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मध्यप्रदेश: बीजेपी की शिकायत पर जिला प्रशासन ने बंद कराए दो न्यूज़ चैनल

मध्य प्रदेश में इन दिनों नगर निगम के चुनाव चल रहे हैं. इसको लेकर कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे पर हमलावर हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा चुनाव में स्थानीय प्रशासन का दुरुपयोग कर रही है. इस आरोप से जुड़ा एक मामला मध्य प्रदेश के रतलाम जिले से सामने आया है. रतलाम के जिला प्रशासन ने बीजेपी जिला अध्यक्ष की शिकायत पर दो केबल ऑपरेटरों के दफ्तर को सील कर दिया. दबाव और विरोध के बाद में प्रशासन ने दफ्तर तो खोल दिया लेकिन अभी भी दोनों चैनल बंद हैं.

बीजेपी जिला अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह लुनेरा ने 10 जुलाई को जिला निर्वाचन अधिकारी के नाम एक पत्र लिखा. पत्र में कहा गया कि- “स्थानीय अंबर न्यूज़ और डिजीयाना न्यूज़ नेटवर्क (चैनल) द्वारा निष्पक्ष रूप से समाचारों का प्रसारण नहीं किया जा रहा है. यह चैनल कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में अधिक समाचार दिखा रहे हैं. जबकि भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में कम और नकारात्मक खबरें फैलाई जा रही है, जो कि आचार संहिता का उल्लंघन है.”

पत्र में आगे टीवी चैनलों पर रोक लगाने की मांग करते हुए लिखा गया- “दोनों चैनलों पर प्रसारित हो रही इस तरह की खबरों को चुनाव परिणाम आने तक तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए और नियमानुसार कार्रवाई की जाए.”

बीजेपी अध्यक्ष द्वारा लिखा गया पत्र

रविवार को बीजेपी अध्यक्ष द्वारा लिखे गए इस पत्र पर तुरंत कार्रवाई करते हुए एसडीएम ऑफिस से एक पत्र डिजीयाना न्यूज़ नेटवर्क और अंबर न्यूज़ नेटवर्क को लिखा गया. इस पत्र में बीजेपी अध्यक्ष की शिकायत का हवाला देते हुए चार प्रश्न पूछे गए.

पत्र में आदेश दिया गया कि है कि 11 जुलाई यानी की सोमवार दोपहर 2 बजे तक एसडीएम कार्यालय में आकर जरूरी दस्तावेज और अपना जवाब जमा करें.

एसडीएम कार्यालय द्वारा चैनलों को भेजा गया नोटिस

बता दें कि अंबर न्यूज़ और डिजीआना हलचल न्यूज़, रतलाम के दो स्थानीय चैनल हैं. अंबर न्यूज़ यहां के जीटीपीएल केबल पर आता है जबकि डिजीआना हलचल न्यूज़, डिजीआना केबल नेटवर्क पर आता है.

जीटीपीएल केबल और अंबर न्यूज के ऑपरेटर संतोष जाट न्यूज़लॉन्ड्री से कहते हैं, “नोटिस पर भले ही 10 जुलाई लिखा है, लेकिन हमें वह 11 जुलाई को मिला. हमने अपना जवाब भी तैयार कर लिया था. लेकिन जवाब जमा करते उससे पहले ही प्रशासन ने हमारे दफ्तर को सील कर दिया.”

वह आगे कहते हैं, ‘‘एसडीएम के साथ प्रशासन के लोग करीब 2 बजे हमारे दफ्तर पहुंचे और उन्होंने उसे सील कर दिया. इसके बाद वहां प्रेस क्लब के कई सदस्य और अन्य पत्रकार पहुंच गए. सभी ने जिला अधिकारी से मुलाकात कर दफ्तर खोलने की मांग की ताकि केबल को फिर से चालू किया जा सके.”

रतलाम जिले में नई दुनिया के पत्रकार नरेंद्र जोशी बताते हैं, “केबल टीवी के दफ्तर को सील करने के कारण उस केबल पर कोई भी चैनल नहीं चल पा रहा था. इसलिए हमने प्रशासन से सील को खोलने की मांग की.”

रतलाम प्रेस क्लब के अध्यक्ष मुकेश गोस्वामी कहते हैं, “दोनों केबल टीवी के दफ्तर सील करने के कारण लोगों को परेशानी हो रही थी. हमने जिला अधिकारी से कहा अगर इन चैनलों ने एकतरफा कवरेज किया है तो उसकी जांच होनी चाहिए. लेकिन इनके केबल टीवी दफ्तर को खोल देना चाहिए ताकि अन्य चैनल चल सकें.”

