Media
कन्हैयालाल के हत्यारे का भाजपा से संबंध वाली वीडियो रिपोर्ट दैनिक भास्कर ने क्यों डिलीट की?
दैनिक भास्कर डिजिटल ने उदयपुर हत्याकांड के आरोपी से जुड़ा एक वीडियो 3 जुलाई को पब्लिश किया था, लेकिन 24 घंटे के भीतर ही इसे वेबसाइट से हटा लिया गया. इस वीडियो में दैनिक भास्कर ने दावा किया था कि कन्हैयालाल का हत्यारा रियाज अंसारी भारतीय जनता पार्टी का सदस्य था. भास्कर ने अपने इंवेस्टिगेशन में तीन सबूतों का हवाला दिया था. जिसमें यह साबित किया गया कि रियाज भाजपा का सदस्य था.
न्यूज़लॉन्ड्री के पास दैनिक भास्कर की वह पूरी वीडियो रिपोर्ट मौजूद है.
भास्कर की यह रिपोर्ट तेजी से वायरल हुई और भाजपा को सफाई देनी पड़ी. वीडियो में दिखाई गई कुछ तस्वीरों में रियाज भाजपा के नेताओं के साथ मंच साझा कर रहा है, माला पहन रहा है और गमछा स्वीकार कर रहा है. यह आमतौर पर पार्टी की सदस्यता ग्रहण करते हुए पहनाया जाता है. यह गमछा उन्हें भाजपा के उदयपुर जिला मंत्री करण सिंह सत्तावर पहना रहे हैं. यह फोटो 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले का बताया गया है. उनके साथ तस्वीर में भाजपा शहर जिला अध्यक्ष रविंद्र श्रीमाली भी नजर आते हैं.
भास्कर के इस वीडियो में रियाज के साथ भाजपा के शीर्ष से लेकर निचले स्तर तक के नेताओं की तस्वीरें साझा की गईं. इनमें राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद्र कटारिया भी शामिल हैं और उदयपुर शहर के पूर्व मेयर और भाजपा नेता चंद्र सिंह कोठारी भी. भास्कर ने बताया था कि भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व मंडल अध्यक्ष मोहम्मद ताहिर ने नवंबर, 2019 में एक फेसबुक पोस्ट शेयर की थी, जिसमें ताहिर, रियाज को भाजपा कार्यकर्ता बता रहे हैं. दैनिक भास्कर की यह रिपोर्ट निखिल शर्मा ने की थी.
अब यह वीडियो भास्कर की वेबसाइड से डिलीट कर दिया गया है. इस लिंक पर जब हम क्लिक करते हैं तो वहां लिखा दिखाता है, "आप जो पेज खोज रहे हैं, वह उपलब्ध नहीं है. कृपया नीचे दिए बटन पर क्लिक कर होम पेज पर जाएं या नीचे दी गई टॉप खबरें पढ़ें"
न्यूज़लॉन्ड्री ने यह जानने की कोशिश की कि भास्कर ने यह वीडियो क्यों डिलीट किया. दैनिक भास्कर के रिपोर्टर इस वीडियो रिपोर्ट को करने की बात तो स्वीकारते हैं लेकिन वीडियो डिलीट की बात पर चुप्पी साध लेते हैं.
रिपोर्टर निखिल शर्मा कहते हैं, "हां यह खबर मैंने ही की थी. हमें जानकारी मिली थी कि रियाज भाजपा से जुड़ा हुआ है. इसके बाद हमने इंवेस्टिगेशन की. हमने कुछ तस्वीरें जुटाईं, जिससे पता चला कि रियाज भाजपा के सदस्यता अभियान में शामिल हुआ था. जिसमें वह भाजपा का गमछा पहनते हुए नजर आ रहा है. इस कार्यक्रम में सदस्यता अभियान का कॉर्डिनेटर रियाज को माला पहना रहा है."
उनकी इंवेस्टिगेशन में यह भी सामने आया, "रियाज पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद्र कटारिया के दामाद के साथ भी काम करता था. वहीं हत्याकांड होने के बाद भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पेज से उस दिन बहुत सारी पोस्ट डिलीट की गईं. वह सभी पोस्ट मोहम्मद रियाज से संबंधित थीं. हमने यह साबित किया कि रियाज भाजपा का सदस्य था."
