Khabar Baazi
त्रिपुरा: पत्रकार को गिरफ्तार करने वाला अधिकारी सस्पेंड
त्रिपुरा के पत्रकार निताई डे को बुधवार को स्थानीय अदालत ने जमानत दे दी है. मंगलवार रात वह एक पेट्रोल पंप पर लोगों से बात करते हुए वीडियो बना रहे थे जिसके बाद कॉलेजटिला चौकी की एक पुलिस टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इस टीम को पुलिस अधिकारी अरिंदम रॉय लीड कर रहे थे.
इस दौरान डे की गाड़ी में भी ईंधन खत्म हो गया था. वहां के मैनेजर ने उनकी मदद करने की कोशिश की, लेकिन लंबी कतार में खड़े अन्य लोगों ने इसका विरोध किया. पुलिस ने भी डे को वहां से चले जाने को कहा, लेकिन उन्हें पास ही के बैंक से उठा लिया गया और रॉय उन्हें पूर्वी अगरतला पुलिस स्टेशन ले गए.
30 वर्षीय पत्रकार निताई डे एक स्थानीय अखबार और गुवाहाटी की एक न्यूज़ वेबसाइट के साथ जुड़े हुए हैं. मंगलवार 17 मई की रात, डे को त्रिपुरा पुलिस एक्ट के अनुच्छेद 90 के तहत, शराब के नशे में उपद्रव करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था.
निताई डे के वकील भास्कर देव वर्मा के मुताबिक डे ने कोर्ट में कहा कि ‘न तो उन्हें पुलिस स्टेशन में ज़मानत दी गई, और न ही उन्हें अपने परिवार से बात करने दी जा रही थी.’ अदालत में इस मामले को अन्य अधिवक्ताओं के साथ आगे बढ़ने वाले वकील अरिंदम भट्टाचार्जी का कहना है, “ये पुलिस राज का एक सही उदाहरण है. पत्रकार पुलिस के अत्याचारों से बचे हुए नहीं हैं.”
डे की गिरफ्तारी के बाद स्थानीय पत्रकारों ने बड़ी संख्या में अगरतला प्रेस क्लब के साथ मिलकर थाने के सामने डे की गिरफ्तारी को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया. पुलिस मुख्यालय के सामने भी तकरीबन एक घंटे तक धरना दिया, जिसमें पुलिस अधिकारी अरिंदम रॉय को सस्पेंड करने की मांग भी शामिल थी.
अपनी गिरफ्तारी के बाद डे ने, पूर्वी अगरतला पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज कराई जिसमें उन्होंने कहा कि “पुलिस ने मेरे साथ मारपीट की और मुझे शराब पीने के लिए मजबूर किया, जिससे जांच में यह साबित हो सके की मैं नशे में था. जब मैंने इसका विरोध किया तो उन्होंने मुझे पुलिस वैन में जान से मारने की धमकी दी.”
बुधवार शाम पुलिस अधिकारी अरिंदम रॉय को सस्पेंड कर दिया गया. वेस्ट त्रिपुरा पुलिस सुपरिटेंडेंट बोगति जगदीश्वर रेड्डी के द्वारा जारी निलंबन आदेश के अनुसार, हिरासत में लिए आरोपी के साथ ड्यूटी पर उनके “गंभीर दुर्व्यवहार’ और कानूनी प्रक्रिया का पालन करने में चूक के लिए, रॉय के खिलाफ एक विभागीय कार्यवाही पर विचार किया जा रहा है.
Also Read
-
South Central Ep 2: Nayanthara vs Dhanush, Sandeep Varier, and Kasthuri’s arrest
-
Newsance 275: Maha-mess in Maharashtra, breathing in Delhi is injurious to health
-
Haaretz points to ‘bid to silence’ as Netanyahu govt votes to sanction Israel’s oldest paper
-
प्रोफेसर लक्ष्मण यादव: 14 साल पढ़ाया, 14 मिनट के एक इंटरव्यू में बाहर कर दिया
-
Reporters Without Orders Ep 347: Jhansi fire tragedy, migration in Bundelkhand