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आज तक के हुए सुधीर चौधरी और एलियन के घोड़े दौड़ाता न्यूज़ नेशन

लंबे वक्त के बाद इस बार धृतराष्ट्र-संजय संवाद की वापसी हो रही है. देश में चौमासा लग गया है. बरसात हो रही है. कहीं कम कहीं ज्यादा. इससे वातावरण में उमस बहुत बढ़ गई है. यही धृतराष्ट्र की चिंता का एकमात्र सबब रहा. बाकी आर्यावर्त में सबकुछ अपनी पुरानी लय में चल रहा था.

खबरिया चैनलों की दुनिया में अंधेरा कायम रहा. इस हफ्ते हुड़कचुल्लू एंकर-एंकराओं की जहरखुरानी के लिए मां काली का अवतरण हुआ. आस्थाओं के आहत होने का खेल काली और कलकत्ते वाली के नाम पर चला. गाहे-बगाहे कनाडा वाली का जिक्र भी हुआ.

फिल्मसिटी की बैरकों यह हफ्ता सुनामी लेकर आया, जब तिहाड़ शिरोमणि के आज तक से जुड़ने की ख़बर सामने आई. जानकारों ने इस बात पर अचरज जाहिर किया कि सारे विषधर एक साथ, एक डब्बे में बंद हो जाएंगे तो कुछ न कुछ अनर्थ होकर रहेगा. जैसे अलग-अलग प्रजाति की शराब को आपस में मिलाना खतरनाक है, अलग-अलग ब्लड ग्रुप का संपर्क खतरनाक है उसी तरह कई भांति के जहर का आपस में मिलना भी नुकसानदायक हो सकता है. हालांकि कुछ जानकार इस बात से खुश है कि अब एक शानदार जुगलबंदी देखने को मिलेगी जब नोट में नैनो चिप वाले दोनों धुरंधर एक साथ पंचम सुर में रेकेंगे.

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