पत्रकारों ने कहा कि लगभग 10 लोगों के एक समूह ने उन पर लाठियों और डंडों से हमला किया.
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राजस्थान के तीन पत्रकारों पर हमला कर उनके हाथ पैर तोड़े

राजस्थान के जयपुर के कालवाड़ इलाके में, कथित तौर पर जमीन कब्जाने और एक सरपंच के द्वारा सरकारी निधि के हेरफेर की रिपोर्ट छपने के एक हफ्ते के भीतर ही तीन पत्रकारों पर रॉड और पाइपों से कथित तौर पर हमला किया गया. उनके हाथों और पैरों की हड्डियां टूटने की वजह से उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा.

सरपंच त्रिवेंद्र सिंह राजावत उर्फ डब्बू बना, उनके भाई सूर्य प्रताप, बुब्बी और लोकेंद्र सिंह के ऊपर, आईपीसी की धारा 143 (गैर कानूनी तौर पर इकट्ठा होना), 341 (गैरकानूनी तरीके से रोकना), 343 (चोट पहुंचाना) और 427 (शरारत) का मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

पुलिस का कहना है कि स्थानीय दैनिक हमारा समाचार के संपादक रामनिवास चौधरी, उनके संवाददाता साथी कमल देगड़ा, और यूट्यूब पर मरुधर बुलेटिन के नाम से समाचार चैनल चलाने वाले विवेक सिंह जादौन को कथित तौर पर करीब 10 लोगों के द्वारा हमला किए जाने के बाद एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया.

सरपंच पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली रिपोर्ट

हालांकि चौधरी के द्वारा बुधवार को की गई शिकायत के आधार पर दर्ज एफआईआर में, हमले का कोई कारण नहीं दिया गया है लेकिन कालवाड़ के एसएचओ पन्ना लाल जांगीड़ का कहना है, "कुछ लोगों का दावा है कि सरपंच (मंदिर के लिए रखी गई) जमीन को हाउसिंग प्लॉटों के लिए दबा लेना चाहते थे. उस सरपंच का कहना है कि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं था, और पत्रकारों के कवरेज ने उनकी गलत छवि दिखाई."

हमारा समाचार के द्वारा अपलोड किए गए एक वीडियो संदेश में घायल पत्रकारों में से एक ने यह प्रण किया, कि जब तक राजावत और उनके भाई गिरफ्तार नहीं हो जाते वह इलाज नहीं करवाएंगे.

एफआईआर कहती है कि तीनों आदमी, न्यूज़ कवरेज करने के बाद दोपहर में एक स्कूल से लौट रहे थे जब उनकी मारुति स्विफ्ट कार को एक एसयूवी ने टक्कर मारी. "करीब 10-15 लोग स्कॉर्पियो से बाहर निकले, व कार और हम पर डंडो रॉड और पाइपों से हमला किया… उनमें से एक ने बंदूक निकाल ली."

19 मई को हमारा समाचार की एक रिपोर्ट में राजावत के द्वारा कथित तौर पर फंड्स में हेरफेर की बात की गई थी. रिपोर्ट में कहां गया, "अपने पद का गलत इस्तेमाल कर, कालवाड़ के सरपंच त्रिवेंद्र सिंह राजावत ने न केवल पंचायती राज कानून से खिलवाड़ किया है बल्कि सरकार के द्वारा दी गई कोविड मदद को भी 'खुर्द-बुर्द' किया है."

हालांकि, जयपुर पश्चिम की रेसिपी रिचा तोमर ने कहा, "यह पत्रकार बहुत जाने-माने नहीं हैं. यह छोटे स्तर के यूट्यूबर हैं."

लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व विधायक रणवीर सिंह गुड़ा आरोप लगाते हैं कि राजावत, राज्य के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया के खास हैं, जिनके विधानसभा क्षेत्र झोटवाड़ा में कालवाड़ आता है. वे कहते हैं, "वे तीन पत्रकार मंत्री के द्वारा जमीन हथियाए जाने का खुलासा कर रहे थे. वह कुछ समय से अपनी जान पर खतरा झेल रहे हैं. मंत्री को बचाने के लिए सरपंच और उसके गुंडों ने पत्रकारों पर हमला किया… पूरा प्रशासन मंत्री को बचाने की कोशिश कर रहा है."

लेकिन डीसीपी तोमर कहते हैं कि चौधरी के द्वारा लिखाई गई शिकायत में कटारिया का नाम नहीं है.

झोटवाड़ा विधायक से इस मामले पर टिप्पणी लेने के लिए संपर्क नहीं हो पाया.

हमले के दिन दर्ज की गई प्राथमिकी.

नागौर के सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने कहा कि उन्होंने राजस्थान के डीजीपी और जयपुर के कमिश्नर से बात की.

उन्होंने फेसबुक पर लिखा, "जयपुर के कालवाड़ क्षेत्र में पत्रकार कमल देगड़ा, विवेक सिंह जादौन व रामनिवास पर जानलेवा हमले होने का प्रकरण संज्ञान में आते ही तत्काल राज्य के पुलिस महानिदेशक व जयपुर पुलिस आयुक्तालय के कमिश्नर से दूरभाष पर वार्ता की व हमले तथा हमला करवाने में संलिप्त सभी आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करके उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने की बात कही है. पत्रकारों पर इस तरह हमले होना चिंताजनक है!"

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी और पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एक कानून की मांग की. उन्होंने कहा, "राजस्थान में कांग्रेस के राज में, पत्रकारों पर हमले बढ़ रहे हैं. मैं इस गंभीर हमले की निंदा करता हूं."

इस रिपोर्ट को आप अंग्रेजी में यहां पर पढ़ सकते हैं.

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