Khabar Baazi
हाथरस मामले में मोहम्मद जुबैर को कोर्ट ने 27 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेजा
ऑल्ट न्यूज़ के को फाउंडर मोहम्मद जुबैर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. हाथरस में दर्ज एफआईआर मामले में जिला कोर्ट ने गुरुवार को उन्हें 27 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
दिल्ली में जुबैर की गिरफ्तारी के बाद 4 जुलाई को हाथरस में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. यह एफआईआर महादेव की तस्वीर ट्वीट करने को लेकर हुई थी. यूपी पुलिस के अनुरोध पर हाथरस कोर्ट से जुबैर को अदालत में पेश होने का वारंट जारी किया गया, जिसके बाद आज उनकी कोर्ट में पेशी हुई.
वहीं जुबैर के वकीलों की तरफ से यह कहा जा रहा है कि यूपी पुलिस जुबैर को जेल में रखने के लिए एक बाद एक एफआईआर सामने लेकर आ रही है.
गौरतलब है ऑल्ट न्यूज़ के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर के खिलाफ उत्तर प्रदेश में कुल छह मुकदमे दर्ज हैं, जिनकी जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है. जांच आईजी स्तर के अधिकारी करेंगे. यह सभी एफआईआर एक ही धारा में दर्ज की गई हैं.
जुबैर के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमों की एफआईआर से पता चलता है कि सभी छह मुकदमे धारा 153A और 295A के तहत लिखे गए हैं. धारा 153 (ए) उन लोगों पर लगाई जाती है, जो धर्म, भाषा, नस्ल इत्यादि के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं. वहीं धारा 295(ए) उन लोगों पर लगाई जाती है जो धार्मिक भावनाएं आहत करने का कार्य करते हैं.
जुबैर के खिलाफ सीतापुर, लखीमपुर, मुज़फ़्फ़रनगर, गाजियाबाद और हाथरस में दो एफआईआर दर्ज हैं. सुप्रीम कोर्ट से सीतापुर मामले में अंतरिम जमानत मिल चुकी है. वहीं, लखीमपुर मामले में शुक्रवार को जमानत पर सुनवाई होनी है.
इस बीच मोहम्म्द जुबैर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है कि उनके विरुद्ध यूपी में दायर सभी मामलों को रद्द किया जाए. याचिका में जांच के लिए गठित एसआईटी की संवैधानिकता पर भी सवाल उठाया गया है.
Also Read
-
TV Newsance 317 Diwali Special: Godi hai toh mumkin hai, NDTV’s Adani makeover, Taliban flip
-
Delhi’s Diwali double standard: Markets flout cracker norm, govt’s pollution plan falters
-
‘Jailing farmers doesn’t help anyone’: After floods wrecked harvest, Punjab stares at the parali puzzle
-
Billboards in Goa, jingles on Delhi FMs, WhatsApp pings: It’s Dhami outdoors and online
-
South Central 47: Dashwanth’s acquittal in rape-murder case, the role of RSS in South India