प्रशासन ने पत्रकारों की बात मानते हुए 11 जुलाई को करीब तीन घंटे बाद शाम को 5 बजे दोनों केबल चैनलों के दफ्तर को खोल दिया. संतोष जाट कहते हैं, “भले ही सील 5 बजे खोल दी गई लेकिन हमें केबल सेवा चालू करने में रात के 9:30 बज गए. तब तक सारे चैनल बंद रहे.”

जिला प्रशासन ने केबल नेटवर्क का दफ्तर तो खोल दिया लेकिन दोनों स्थानीय चैनल अभी भी बंद हैं. डिजीआना हलचल न्यूज़ के संचालक कृष्णा रावत कहते हैं, “राजनीति द्वेष के कारण हम पर कार्रवाई की गई. अगर कवरेज एकतरफा थी तो हमें निर्वाचन आयोग नोटिस देता लेकिन यहां तो सीधे प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए दफ्तर सील कर दिया.”

संतोष जाट कहते हैं, “जिला निगरानी समिति भी है जो चुनावों के समय टीवी चैनलों के कवरेज को देखती है. लेकिन उस समिति ने हमें कवरेज को लेकर कभी कोई नोटिस नहीं दिया.”

प्रेस क्लब के अध्यक्ष मुकेश जिला निगरानी समिति सदस्य हैं. इस समिति में जिलाधिकारी, एडीएम, एसडीएम और पीआरओ के अलावा एक पत्रकार सदस्य होता है.

मुकेश कहते हैं, “इन दोनों चैनलों की कवरेज की जांच किए बिना ही यह कार्रवाई की गई. यह मीडिया को दबाने की कोशिश है.”

न्यूज़लॉन्ड्री ने शिकायतकर्ता बीजेपी जिला अध्यक्ष लुनेरा से उनका पक्ष जाना. वे कहते हैं, “दोनों केबल ऑपरेटर पूरी तरह एकपक्षीय ख़बरें दिखा रहे थे जिसकी शिकायत पार्टी द्वारा कलेक्टर से की गई थी. शहर में काम कर रहे दोनों केबल ऑपरेटर कांग्रेस के करीबी हैं.”

कृष्णा रावत कहते हैं, “प्रशासन की कार्रवाई दवाब में की गई है. क्योंकि 10 जुलाई को बीजेपी अध्यक्ष शिकायत करते हैं, उसी दिन हमें नोटिस जारी किया जाता है. उस जवाब को स्वीकार किए बिना ही हम पर कार्रवाई कर दी जाती है.”

रतलाम के जिलाधिकारी नरेंद्रराज सूर्यवंशी इस पूरे मामले का एक नया पक्ष हमारे सामने रखते हैं. उनके मुताबिक केबल चैनलों का ऑफिस सील ही नहीं किया गया. सिर्फ एसडीएम पूछताछ के लिए उनके दफ्तर गए थे.

वो कहते हैं, “दोनों चैनल कांग्रेस प्रत्याशी के रिश्तेदारों द्वारा संचालित हैं और उन्होंने स्वीकार किया कि वे एकतरफा कवरेज कर रहे थे. उन्होंने वादा किया कि आगे से ऐसा नहीं करेंगे. उनके साथ कई पत्रकार भी मौजूद थे. इसलिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.”

जिलाधिकारी कहते हैं, “ऑपरेटरों के द्वारा न्यूज़ चैनल चलाने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन यह समदर्शी भाव से होना चाहिए. हमने एक अन्य पत्रकार को भी एकपक्षीय ख़बरें दिखाने के लिए नोटिस दिया है.”

क्या यह कार्रवाई बीजेपी नेता के दबाव में की गई? इस पर सूर्यवंशी कहते हैं, “कांग्रेस ने भी हमें कई शिकायतें की हैं. उस पर भी हमने कार्रवाई की है. वह मौखिक शिकायत करते हैं, जबकि बीजेपी अध्यक्ष ने लिखित शिकायत दी थी.”

दोनों चैनल 11 जुलाई से बंद है. क्या प्रशासन ने चैनल को बंद करने के लिए कहा है? इस सवाल पर कृष्णा रावत कहते हैं, “हम पर दवाब बनाया गया कि चैनल को चुनाव परिणाम तक बंद रखना है. अगर दवाब नहीं होता तो हम क्यों बंद करते. वैसे हमें संतोष है कि हमारा केबल नेटवर्क चल रहा है जिससे जनता को दिक्कतें नहीं हो रही हैं. हम परिणाम के बाद अपना चैनल फिर से चालू कर लेंगे.”

वही संतोष जाट कहते हैं, “हमने प्रशासन से मुलाकात कर फिर से चैनल शुरू करने की बात की है, जैसे ही वह स्वीकृति मिलेगी, हम शुरू कर देगें.“

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