we celebrate isn’t the one we live under
-
Why does FASTag have to be so complicated?
-
Malankara Society’s rise and its deepening financial ties with Boby Chemmanur’s firms