Report
ट्विन टावर: सुबह से शाम तक की आंखों देखी और टीवी चैनलों की थार-ऑडी कवरेज
नोएडा के सेक्टर 93 स्थित सुपर टेक ट्विन टावर आखिरकार रविवार दोपहर ढ़ाई बजे गिरा दिया गया. टावर के गिरने से इसके आसपास के अपार्टमेंट्स- सुपरटेक एमरल्ड और एटीएस टावर में रहने वाले लोगों ने खुशी जाहिर की. दरअसल इन्हीं अपार्टमेंट्स में रहने वाले लोग लंबे समय से इसे हटाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे.
इस कार्रवाई से पहले सुपरटेक एमरल्ड और एटीएस टावर को एहतियातन पहले ही खाली करा लिया गया था. यही नहीं ट्विन टावर के आस पास बिल्डिगों में रहने वाले लोगों के कंपनी द्वारा इंश्योरेंस भी कराए गए थे. ताकि अगर कुछ नुकसान होता है तो कंपनी उसकी भरपाई करेगी.
नोएडा पुलिस ने तड़के से ही माइक से अनाउंस करना शुरू कर दिया था कि जो लोग अभी भी ट्विन टावर के आस पास वह यहां से खाली कर दें और सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं. इसके बाद लोग सुबह-सुबह अपने रिश्तेदारों के यहां जाते दिखे. इनमें शामिल एक शख्स हिमांशु सिन्हा ने न्यूज़लॉन्ड्री ने बात की. वे इसके गिरने से खुश नजर आए.
सिन्हा कहते हैं, ‘‘जब बिल्डर ने हमें यहां फ्लैट बेचा था तो उस जगह (जहां ट्विन टावर) को हरियाली वाली जगह बताया था. लेकिन बाद में यहा ट्विन टावर बना दिया गया जिस कराण हरियाली खत्म हो गई. और अगर इन फ्लैट में हजारों लोग रहने आते तो हमें और नुकसान होता.’’
जहां एक तरफ आसपास के लोग घर छोड़कर जा रहे थे वहीं दूसरी ओर दिल्ली और नोएडा के रहने वाले लोग यहां सेल्फी लेने पहुंचने. लोगों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए पुलिस ने करीब सात बजे वहां से लोगों को हटाना शुरू किया. तभी थार गाड़ी में ज़ी न्यूज़ की रिपोर्टर वहां पहुंचीं. थार में खड़े होकर वो रिपोर्टिंग करती रहीं. इसके बाद तो जैसे यह सिलसिला ही शुरू हो गया. आज तक, न्यूज़ नेशन और टाइम्स नाउ की एंकर भी खुली गाड़ियों में खड़े होकर रिपोर्टिंग करते हुए नजर आईं. लेकिन इस सबके बीच टाइम्स नाउ की महिला रिपोर्टर आकर्षण का केंद्र बनी रहीं. इसकी वजह थी लाल रंग की ऑडी पर की जा रही रिपोर्टिंग.
नोएडा के डीसीपी ( ट्रैफिक ) गणेश कुमार साहा ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि नोएडा और फरीदाबाद को जोड़ने वाले रास्ते को पत्रकारों की सुविधाओं के लिए बंद किया गया है. उन्होंने कहा कि पत्रकारों ने हमसे गुजारिश की थी कि यहां से ‘व्यू’ अच्छा मिलेगा.
प्रशासन ने टावर को गिराने का समय दोपहर के ढाई बजे तय किया था. तय समय पर टावर में ब्लास्ट हुआ और वो बिखर गया. उसके बाद बेतहाशा धूल इधर उधर फैल गई. हालांकि आसपास के घरों को कोई नुकसान नहीं हुआ. प्रशासन ने जैसा दावा किया था ठीक उसी तरह ट्विन टावर ढह गया.
टावर के गिरने के बाद करीब चार मंजिला ऊंचाई तक मलवा जमा हो गया. जिसे हटाने के लिए नोएडा प्रशासन ने पहले से ही तैयारी की हुई थी. पेड़ और आसपास जमी घुल को हटाने के लिए भी वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया तो वहीं जेसीबी और डंपर के जरिए मलवे को प्रशासन ने हटाना शुरू कर दिया.
सुपर टेक ट्विन टावर तो ढह गया लेकिन एक सवाल अब भी अनुत्तरित है कि क्या इसके लिए जो जिम्मेदार लोग हैं उन्हें कभी सजा होगी?
Also Read
-
A conversation that never took off: When Nikhil Kamath’s nervous schoolboy energy met Elon Musk
-
Indigo: Why India is held hostage by one airline
-
2 UP towns, 1 script: A ‘land jihad’ conspiracy theory to target Muslims buying homes?
-
‘River will suffer’: Inside Keonjhar’s farm resistance against ESSAR’s iron ore project
-
Who moved my Hiren bhai?