Media
सोनभद्र: दैनिक जागरण और अमर उजाला के पत्रकारों पर गोली चली
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में गुरुवार देर शाम को दो पत्रकारों पर बदमाशों ने गोली चला दी. घटना के बाद दोनों ही पत्रकारों को वाराणसी के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है.
पत्रकार श्याम सुंदर पांडेय, दैनिक जागरण और पत्रकार विजय शंकर पांडेय उर्फ लड्डू पांडेय, अमर उजाला के लिए काम करते हैं. अपने कुछ साथी पत्रकारों के साथ दोनों सोनभद्र जिले के खलिहारी क्षेत्र में एक दुकान पर चाय पी रहे थे. इस दौरान बाइक से आए दो लोगों ने चार-पांच राउंड फायर किया और भाग गए. हालांकि गनीमत रही कि दोनों पत्रकारों की जान बच गई.
गोली लगने से घायल 45 वर्षीय लड्डू पांडेय से न्यूज़लांड्री ने बात की. वह कहते हैं, ‘‘हम खलिहारी में इंडियन बैंक के सामने एक दुकान पर चाय पी रहे थे. हम चार लोग आपस में गपशप कर रहे थे. इसी दौरान एक बाइक पर बैठकर दो लोग आए. दोनों ने हेलमेट पहना था. पीछे बैठे शख्स ने हम पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं. जिसमें दो मुझे और दो दैनिक जागरण के साथी श्याम सुंदर पांडेय को लगीं. श्याम को दो गोलियां दोनों हाथों में और मुझे एक सिर और एक गोली पैर पर लगी है.’’
लड्डू पांडेय किसी भी रंजिश से इंकार करते हैं, लेकिन कहते हैं कि गोली चलाने वाले बाहरी हैं और वो कई दिन से उनकी निगरानी कर रहे थे. पांडेय के मुताबिक उनकी किसी से दुश्मनी नहीं है. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
श्याम सुंदर पांडेय अभी अस्पताल में ही भर्ती हैं. उनके भतीजे और उनके साथ ही स्थानीय अख़बार तरुण मित्र में काम करने वाले विनय पांडेय कहते हैं, ‘‘इस घटना के बारे में अभी तक कुछ समझ नहीं आ रहा है. हमारी ऐसी कोई दुश्मनी भी नहीं थी.’’
वह कहते हैं, ‘‘हमलावरों ने श्याम सुंदर के दोनों हाथों में गोली मारी है. एक हथेली और दूसरी गोली उनके दूसरे हाथ की कोहनी में लगी है. जिससे उनकी हड्डी फ्रेक्चर हो गई है. “
विनय कहते हैं, ‘‘पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. शंका के आधार पर दो लोगों को हिरासत में भी लिया है.’’
इस पूरे मामले पर हमने रायपुर थाना अध्यक्ष प्रणय प्रसून श्रीवास्तव से बात की. वे कहते हैं, “जहां ये पत्रकार चाय पी रहे थे उस बाजार की बिजली कटी हुई थी. जिस कारण अंधेरा था. इसी का फायदा उठाकर दो लोग हेलमेट पहनकर बाइक से आए और इन पर गोलियां चला दीं और फरार हो गए.’’
उन्होंने बताया कि दोनों पत्रकार खतरे से बाहर हैं. आरोपियों को पकड़ने के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं. अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है. हम सभी एंगल से जांच कर रहे हैं. कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन लोगों से पूछताछ जारी है.
वह आगे कहते हैं, ‘‘इस घटना का इन लोगों की पत्रकारिता से कोई संबंध नहीं दिखता. हाल फिलहाल में इन्होंने ऐसा कुछ नहीं लिखा है जो इस तरह की घटना का इशारा कर. यह लोग खुद भी बता रहे हैं कि उन्होंने ऐसी कोई खबर नहीं लिखी है. जिससे इस तरह का हमला किया जाए. कोई स्थानीय मामला या कोई पुरानी रंजिश हो सकती है.’’
भारत में मीडिया की स्थिति
‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ हर साल ‘वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स’ जारी करता है. जिसमें अलग-अलग देशों में मीडिया काम करने में कितना आजाद है, उसकी स्थिति बताई जाती है.
बता दें कि वर्ष 2022 में विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में सूचीबद्ध 180 देशों में से भारत 150वें स्थान पर है.
‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ को आरएसएफ के नाम से भी जाना जाता है. इसका मुख्य कार्यालय पेरिस में है. आरएसएफ साल 2002 से विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक जारी करता है. बीते कुछ सालों से लगातार इसकी रेटिंग में भारत पिछड़ता नजर आ रहा है. साल 2017 में भारत 136वें स्थान पर था जो, साल 2018 में 138वें, साल 2019 में 140वें, 2020 में 142वें तो वहीं 2021 में भी 142वें स्थान पर है. वहीं 2022 में आठ अंक गिरकर भारत 150वें स्थान पर आ गया है.
वहीं कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट (सीपीजे) ने 2021 की वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि इस साल पूरे विश्व में 293 पत्रकारों को उनकी पत्रकारिता को लेकर जेल में डाला गया जबकि 24 पत्रकारों की मौत हुई है. अगर भारत की बात करें तो यहां कुल पांच पत्रकारों की हत्या उनके काम की वजह से हुई है.
Also Read: हम मीडिया पर रिपोर्ट क्यों करते हैं?
Also Read
-
4 ml of poison, four times a day: Inside the Coldrif tragedy that claimed 17 children
-
Delhi shut its thermal plants, but chokes from neighbouring ones
-
Hafta x South Central feat. Josy Joseph: A crossover episode on the future of media
-
Encroachment menace in Bengaluru locality leaves pavements unusable for pedestrians
-
Cuttack on edge after violent clashes