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एनएल चर्चा 216: पैंगोंग त्सो पर नया पुल, यासीन मलिक को उम्रकैद और गीतांजलि श्री को बुकर पुरस्कार

एनएल चर्चा के इस अंक में पैंगोंग त्सो झील के पास चीन द्वारा बनाया जा रहा दूसरा पुल, यासीन मलिक को उम्रकैद, कश्मीर में जारी टारगेटेड हत्याएं, कपिल सिब्बल का कांग्रेस से इस्तीफा, अमेरिका के नेतृत्व में इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क की घोषणा, पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा अपने स्वास्थ्य मंत्री की बर्खास्तगी और गीतांजलि श्री को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार समेत अन्य विषयों पर चर्चा हुई.

चर्चा में इस हफ्ते एनडीटीवी इंडिया में रक्षा मामलों को कवर करने वाले पत्रकार राजीव रंजन और न्यूज़लॉन्ड्री के सह संपादक शार्दूल कात्यायन शामिल हुए. साथ ही न्यूज़लॉन्ड्री के एसोसिएट एडिटर मेघनाद एस ने भी चर्चा में हिस्सा लिया. संचालन कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.

अतुल चर्चा की शुरुआत कश्मीर के मुद्दे से करते है. वह राजीव से पूछते हैं, “पहले कश्मीर में टीवी कलाकार की हत्या कर दी गई, उससे पहले कश्मीरी पंडित की हत्या और एक पुलिसकर्मी की हत्या हो गई. अभी हाल में यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. कश्मीर में जो यह घटनाक्रम हो रहे है खासकर टारगेट किलिंग, इसके पीछे कारण आपको क्या लगता है?”

इसका जवाब देते हुए राजीव कहते हैं, “इन घटनाओं के जरिए एक संदेश देने की कोशिश की जा रही है. खासतौर पर सीमा पार से की कश्मीर में सबकुछ ठीक नहीं है. 15-20 साल में पहली बार है जब किसी टीवी कलाकार की हत्या की गई है. यह बताने की कोशिश की जा रही है कि हम इस्लाम के नाम पर इसे स्वीकार नहीं करेंगे. ऐसी घटनाएं अमूमन अफगानिस्तान में होती है.”

वह आगे कहते हैं, “यहां एक बात ध्यान देने वाली है कि सुरक्षाबल तो अपना काम कर रहे है लेकिन राज्य में राजनीतिक अस्थिरता है. राज्य का दर्जा खत्म होने के बाद से राज्य में जो राजनीतिक मूवमेंट होना चाहिए था वैसे हो नहीं रहा है. सरकार भले ही कह दें कि हमने पंचायत चुनाव करवा दिया. लेकिन कश्मीर की मुख्य राजनीतिक पार्टियां नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने इसमें भाग नहीं लिया. वैसे ही यासीन मलिक को सजा तो सुना दी गई लेकिन वहां के एक तबके को लगता है कि इस मामले में पारदर्शिता नहीं बरती गई.”

इस विषय पर मेघनाद कहते हैं, “धारा 370 को जिस तरह से हटाया गया वह भी बहुत ही अचानक से हुआ था. साथ ही सरकार ने झूठ बोला की सब कुछ ठीक है लेकिन फिर हमने देखा की कश्मीर में सब कुछ बंद कर दिया गया. इन सब वजहों से पाकिस्तान और अलगाववादियों को यह दिखाना है कि कश्मीर में सबकुछ ठीक नहीं है इसलिए वह कश्मीरी पंडितों की हत्या कर रहे है साथ ही ऐसे सामान्य लोगों को टारगेट कर रहे है ताकि लोग डरें.”

शार्दूल कहते हैं, “चाहे अमरीन भट्ट हों या सैफुल्ला कादरी आतंकियों को आपके धर्म से कोई मतलब नहीं होता. लेकिन राज्य के बाहर के राजनीतिक दल और सरकारें सोचती है कि कश्मीर की जनता यह सब नहीं समझती. यह गलत है, जिसने जीवन में कोई घटना घट रही हो वह सब समझता है. रही बात यासीन मलिक की तो उसे और जल्द सजा होनी चाहिए थी.”

इस विषय के अलावा चीन के द्वारा पैंगोंग त्सो झील पर बनाए जा रहे दूसरे पुल पर भी चर्चा में विस्तार से बातचीत हुई. पूरी बातचीत सुनने के लिए हमारा यह पॉडकास्ट सुनें और न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना न भूलें.

टाइम कोड

00:00 - 02:56 - इंट्रो

02:57 - 8:18 - हेडलाइंस

8:19 - 49:37 - कश्मीर के हालात और यासीन मलिक को उम्रकैद

49:38 - 1:20:22 - चीन मुद्दा

1:20:24 - 1:31:23 - कांग्रेस पार्टी और कपिल सिब्बल का जाना

1:31:24 - सलाह और सुझाव

पत्रकारों की राय, क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए

मेघनाद एस

प्रताप भानू मेहता का यासीन मलिक की सजा पर लेख - द कन्विक्शन ऑफ यासीन मलिक

फिल्म- तहान

वी राइजिंग - वीडियो गेम

शार्दूल कात्यायन

वेरिटेसियम यूट्यूब चैनल का वीडियो - द मैन हूं एक्सीडेंटली किल्ड द मोस्ट पीपल इन हिस्ट्री

साउथ कोरिया अनटचेबल फैमली - डाक्यूमेंट्री

एनएल इंटरव्यू- ए.एस भसीन

अतुल चौरसिया

रामपुर रजा लाइब्रेरी की किताब - सर गुज़िश्ता देहली- जीवनलाल की ज़बानी

बसंत कुमार की प्रसार भारती के सीईओ पर रिपोर्ट - न्यूज़लॉन्ड्री हिंदी

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हर सप्ताह की सलाह और सुझाव

चर्चा लेटर

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प्रोड्यूसर- रौनक भट्ट

एडिटिंग - उमराव सिंह

ट्रांसक्राइब - अश्वनी कुमार सिंह

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