NL Tippani
शिवलिंग की लंबाई नाप रहा आजतक और इंद्राणी के काले बालों में उलझे सुधीर चौधरी
धृतराष्ट्र एक हफ्ता गैप मार कर दरबार पहुंचे थे. दरबारियों का मूड बनाने के लिए उन्होंने दरबार में आम की पार्टी दे रखी थी. इस पार्टी के जरिए डंकापति के आमप्रेम पर दिलचस्प संवाद हुआ.
खबरिया चैनलों की दुनिया में कहने-सुनने को इस हफ्ते बहुत कुछ था. हिंदुस्तान में टेलीविजन पत्रकारिता खासकर हिंदी की टीवी पत्रकारिता में मरहूम एसपी सिंह को पितामह का दर्जा मिला हुआ है. एसपी सिंह आज तक के पहले संपादक थे. 1998-99 में पहली बार जब भगवान गणेश की प्रतिमाओं को दूध पीने की अफवाह कर्मकांडी गिरोह ने उड़ाई तब एसपी सिंह ने इस अफवाह और अंधविश्वास का खंडन करने के लिए मोची की तिपाई को दूध पिलाने का कार्यक्रम आजतक पर चलाया था.
आज तक वालों के पास उन तमाम कार्यक्रमों का मास्टर टेप पड़ा होगा. वो देख सकते हैं. तब से अब के बीच में देश में जो बदला है वो ये है कि एसपी सिंह अब इंसानों की दुनिया में नहीं रहते हैं. सियासत से साइंस का लोप हो चुका है, जैसे सियासत बदली है वैसे ही आज तक भी बदल गया है. अब वहां दिन रात शिवजी का बढ़ता हुआ शिवलिंग खबर है, हर साल उसकी बढ़ती हुई लंबाई राष्ट्रीय उपलब्धि है.
बहरहाल इतिहास के कर्मो कुकर्मों को दुरुस्त नहीं किया जा सकता. अगर कोई ऐसा करता है जो सबसे पहला सवाल खड़ा होगा कि इसकी टाइम लाइन क्या होगी. क्योंकि इतिहास अन्याय, हिंसा, अत्याचारों से भरा पड़ा है. अत्याचार सिर्फ मुगलों, या अंग्रेजों तक सीमित नहीं है. हिंदुओं का इतिहास भी अराजक हिंसा से भरा हुआ है. कल्हण की राजतरंगिणी में हिंदुओं की बौद्धों पर हिंसा और यातना के पूरे-पूरे अध्याय दर्ज हैं. आज के तमाम प्राचीन हिंदू धर्मस्थलों को बौद्ध मठों, स्तूपों का विध्वंस करके बनाया गया है. हिंदू दुनिया का इकलौता समाज है जिसने अत्याचार और अन्याय का संस्थागत ढांचा तैयार कर रखा था. इसे वर्ण व्यवस्था के नाम से जाना जाता है. सवाल है कि आप इतिहास को कहां से सुधारना शुरू करेंगे. इतिहास को नहीं सुधारा जा सकता. इतिहास की गलतियों की माफी होती है, रीकंसीलिएशन होता है, मेल-मिलाप होता है.
Also Read
-
TV Newsance 320: Bihar elections turn into a meme fest
-
We already have ‘Make in India’. Do we need ‘Design in India’?
-
Not just freebies. It was Zohran Mamdani’s moral pull that made the young campaign for him
-
बीच चुनाव में हत्या हो रही, क्या ये जंगलराज नहीं है: दीपांकर भट्टाचार्य
-
Cheers, criticism and questions: The mood at Modi’s rally in Bhagalpur