Khabar Baazi
सीतापुर केस में ऑल्ट न्यूज़ के मोहम्मद जुबैर को शर्तों के साथ जमानत
हेट स्पीच मामले में ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है. हालांकि वे अभी दिल्ली पुलिस की हिरासत में ही रहेंगे.
जुबैर ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत की मांग करते हुए एक याचिका दाखिल की थी. याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश को भी चुनौती दी गई जिसमें उन्होंने एक ट्वीट के लिए दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इंकार कर दिया था. मोहम्मद जुबैर ने अपने इस ट्वीट में तीन स्वघोषित हिंदू संतों को "नफरत फैलाने वाले" कहकर बुलाया था. इस ट्वीट के चलते ही सीतापुर में जुबैर के खिलाफ केस दर्ज किया गया था.
जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान उन्हें सीतापुर केस में शर्तों के साथ पांच दिन की जमानत दी है. इस बीच जुबैर न तो कोई ट्वीट कर सकते हैं और न ही देश से बाहर जा सकते हैं.
बता दें कि जुबैर की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट कोलिन गोंजाल्विस ने सुनवाई के दौरान कहा कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि जुबैर न्यायिक हिरासत में हों या पुलिस हिरासत में, पर सवाल ये है कि ज़ुबैर के खिलाफ कोई केस ही नहीं बनता है. कोलिन ने कहा कि जुबैर ने ये बात स्वीकार की है कि ये ट्वीट उसने ही किए हैं फिर पुलिस हिरासत क्यों चाहती है?
कोलिन ने अदालत में कहा कि ज़ुबैर ने केवल जिन्होंने सांप्रदायिक टिप्पणियां कीं, उन्हें सामने लाने का काम किया है. जुबैर ने किसी धर्म के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की है. जिन्होंने हेट स्पीच दी वो तो जमानत पर बाहर हैं और जुबैर ने उन्हें “नफरत फैलाने वाले” कहकर कुछ गलत नहीं किया है.
उन्होंने यह भी बताया कि जुबैर को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं. वहीं जुबैर की जमानत का विरोध कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अंतरिम आदेश को सोमवार तक टालने की दरख्वास्त की थी. हालांकि अदालत ने इसे खारिज करते हुए जुबैर को अंतरिम जमानत दे दी.
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने 27 जून को जुबैर को गिरफ्तार किया था. जुबैर को उनके 2018 में किए गए ट्वीट को लेकर केस दर्ज किया गया है. जिस मामले उन्हें आज सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है वह जून 2022 में सीतापुर में दर्ज किया गया था.
धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर ठेस पहुंचाने के आरोप में जुबैर के खिलाफ आईपीसी की धारा 295(ए) और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत यह मामला दर्ज किया गया. यह एफआईआर राष्ट्रीय हिंदू शेर सेना के सीतापुर जिला प्रमुख भगवान शरण ने दर्ज कराई थी.
इस मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यह कहते हुए जुबैर की याचिका को खारिज कर दिया था. अदालत का कहना था कि एफआईआर देखने के बाद पता चलता है कि जुबैर ने अपराध किया है और इस मामले की जांच करने की जरूरत है.
Also Read
-
TV Newsance 312: Kalli vs NDTV and Navika loves Ranveer
-
In Bihar, over 1,000 voters in a single house that doesn’t exist
-
As Trump tariffs hit India, Baba Ramdev is here to save the day
-
The Rs 444 question: Why India banned online money games
-
South Central 41: Questions over Ambani’s Vantara & the farce of Rahul Mamkootathil as MLA