बीजेपी के दबाव में हटाई वीडियो
दैनिक भास्कर डिजिटल की संपादकीय टीम के एक शीर्ष कर्मचारी हमें बताते हैं, "यह वीडियो वेबसाइट पर पब्लिश हुई थी. जिसमें कन्हैयालाल की हत्या के आरोपी को एक्सपोज किया गया था कि वह कैसे भाजपा से जुड़ा हुआ था. इस वीडियो को 3 जुलाई की शाम यानी रविवार को पब्लिश किया गया और 4 जुलाई यानी सोमवार दोपहर को हटा दिया गया. यह केवल वेबसाइट ही नहीं बल्कि दैनिक भास्कर के जितने भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म हैं वहां से भी हटा लिया गया है. लेकिन यह इतनी देर में ही काफी वायरल हो गई थी."
वह आगे कहते हैं, 'वीडियो हटाए जाने के बारे में जब हमने मैनेजमेंट से बात की तो उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी की ओर से वीडियो हटाने के लिए बहुत ज्यादा प्रेशर था. इस वीडियो के सामने आने से भाजपा की छवि खराब हो रही थी."
दैनिक भास्कर की इस खबर को रीट्वीट करते हुए वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने भास्कर और खबर करने वाले रिपोर्टर की तारीफ की थी. अब यह खबर पेज से डिलीट कर दी गई है.
दैनिक भास्कर के एक अन्य सीनियर रिपोर्टर दबाव की बात स्वीकार करते हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर वह कहते हैं, "आप तो जानते हैं कि ख़बर क्यों हटाई जाती है. वीडियो पब्लिश होते ही भाजपा नेताओं ने दबाव बनाना शुरू कर दिया था. क्योंकि वह काफी वायरल होने लगा था और पार्टी की छवि खराब हो रही थी. इसके बाद मैनेजमेंट ने वीडियो हटाने का फैसला लिया."
हमने दैनिक भास्कर डिजिटल के एडिटर प्रसून मिश्रा से भी बात की. वह वीडियो हटाए जाने के सवाल पर कहते हैं, "वह राजस्थान की लोकल टीम की ख़बर होगी. उसमें कोई समस्या आई होगी तो हटा ली गई होगी. हमें देखना होगा, शायद कोई टेक्निकल इश्यू रहा होगा. हम इसका पता लगाएंगे."
प्रसून बताते हैं कि उदयपुर में पिछले कुछ दिनों में 35-50 से ज्यादा खबरें लोकल लेवल पर पब्लिश हुई हैं. अगर उनमें कुछ इश्यू होंगे तो खबर हटी भी होंगी. हालांकि जिस इंसीडेंट की बात आप कर रहे हैं उसके अन्य कई वीडियो अभी भी हैं.
इसके बाद वो कहते हैं, "मैं पता लगाऊंगा लेकिन मैं आपको बताने के लिए अकाउंटेबल नहीं हूं."
हमने दैनिक भास्कर के स्टेट एडिटर किरण राजपुरोहित से भी बात की. वीडियो हटाए जाने के सवाल पर वह घुमा-फिराकर जवाब देते नजर आए.
राजपुरोहित कहते हैं, "हमारे यहां तो सभी वीडियो चल रहे हैं." जब हमने कहा कि हम उस वीडियो का लिंक आपको व्हाट्सएप कर रहे हैं. तब उन्होंने कहा, "जिस खबर की आप बात कर रहे हैं उसे हमने 48 घंटों से 72 घंटों तक लगातार चलाया था. इसके बाद कुछ वीडियो बड़े या छोटे होते हैं. वे कुछ टेक्निकल कारणों के चलते अप या डाउन हो जाते हैं."
राजपुरोहित लगातार कहते रहे कि वह वीडियो उनके यहां चल रहा है. हमने उनसे कहा कि आप उस वीडियो का व्हाट्सएप लिंक भेज सकते हैं. तब उन्होंने इनकार कर दिया.
बता दें कि उदयपुर के कन्हैयालाल दर्जी की हत्या 28 जून को उनकी दुकान में कर दी गई थी. उन्होंने भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर टिप्पणी की थी. हत्यारों ने घटना के बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो डाले थे. हत्या को अंजाम देने वाले दोनों आरोपियों गौस मोहम्मद और रियाज अंसारी को पुलिस ने कुछ घंटों बाद ही गिरफ्तार कर लिया था.
Also Read
-
Hafta x South Central feat. Josy Joseph: A crossover episode on the future of media
-
Encroachment menace in Bengaluru locality leaves pavements unusable for pedestrians
-
Let Me Explain: Karur stampede and why India keeps failing its people
-
TV Newsance Rewind: Manisha tracks down woman in Modi’s PM Awas Yojana ad
-
A unique October 2: The RSS at 100