Khabar Baazi

जग्गी वासुदेव सद्गुरु ने बीबीसी तमिल का इंटरव्यू बीच में ही छोड़ा

एएनआई के साथ अपने बहुत ही दोस्ताना इंटरव्यू के चंद दिनों बाद, स्वयंभू धर्मगुरु जग्गी वासुदेव उर्फ ​​​​सद्गुरु ने बीबीसी न्यूज़ तमिल को इंटरव्यू दिया. बीबीसी के मुताबिक इस दौरान सद्गुरु की टीम ने कैमरों को बंद कर दिया.

बीबीसी के पत्रकार उनसे सवाल पूछ रहे थे कि उन्हें अपने प्रोजेक्ट्स के लिए पर्यावरण मंजूरी क्यों नहीं मिली, इस पर वासुदेव नाराज हो गए.

उन्होंने कहा, "सरकार ने कहा है कि यहां कोई गैरकानूनी कब्जा नहीं है, सब कुछ सही है, क्या इस देश में कानून नहीं है? क्या सरकार नहीं है? उन्हें अपना काम करने दें. जब सरकार कानून का पालन कर रही है तो आप ‘मीडिया’ ऐसा क्यों कर रहे हैं?"

वासुदेव के उन्हें चुप कराने की कोशिश के बावजूद बीबीसी के पत्रकार पीछे नहीं हटे और उन्होंने एक और सवाल दाग दिया, "जब आप पर्यावरण के बारे में इतने चिंतित हैं तो आपने इन इमारतों को शुरू करने से पहले उचित इजाजत क्यों नहीं ली?"

वासुदेव ने उन्हें फिर से चुप कराया और कहा, "क्या सरकार नहीं है? क्या कोई कानून नहीं है? उन्हें अपना काम करने दो. इसे छोड़ दो... अब बस, प्लीज़"

आगे सवाल के इस बीच वासुदेव ने उनसे अंग्रेजी में कहा, "तुम फिर से अपनी बकवास कर रहे हो... उसका कैमरा बंद कर दो. बस... सुनो दोस्त, मेरी बात सुनो. हर वो कानून जो देश में मौजूद है उसका पालन ​​किया गया है. अगर कोई विसंगति है तो हमने इसे बहुत वक्त पहले ठीक कर दिया, 20 साल पहले, कुछ छोटी सी विसंगति..."

इस मौके पर कैमरा एकदम से बंद हो गया और बीबीसी न्यूज़ तमिल ने स्क्रीन पर एक संदेश फ़्लैश किया, जिसमें कहा गया कि "जो लोग जग्गी वासुदेव के साथ थे, उन्होंने बीबीसी के तीन कैमरों को जबरदस्ती बंद कर दिया".

बता दें कि कोयंबटूर में वासुदेव का ईशा फाउंडेशन परिसर, कानूनों और नियमों का घोर उल्लंघन करके बनाया गया था. न्यूज़लॉन्ड्री ने इस पर विस्तृत इन्वेस्टिगेशन किया है जिसे यहां पर पढ़ा जा सकता है.

Also Read: पत्रकारों और राजनेताओं के कंधों पर पैर रख-रखकर कैसे एक शख़्स जग्गी वासुदेव से सद्गुरु बन गया

Also Read: धंधे की तरकीब: सद्गुरु का ईशा फाउंडेशन टैक्स देने से कैसे बचता है